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गोरखपुर: इंसेफेलाइटिस नियंत्रण का अनुभव दिलाएगा कोरोना के थर्ड वेब पर विजय

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Published : May 19, 2021, 12:52 PM IST

कोविड के सेकेंड वेब को थामने की सफल कवायद के साथ ही योगी सरकार थर्ड वेब के प्रभाव को समय रहते ही कम करने की तैयारियां में जुट गई है. विशेषज्ञ कोरोना की तीसरी लहर को बच्चों के लिए ज्यादा नुकसानदेह बता रहे हैं.

इंसेफेलाइटिस नियंत्रण का अनुभव दिलाएगा कोरोना के थर्ड वेब पर विजय
इंसेफेलाइटिस नियंत्रण का अनुभव दिलाएगा कोरोना के थर्ड वेब पर विजय

गोरखपुरः कोविड के सेकेंड वेब को थामने की सफल कवायद के साथ ही योगी सरकार थर्ड वेब के प्रभाव को समय रहते कम करने की तैयारियों जुट गई है. इसे देखते हुए सरकार इंसेफेलाइटिस नियंत्रण के सफल मॉडल को अगली कोविड जंग के लिए हथियार बना रही है. सरकार का मानना है कि मासूमों पर कहर बरपाने वाली इंसेफेलाइटिस पर जिस रणनीति से काबू पाया गया, वही अनुभव कोविड की तीसरी लहर पर विजय दिलाएगा.

तीसरी वेब आने से पहले सतर्क सरकार

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में बच्चों के लिए 100 बेड का आईसीयू अस्पताल तैयार रखने का आदेश दिया है. इनके साथ ही जिला स्तर पर भी कई पीडियाट्रिक आईसीयू (पीकू) क्रियाशील किए जा रहे हैं. सभी डॉक्टरों को बच्चों के इलाज का प्रशिक्षण भी दिलाया जाएगा. इसमें प्रशिक्षक की भूमिका इंसेफेलाइटिस नियंत्रण में प्रभावी योगदान देने वाले बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर और केजीएमयू के विशेषज्ञ चिकित्सक निभाएंगे.

इंसेफेलाइटिस पर भी नियंत्रण पा चुकी है योगी सरकार

राज्य के कई जिलों, खासकर पूर्वी उत्तर प्रदेश में साल 1977 से मासूमों पर कहर बरपाने वाली बीमारी इंसेफेलाइटिस पर नियंत्रण का श्रेय योगी सरकार को ही जाता है. 2017 में योगी आदित्यनाथ के सूबे के मुख्यमंत्री बनने से पहले तक इंसेफेलाइटिस से हर साल हजारों की संख्या में बच्चों की मौत हो जाती थी. इंसेफेलाइटिस की चपेट में आकर जो बच जाते थे, उनमें से अधिकांश शारीरिक या मानसिक दिव्यांगता के शिकार हो जाते थे. चूंकि अपने दो दशक के संसदीय कार्यकाल में योगी आदित्यनाथ इंसेफेलाइटिस के खिलाफ सड़क से संसद तक पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोगों की आवाज उठाते रहे. इसलिए जैसे ही सूबे की कमान उनके हाथों में आई उन्होंने इंसेफेलाइटिस उन्मूलन की कारगर कार्य योजना बनाई. उनके चार साल के कार्यकाल में किए गए समन्वित प्रयासों से वर्तमान में बच्चों पर कहर बनकर टूटने वाली इंसेफेलाइटिस से होने वाली मौतों में 95 फीसदी की गिरावट आई है. इंसेफेलाइटिस मरीजों के मुकम्मल इलाज के लिए सीएम योगी सरकार ने गोरखपुर के मेडिकल कॉलेज के संसाधनों को सुदृढ करने के साथ ही सभी सीएचसी और पीएचसी की इंसेफेलाइटिस ट्रीटमेंट सेंटर के रूप में विकसित किया. इसके साथ ही खुले में शौच से मुक्ति, शुद्ध पेयजल और सघन टीकाकरण और स्वच्छता जागरूकता के अभियान भी चलाए गए. यूपी में इंसेफेलाइटिस नियंत्रण के मॉडल की सराहना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी कई बार कर चुके हैं.

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कोविड की तीसरी लहर में होगा अनुभव का इस्तेमाल

इंसेफेलाइटिस नियंत्रण के अनुभव का इस्तेमाल कोविड की तीसरी लहर को निष्प्रभावी बनाने में किया जाएगा. बच्चों के लिए अधिक घातक बताई जा रही कोरोना की तीसरी लहर की आशंका विशेषज्ञ जुलाई आखिरी या अगस्त के शुरुआत में जता रहे हैं. लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आदेश पर इसकी तैयारी शुरू भी कर दी गई है. इसके लिए हर मंडल मुख्यालय पर 100 बेड और जिला अस्पतालों में 25-25 बेड के पीडियाट्रिक आईसीयू को क्रियाशील किया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने अब सभी मेडिकल कॉलेजों में भी 100 बेड के पीडियाट्रिक आईसीयू की तैयारी का भी आदेश दे दिया है. इस तैयारी में बीआरडी मेडिकल कॉलेज और केजीएमयू के वे डॉक्टर अहम भूमिका निभाने जा रहे हैं, जिन्हें इंसेफेलाइटिस मरीजों के इलाज का पूर्व अनुभव है. ये अनुभवी चिकित्सक उन अन्य डॉक्टरों व अन्य पैरा मेडिकल स्टॉफ को प्रशिक्षित करेंगे. जिनकी सेवा पीडियाट्रिक आईसीयू में ली जाएगी.

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