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विलुप्त होती नून नदी के संरक्षण का काम शुरू, डीएम और विधायक ने किया श्रमदान

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Published : Mar 23, 2021, 12:26 PM IST

विश्व जल दिवस पर जालौन के मुख्यालय उरई कोतवाली के अंतर्गत मंगराया में विलुप्त होती नदी के संरक्षण का कार्य शुरू किया गया. विधायक और डीएम ने नून नदी में फावड़ा चलाकर श्रमदान किया. साथ ही उन्होंने नदी और जल संरक्षण की इस मुहिम में लोगों से जुड़ने की अपील की.

विलुप्त होती नून नदी के संरक्षण का काम शुरू
विलुप्त होती नून नदी के संरक्षण का काम शुरू

जालौन: जिले में विश्व जल दिवस पर विलुप्त होती नून नदी के संरक्षण का कार्य शुरू किया गया है. डकोर ब्लॉक के कुकरगांव गांव में विलुप्त हो रही नून नदी को पुनर्जीवित करने के लिए डीएम ने जनप्रतिनिधियों के साथ कदम बढ़ाते हुए कायाकल्प की योजना तैयार की. जिसका विश्व जल दिवस के अवसर पर शुभारंभ किया गया. जहां बीजेपी जिलाध्यक्ष के साथ विधायकों ने डीएम की अगुवाई में नदी में फावड़ा चलाकर श्रमदान किया. साथ ही उन्होंने नदी व जल संरक्षण की इस मुहिम में गांव के लोगों को शपथ दिलाकर जल को सरंक्षित के साथ इस अभियान में जुड़ने की अपील की.

विलुप्त होती नून नदी का होगा कायाकल्प
जिले की नून नदी विलुप्त होती जा रही है. यह नदी जिले के 89 किलोमीटर के लंबे सफर में 30 गांव की हजारों एकड़ भूमि को सिंचित करने का काम करती थी, लेकिन बुंदेलखंड में पड़ रहे सूखे के कारण यह नदी विलुप्त होती जा रही है. सोमवार को विश्व जल दिवस के मौके पर जल शक्ति अभियान के तहत इस नदी के संरक्षण के कार्य की शुरुआत की गई. नदी में मनरेगा के तहत खुदाई का कार्य किया जाएगा. जिससे कि वर्षा का जल नदी में संचय हो और एक बार फिर यह नदी किसानों के लिए जीवनदायिनी बन सके.

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कार्यक्रम में सदर विधायक गौरीशंकर वर्मा ने बताया कि देश के प्रधानमंत्री ने नदियों के संरक्षण के लिए जल शक्ति अभियान चलाया है. विश्व जल दिवस के मौके पर इस अभियान के तहत नदी के संरक्षण का कार्य शुरू किया गया है.

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