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जैविक खेती से खलिहानों की उम्र बढ़ा रहे उमानाथ

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Published : Feb 8, 2021, 4:54 PM IST

यूपी के जौनपुर में किसान उमानाथ यादव पूर्वांचल के मॉडल किसान के रूप में जाने जाते हैं. उमानाथ यादव को साल 2013 में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और 2014 में पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने इन्हें कृषि में उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया था.

उमानाथ यादव
उमानाथ यादव

जौनपुरः किसान उमानाथ यादव जीरो बजट खेती के माध्यम से देश भर में अपना लोहा मनवा चुके हैं. 2013 में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी और 2014 में पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल ने इन्हें कृषि में उत्कृष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया था. मगर आज अन्नदाताओं की हालत देखकर उमानाथ यादव लाचार हो चुके हैं.

2014 में पंजाब सरकार में प्रकाश सिंह बादल ने उमानाथ को कृषि में उत्कृष्ट कार्यों के लिए सम्मानित किया है.

पूर्वांचल के मॉडल किसान हैं उमानाथ
पूर्वांचल में मॉडल किसान के रूप में पहचान बनाने वाले उमानाथ यादव जीरो बजट खेती के मास्टर माइंड हैं. कई प्रदेशों में व्यवसायिक खेती का गुर सिखाने के साथ खेती की आधुनिक तकनीक बताने वाले उमानाथ बेरोजगारों को प्रेरित भी करते हैं. ईटीवी से खास बातचीत में सोमनाथ यादव बताते हैं कि 1974 में जौनपुर के तिलकधारी महाविद्यालय में बीएससी एजी कि शिक्षा उत्तीर्ण करने के बाद उन्होंने खेती को ही रोजगार का जरिया बनाया. कड़ी मेहनत व लगन से जैविक खेती कर के उत्पादन में वृद्धि के साथ-साथ गुणवत्ता में भी सुधार किया.

क्या होती है जीरो बजट खेती ?
उमानाथ नाथ यादव बताते हैं कि जीरो बजट खेती में रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग नहीं किया जाता है. गाय के गोबर और केंचुए से जैविक खाद तैयार की जाती है. जिससे खेती में आने वाली लागत घट जाती है और वह न के बराबर रहती है. इस पूरी प्रक्रिया में किसान की मेहनत बढ़ती है तो वही खेत की मिट्टी की गुणवत्ता भी बरकरार रहती है. जैविक खाद से न सिर्फ फसलों की अच्छी पैदावार होती है बल्कि जमीन में मौजूद उर्वरक क्षमता बढ़ाने के तत्व भी बढ़ जाते हैं.

कई राज्यों में मिल चुका है सम्मान
उमानाथ यादव को जौनपुर कृषि रत्न समेत कई पुरस्कारों से नवाजा गया है. इसके अलावा सन् 2007 में कृषि विश्वविद्यालय कुमारगंज फैजाबाद में राज्य स्तरीय किसान मेले में सम्मानित भी किए गए हैं. सितंबर 2013 में गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री और देश के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गांधीनगर में प्रशस्ति पत्र भी दिया है. इसके अलावा 2014 में पंजाब सरकार में प्रकाश सिंह बादल ने उमानाथ को कृषि में उत्कृष्ट कार्यों के लिए सम्मानित किया है.

सिर्फ एक देसी गाय और नीम के पेड़ के सहारे हो सकती है खेती
उमानाथ यादव बताते हैं कि रासायनिक उर्वरकों व कीटनाशकों का प्रयोग बिल्कुल नहीं करना चाहिए. जौनपुर कृषि रत्न से सम्मानित उमानाथ यादव कहते हैं कि कोई भी किसान मात्र एक देसी गाय और एक नीम के पेड़ के सहारे खेती करके स्वावलंबी बन सकता है. देसी गाय के गोबर, गुड़ व गोमूत्र मिलाकर खेतों में डालने से मिट्टी के लाभकारी जीवाणु सक्रिय होकर खेतों में काम करने लगते हैं. इस तरह से खेती जीरो बजट पर आधारित हो जाती है.

आज अन्नदाताओं की हालत देख कर हैं लाचार
खेती के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वाले उमानाथ यादव आज अन्नदाताओं की हालत देखकर लाचार महसूस करते हैं. वो कहते हैं कि उनके मन में कहीं न कहीं यह बात चुभती है कि वह नौकरी न करके खेती क्यों करने लगे. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों की आय दोगुनी करने की बात करती है मगर कर नहीं पा रही है. उमानाथ यादव कहते हैं कि तकनीकी ज्ञान के अभाव के कारण आज खेती घाटे का सौदा साबित हो रही है. नाम मात्र किसान ही जैविक खेती की तरफ ध्यान दे रहे हैं और मिट्टी में सिर्फ रासायनिक उर्वरक मिलाते जा रहे हैं. इसके कारण उनके खेत जहरीले और जल्द ही बंजर हो जाएंगे.

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