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ब्रिटेन से लौटे 364 लोगों में 93 की रिपोर्ट नेगेटिव, मेरठ में मिले 3 संक्रमित

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Published : Dec 26, 2020, 12:55 PM IST

ब्रिटेन से वापस लौटे 364 यात्रियों में से 93 लोगों की अब तक राजधानी लखनऊ में जांच कराई गई, जिनमें सभी की रिपोर्ट नेगेटिव पाई गई. हालांकि मेरठ में एक परिवार के 3 सदस्य कोरोना संक्रमित पाए गए हैं, स्वास्थ्य विभाग मरीजों की जांच कर रहा है.

सांकेतिक चित्र.
सांकेतिक चित्र.

लखनऊ: ब्रिटेन में कोरोना वायरस का नया रूप देखने को मिल रहा है. ऐसे में जो लोग ब्रिटेन से वापस राजधानी लखनऊ पहुंचे हैं, उनको ट्रेस कर उनकी जांच कराई जा रही है. राहत की बात यह है कि ब्रिटेन से वापस लौटे 93 लोगों की अब तक राजधानी लखनऊ में जांच कराई गई, जिनमें कोई भी कोविड-19 पॉजिटिव नहीं पाया गया है. हालांकि मेरठ में एक परिवार के 3 सदस्य कोरोना संक्रमित पाए गए हैं, जिनको लेकर अध्ययन शुरू हो गया है.

मेरठ में एक ही परिवार के 3 सदस्य कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. डॉक्टरों की टीम जांच में जुटी है कि इनके शरीर को वायरस किस तरह से प्रभावित कर रहा है. यदि इस परिवार के सदस्यों के अंदर कोरोना का नया वेरिएंट है, तो यह उत्तर प्रदेश सरकार के लिए एक नई चुनौती होगी. ब्रिटेन से यात्रा कर लखनऊ पहुंचने वाले 364 यात्रियों ने राजधानी की भी चिंता बढ़ा दी है.

यात्रियों की जांच करती मेडिकल टीम.

9 दिसंबर के बाद 130 लोग ब्रिटेन से पहुंचे लखनऊ

स्वास्थ्य विभाग को एयरपोर्ट से यह जानकारी मिली थी कि 26 नवंबर से 5 दिसंबर के बीच 234 लोग ब्रिटेन से यात्रा का लखनऊ पहुंचे थे. वहीं 9 दिसंबर के बाद 130 लोग ब्रिटेन से यात्रा करते हुए लखनऊ पहुंचे हैं. स्वास्थ्य विभाग ने ब्रिटेन से यात्रा का लखनऊ पहुंचने वाले 93 लोगों के सैंपल कलेक्ट कर जांच के लिए भेजे थे, सभी की रिपोर्ट नेगेटिव आई है.

लखनऊ पहुंचने वालों की हो रही पहचान

लखनऊ सीएमओ संजय भटनागर ने ईटीवी भारत को जानकारी देते हुए बताया कि ब्रिटेन से यात्रा का लखनऊ पहुंचने वालों के बारे में जानकारी मिलने के बाद से इन्हें ट्रेस करने की कार्रवाई की जा रही है. हम लगातार ब्रिटेन से यात्रा का लखनऊ पहुंचने वालों की पहचान करने का काम कर रहे हैं.

28 दिन के लिए किया जाएगा क्वारंटाइन

ब्रिटेन से यात्रा कर लखनऊ पहुंचने वाले लोगों को 28 दिन के लिए क्वारंटाइन किया जाएगा. डॉक्टरों के मुताबिक वायरस के नए नेचर के तहत यह 70 फीसदी अधिक तेजी से फैलता है. 28 दिनों तक इसके लक्षण महसूस किए जाते हैं. 70 फीसदी तेजी से फैलने के कारण यह लखनऊ के लिए चिंता का विषय बना हुआ है.

जांच में जुटी डॉक्टरों की टीम.

वायरस के नेचर का होगा अध्ययन

जहां एक और ब्रिटेन से आए लोगों को ट्रेस करने की कार्रवाई की जा रही है. वहीं दूसरी ओर नए वायरस को समझने के लिए अभी से योजना तैयार की जा रही है. स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार नए वायरस के बेहतर इलाज के लिए वायरस की स्टडी की तैयारियां की गई हैं. अगर कोई व्यक्ति संक्रमित पाया जाता है, तो यह वायरस बॉडी पर किस तरह से काम करता है और कैसे बॉडी को प्रभावित करता है. इन तमाम विषयों के साथ कोविड-19 के नए स्वरूप के जेनेटिक इंपैक्ट की भी जांच की जाएगी.

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