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सीएम के निरीक्षण के बाद इस मेडिकल कॉलेज की गति और हुई धीमी, जानें मामला

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Published : Oct 15, 2022, 12:13 PM IST

etv bharat

जौनपुर मेडिकल कॉलेज की हालत खस्ता है. बालाजी प्रोजेक्ट लिमिटेड के एमडी विशाल गुप्ता ने मेडिकल कॉलेज के निर्माण को लेकर तमाम आरोप लगाए हैं.

जौनपुर: जिले की अति महत्वकांक्षी योजनाओं में से एक जौनपुर मेडिकल कॉलेज की हालत खस्ता है. जी हां आलम यह है कि पिछले माह 9 सितंबर को प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने निरीक्षण किया था. साथ ही प्रमुख सचिव को भी मेडिकल कॉलेज की जांच के लिए टीम गठित कर भेजा गया था. लेकिन, तमाम प्रयास करने के बावजूद मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य लगभग बंद सा हो गया है.

टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड के सहयोगी पार्टनर बालाजी प्रोजेक्ट लिमिटेड के एमडी विशाल गुप्ता ने मेडिकल कॉलेज के निर्माण को लेकर तमाम आरोप लगाए. कहा कि जिस दिन से प्रदेश के मुखिया योगी आदित्यनाथ जौनपुर पूर्वांचल की महत्वकांक्षी परियोजनाओं में से एक स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय (मेडिकल कॉलेज) का निरीक्षण करके गए हैं. उसके बाद से निर्माण के कार्य की गति और धीमी हो गई है. यह एक बात तो साफ है कि प्रदेश में अधिकारियों और कर्मचारियों को फर्क नहीं पड़ता कि किसने निरीक्षण किया है और क्या स्थिति है. वह जो निर्माण हुआ है वह भी बदहाल अवस्था में है, क्योंकि बारिश के बाद मेडिकल कॉलेज की छतों से पानी टपक रहा है. जबकि, 8 साल पुराने प्रोजेक्ट को लेकर बार-बार इसके रेट रिवीजन को लेकर कार्यदायी संस्था को टाटा प्रोजेक्ट और बालाजी के बीच काफी खींचतान चल रही है.

जानकारी देते हुए बालाजी प्रोजेक्ट लिमिटेड के एमडी विशाल गुप्ता

दरअसल, स्वशासी मेडिकल कॉलेज का बीते 9 सितंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रमुख सचिव के निरीक्षण के बाद भी कार्य लगभग बंद हो गया है. जोकि कहीं न कहीं सीएम योगी के आदेशों की अवहेलना करना है. वहीं, आरोप है कि टाटा और बाला जी के आपसी लड़ाई के कारण मेडिकल कॉलेज का काम लगभग ठप है, क्योंकि निर्माण एजेंसी राजकीय निर्माण निगम टाटा प्रोजेक्ट लिमिटेड और बालाजी प्रोजेक्ट लिमिटेड के अधीन कार्य कर रहे श्रमिकों को कई दिनों से बकाया भुगतान नहीं मिला है. कार्य बंद होने पर डीएम मनीष कुमार वर्मा ने टाटा के प्रोजेक्ट मैनेजर पर मुकदमा दर्ज करने की बात कही थी. लेकिन, अभी तक कार्य रुका हुआ है. शासन और जिला प्रशासन को कार्यदायी संस्था गलत रिपोर्ट दे रही है, जिससे मेडिकल कॉलेज कार्य अभी भी अधर में लटका हुआ है

जौनपुर के जिला अधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने बताया कि कार्यदायी संस्था के पास करीब 7500000 रुपये पड़े हुए हैं. वहीं, टाटा प्रोजेक्ट बालाजी का कहना है कि डीएम के कहने पर एक करोड़ रुपये भेजे गए. लेकिन, वह बालाजी को नहीं मिला है. बालाजी को पेमेंट न मिलने के कारण काफी मजदूर भूखों मर रहे हैं. जबकि, कुछ ने तो अपने गंतव्य के लिए जाना ही सही समझा है.

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