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बुंदेलखण्ड में नीम और महुआ के पौधों को मिलेगा बढ़ावा, दिया जा रहा प्रशिक्षण

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Published : Mar 19, 2021, 6:20 PM IST

बुन्देलखण्ड में महुआ और नीम जैसे तेल देने वाले पेड़-पौधों को बढ़ावा देने के लिए सरकार प्रयास शुरू कर रही है. किसानों को प्रेरित करने के लिए झांसी के दीन दयाल सभागार में गुरुवार को एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

बुंदेलखण्ड में नीम और महुआ के पेड़ को मिलेगा बढ़ावा
बुंदेलखण्ड में नीम और महुआ के पेड़ को मिलेगा बढ़ावा

झांसी: बुन्देलखण्ड में महुआ और नीम जैसे तेल देने वाले पेड़-पौधों को बढ़ावा देने के लिए सरकार प्रयास शुरू कर रही है. किसानों को प्रेरित करने के लिए झांसी के दीन दयाल सभागार में गुरुवार को एक प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कृषि विभाग के अलावा कृषि से जुड़े कई संस्थानों के विशेषज्ञ यहां किसानों को प्रशिक्षण देने के साथ ही इससे जुड़े उत्पादों और आमदनी के बारे में जानकारी देने के लिए मौजूद रहे.

प्रशिक्षण शिविर व सेमिनार का आयोजन
वृक्ष जनित तेल कार्यक्रम के तहत आयोजित इस प्रशिक्षण शिविर व सेमिनार में झांसी के डीएम आंद्रा वामसी व अन्य अधिकारी मौजूद रहे. अलग-अलग हिस्सों से आए किसान भी इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में मौजूद रहे. वक्ताओं ने कहा कि बुन्देलखण्ड में नीम, महुआ, रेशम आदि के पेड़-पौधों की रोपाई के माध्यम से किसान आमदनी के नए स्रोत पैदा कर सकते हैं, क्योंकि इन पेड़-पौधों से कई तरह के आयुर्वेदिक उत्पाद तैयार होते हैं.

महुआ और नीम को बढ़ावा
झांसी के डीएम आंद्रा वामसी ने कहा कि इस क्षेत्र में हम नीम और महुआ के पेड़ को बढ़ावा दे सकते हैं. आंवला, नीम, महुआ, रेशम आदि के सम्बंध में एक विस्तृत आयोजन किया गया है. वर्कशॉप में किसानों को प्रशिक्षित करना है. पिछले साल रेशम विभाग की ओर से 70 एकड़ क्षेत्र में रेशम की पैदावार की गई थी. इस साल महुआ और नीम को बढ़ावा दिया जा रहा है.

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