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कुशीनगर पुलिस मुठभेड़ पर उठे सवाल, कहानी में आधी हकीकत आधा फसाना

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Published : Oct 22, 2022, 8:28 AM IST

कुशीनगर में तुर्कपट्टी थाना क्षेत्र की पुलिस की शुक्रवार रात मुठभेड़ को लेकर सवाल उठ रहे हैं. मुठभेड़ को लेकर जो कहानी बताई गई उसमें आधी हकीकत और आधा फसाना होने की बात सामने आई है.

कुशीनगर पुलिस मुठभेड़
कुशीनगर पुलिस मुठभेड़

कुशीनगर:तुर्कपट्टी थाना क्षेत्र की पुलिस ने शुक्रवार रात मुठभेड़ के दौरान 3 पशु तस्करों की गिरफ्तारी दिखाई. इसके संबंध में पुलिस अधीक्षक धवल जायसवाल ने वीडियो जारी करते हुए कहानी बताई थी. इसमें पुलिस मुखबिर की सूचना पर देर शाम से सघन चेकिंग अभियान के दौरान पशु तस्करों द्वारा बैरियर तोड़ कर पुलिस पर फायरिंग करते हुए भागने की बात बताई गई थी. सोशल मीडिया पर मुठभेड़ को लेकर उठते सवाल और Etv भारत की पड़ताल व विश्वसनीय सूत्रों से मिली जानकारी में पुलिस की जो कहानी मुठभेड़ की दिखाई गई वह आधी हकीकत और आधा फसाना होने की बात सामने आई. पुलिस ने सभी सवालों और दावों को सिरे से खारिज किया है.

इन दिनों कुशीनगर पुलिस पशुओं की बरामदगी और तस्करों की गिरफ्तारी खूब दिखा रही है. अपनी पीठ थपथपाने में पुलिस झूठ का सहारा ले रही है. ऐसी चर्चा इलाके में जोरों पर है. यह सवाल बीती गुरुवार रात को दिखाएं पुलिस मुठभेड़ की कहानी से निकलकर सामने आया है. पशु तस्करी पर अंकुश लगाने के लिए कुशीनगर पुलिस द्वारा लगातार मुठभेड़ करके पशु तस्करों को गिरफ्तार करने का अभियान चलाया गया है. तुर्कपट्टी थाना क्षेत्र के घाघीपुल के पास कई थानों की पुलिस ने संयुक्त मुठभेड़ में 3 पशु तस्करों को गिरफ्तार दिखाया. इसकी पुष्टि स्वयं पुलिस कप्तान ने वीडियो क्लिप पुलिस मीडिया सेल ने जारी कर की. अब सोशल मीडिया पर मुठभेड़ को लेकर सवाल उठ रहे हैं.

शुक्रवार देर शाम तुर्कपट्टी थाना क्षेत्र के घाघी पुल के पास तुर्कपट्टी, तमकुहीराज और पटहेरवा की पुलिस ने संयुक्त मुठभेड़ कर 3 पशु तस्करों की गिरफ्तारी व एक ट्रक पशु बरामद करने का दावा किया. इस मुठभेड़ के बाबत पुलिस द्वारा जारी प्रेसनोट व पुलिस कप्तान की बाइट और मुठभेड़ की तस्वीरों को देखकर पुलिस स्वयं अपनी पीठ थपथपाने में जुटी हुई है. लेकिन, इस मुठभेड़ के पीछे का सच कुछ और है.

ईटीवी भारत की तहकीकात और विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो गुरुवार को 12.30 बजे क्षेत्राधिकारी तमकुहीराज के हमराही दिब्यमान और चालक गुलाम अचानक अपने क्वार्टर जाते हैं. उस क्वार्टर में मौजूद विशुनपुरा थाने पर तैनात सिपाही नीरज सिंह के साथ बाइक पर सवार होकर हाईवे की तरफ निकले. हाईवे पर पहुंचने के साथ ही उन लोगों द्वारा ट्रक को अपने कब्जे में ले लिया जाता है. क्योंकि, उस समय विद्यावती देवी महाविद्यालय की छुट्टी हुई थी और काफी छात्र हाईवे पर थे. उक्त ट्रक के पकड़े जाने के साथ ही जैसे क्षेत्राधिकारी तमकुहीराज को यह सूचना मिलती है, वह अपने कक्ष से जनसुनवाई को छोड़कर बाहर निकलते और थाने में मौजूद कुछ सिपाहियों और एसएसआई को लेकर अपनी गाड़ी से मौके पर पहुंचते हैं.

ट्रक के पास अपनी गाड़ी लगाकर ट्रक में सवार तीन तस्करों को अपनी गाड़ी में बैठाकर उन्हें अन्यत्र लेकर चले जाते हैं. उस समय से लेकर लगभग 6 बजे तक उक्त ट्रक एक होटल के अपोजिट में कुछ दूर आगे हाईवे पर खड़ा रहता है. पुलिस के अज्ञात व्यक्ति को उसकी देख-रेख में भी रखने की बात प्रत्यदर्शियों ने बताई. खड़े ट्रक को प्रमाणित करने के लिए लोगों ने खड़े ट्रक का फोटो और वीडियो निकाल लिया.

अंधेरा होने के कुछ देर बाद ही पुलिस मुठभेड़ में तस्करों और पशुओं से भरी ट्रक की बरामदगी की सूचना मीडिया सेल के माध्यम से सोशल साइट पर आ गई. लेकिन, दोपहर में तमकुहीराज में पकड़े गए ट्रक के साथ 25 किमी पीछे घाघी पुल के पास मुठभेड़ दिखाई जाती है. इस मुठभेड़ का सच यही है कि उक्त बरामदगी को क्षेत्राधिकारी तमकुहीराज के हमराही दिब्यमान यादव, चालक और बिशुनपुरा थाने में तैनात सिपाही नीरज सिंह द्वारा मिलकर की गई. इस संबंध में पुलिस अधीक्षक से बात करने के लिए फोन किया तो काल रिसीव नहीं हुई.

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तमकुहीराज क्षेत्राधिकारी जितेंद्र सिंह कालरा ने उक्त मामले में पुलिस पर उठ रहे सवालों को नकारा है. उन्होंने कहा कि जब पुलिस ट्रक के पास नहीं दिख रही तो वह तस्वीरें लखनऊ की भी हो सकती हैं. पुलिस ने जो बात मुठभेड़ को लेकर बताई वो सही हैं. कोई सोशल मीडिया पर कुछ कह रहा वह पूर्णतः निराधार हैं.

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