लखीमपुर खीरी:यूपी में इको टूरिज्म और वाइल्ड लाइफ के संरक्षण को सीएम योगी के प्रयासों से अब यूपी में तराई एलिफेंट रिजर्व बनेगा. भारत सरकार ने तराई एलिफेंट रिजर्व (Terai elephant reserve) को हरी झंडी दे दी है. जलवायु परिवर्तन, वन एवं पर्यावरण मंत्रालय भारत सरकार ने यूपी सरकार के प्रपोजल पर आखिरी मोहर लगा दी है. अब यूपी में तराई एलिफेंट रिजर्व पर जल्द काम शुरू होगा. पीलीभीत, दुधवा टाइगर रिजर्व को मिलाकर नेपाल के तराई में एलिफेंट रिजर्व बनने से जंगली और पालतू हाथियों के संरक्षण में मदद मिलेगी. वहीं, हाथी और मनुष्य के हो रहे संघर्षों को भी रोकने में मदद मिलेगी.
वर्तमान में दिल्ली में आईजी फारेस्ट पद पर तैनात रमेश पाण्डेय ने 2003 में तराई एलिफेंट रिजर्व के लिए नेपाल और भारत में आने जाने वाले जंगली माइग्रेंट हाथियों के कॉरीडोर की खोज कर तराई एलिफेंट रिजर्व बनाने की आवश्यकता पर काम करना शुरू किया था. लंबी कार्रवाई के बाद अब तराई एलिफेंट रिजर्व को भारत सरकार ने आखिरी मंजूरी दे दी है.
TDR का 3049.39 वर्ग किलोमीटर का होगा एरिया
तराई हाथी रिजर्व का एरिया 3049.39 वर्ग किलोमीटर का होगा. इसमें पीलीभीत और दुधवा टाइगर रिजर्व शामिल होगा. पीलीभीत से जुड़ा नेपाल का शुक्लाफांटा नेशनल पार्क और बहराइच के कर्तनियाघाट से सटे नेपाल के वर्दिया नेशनल पार्क से जंगली हाथियों का कॉरिडोर बना हुआ है. 2003 में आईएफएस और कर्तनियाघाट में डीएफओ रहे रमेश पाण्डेय ने तराई में एलिफेंट रिजर्व की आवश्यकता की बात उठाई और इसके लिए प्रयास और पत्राचार शुरू किया. लंबी कार्रवाई के बाद यूपी सरकार ने मार्च में भारत सरकार को पत्र भेज एलिफेंट रिजर्व की मंजूरी के लिए पत्र भेजा था. 21 अक्टूबर को भारत सरकार ने तराई एलिफेंट रिजर्व की स्थापना को मंजूरी की घोषणा कर दी. अब प्रोजेक्ट एलीफेंट के तहत दुधवा और पीलीभीत टाइगर रिजर्व के साथ ये एरिया अब एलिफेंट रिजर्व भी हो जाएगा. अब इसे प्रोजेक्ट एलीफेंट से वित्तीय और तकनीकी सहायता भी मिल सकेगी. अभी तक यूपी में शिवालिक सहारनपुर और बिजनौर का अमानगढ़ ही एलिफेंट रिजर्व में शामिल था, जिसका नोडल सीएफ मुरादाबाद में है. अब तराई की खीरी पीलीभीत और बहराइच जिला भी एलिफेंट रिजर्व में शामिल हो जाएगा.