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CM Yogi के प्रयास से 'तराई एलिफेंट रिजर्व' को भारत सरकार की मंजूरी, जल्द शुरू होगा काम

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Published : Oct 22, 2022, 9:45 AM IST

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रयासों से अब यूपी में तराई एलिफेंट रिजर्व बनेगा. गौरतलब है कि भारत सरकार ने तराई एलिफेंट रिजर्व (Terai elephant reserve) को हरी झंडी दे दी है.

हाथी.
हाथी.

लखीमपुर खीरी:यूपी में इको टूरिज्म और वाइल्ड लाइफ के संरक्षण को सीएम योगी के प्रयासों से अब यूपी में तराई एलिफेंट रिजर्व बनेगा. भारत सरकार ने तराई एलिफेंट रिजर्व (Terai elephant reserve) को हरी झंडी दे दी है. जलवायु परिवर्तन, वन एवं पर्यावरण मंत्रालय भारत सरकार ने यूपी सरकार के प्रपोजल पर आखिरी मोहर लगा दी है. अब यूपी में तराई एलिफेंट रिजर्व पर जल्द काम शुरू होगा. पीलीभीत, दुधवा टाइगर रिजर्व को मिलाकर नेपाल के तराई में एलिफेंट रिजर्व बनने से जंगली और पालतू हाथियों के संरक्षण में मदद मिलेगी. वहीं, हाथी और मनुष्य के हो रहे संघर्षों को भी रोकने में मदद मिलेगी.

वर्तमान में दिल्ली में आईजी फारेस्ट पद पर तैनात रमेश पाण्डेय ने 2003 में तराई एलिफेंट रिजर्व के लिए नेपाल और भारत में आने जाने वाले जंगली माइग्रेंट हाथियों के कॉरीडोर की खोज कर तराई एलिफेंट रिजर्व बनाने की आवश्यकता पर काम करना शुरू किया था. लंबी कार्रवाई के बाद अब तराई एलिफेंट रिजर्व को भारत सरकार ने आखिरी मंजूरी दे दी है.

TDR का 3049.39 वर्ग किलोमीटर का होगा एरिया
तराई हाथी रिजर्व का एरिया 3049.39 वर्ग किलोमीटर का होगा. इसमें पीलीभीत और दुधवा टाइगर रिजर्व शामिल होगा. पीलीभीत से जुड़ा नेपाल का शुक्लाफांटा नेशनल पार्क और बहराइच के कर्तनियाघाट से सटे नेपाल के वर्दिया नेशनल पार्क से जंगली हाथियों का कॉरिडोर बना हुआ है. 2003 में आईएफएस और कर्तनियाघाट में डीएफओ रहे रमेश पाण्डेय ने तराई में एलिफेंट रिजर्व की आवश्यकता की बात उठाई और इसके लिए प्रयास और पत्राचार शुरू किया. लंबी कार्रवाई के बाद यूपी सरकार ने मार्च में भारत सरकार को पत्र भेज एलिफेंट रिजर्व की मंजूरी के लिए पत्र भेजा था. 21 अक्टूबर को भारत सरकार ने तराई एलिफेंट रिजर्व की स्थापना को मंजूरी की घोषणा कर दी. अब प्रोजेक्ट एलीफेंट के तहत दुधवा और पीलीभीत टाइगर रिजर्व के साथ ये एरिया अब एलिफेंट रिजर्व भी हो जाएगा. अब इसे प्रोजेक्ट एलीफेंट से वित्तीय और तकनीकी सहायता भी मिल सकेगी. अभी तक यूपी में शिवालिक सहारनपुर और बिजनौर का अमानगढ़ ही एलिफेंट रिजर्व में शामिल था, जिसका नोडल सीएफ मुरादाबाद में है. अब तराई की खीरी पीलीभीत और बहराइच जिला भी एलिफेंट रिजर्व में शामिल हो जाएगा.

सीएम योगी ने दिखाई विशेष दिलचस्पी
तराई एलीफेंट टीचर के लिए सीएम योगी ने विशेष दिलचस्पी दिखाई. काफी सालों से चल रहे प्रपोजल को उत्तर प्रदेश जलवायु परिवर्तन एवं वन विभाग ने जब सीएम योगी के सामने रखा तो उन्होंने तेजी से कार्रवाई करते हुए फाइल को आगे बढ़ाया. हालांकि भारत सरकार ने तराई एलिफेंट रिजर्व को मार्च में ही सैद्धांतिक मंजूरी दे दी थी, पर यूपी सरकार से एक प्रस्ताव भारत सरकार को भेजा जाना था. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और वन विभाग के अफसरों ने बिना देर किए प्रस्ताव को बनाकर भारत सरकार को भेजा. भारत सरकार ने कार्रवाई करते हुए अब तराई एलिफेंट रिजर्व को हरी झंडी दे दी है. जंगली हाथियों के संरक्षण के लिए उत्तर प्रदेश में दूसरा एलिफेंट रिजर्व होगा.

क्या होगा फायदा ?
तराई एलिफेंट रिजर्व से क्या फायदा होगा, यह सवाल उठना लाजमी है दुधवा टाइगर रिजर्व पीलीभीत टाइगर रिजर्व में हर साल ही नेपाल के तराई इलाकों से हाथियों का मूवमेंट होता है. जंगली हाथियों के झुंड नेपाल से निकलकर भारतीय जंगल में शाम आते हैं और कभी-कभी वापस भी चले जाते हैं. नेपाल और भारत के बीच तराई का खीरी, पीलीभीत और बहराइच जिला, जिसमें पीलीभीत टाइगर रिजर्व और दुधवा टाइगर रिजर्व और कतर्नियाघाट वन्य जीव विहार और किशनपुर सेंचुरी का इलाका पड़ता है. ये हाथियों की पसंदीदा जगह है. पिछले कुछ सालों से तो हाथी मोहम्मदी रेंज तक जाने लगे हैं. जंगली हाथियों का कुनबा भी यहां खूब फल फूल रहा है. वह यहां ब्रीडिंग भी करते हैं और शावकों को जन्म भी देते हैं. हाथियों को सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराने के लिए तराई एलिफेंट रिजर्व की स्थापना से हाथियों का संरक्षण भी हो सकेगा और हाथी और मनुष्य के बीच जो द्वंद का माहौल बना है उसको भी कहीं न कहीं कम किया जा सकेगा.

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