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गोरखपुर में कोरोना संक्रमण से निपटने की तैयारी अधूरी, तीन माह से वैक्सीन उपलब्ध नहीं

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Published : Apr 15, 2023, 2:52 PM IST

गोरखपुर में कोरोना संक्रमण से निपटने की तैयारियां अधूरी हैं. जिले में तीन माह से कोरोना वैक्सीन तक उपलब्ध नहीं है.

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गोरखपुर में कोरोना संक्रमण से निपटने की तैयारी अधूरी

गोरखपुर: एक तरफ कोरोना धीरे-धीरे पांव पसार रहा है. प्रतिदिन मामले सामने आ रहे हैं. बावजूद इसके सबसे बड़ी बात यह है कि बचाव के लिए लगाई जाने वाली वैक्सीन यहां उपलब्ध नहीं है. जिले में तीन माह से वैक्सीन ही नहीं है. प्राइवेट अस्पतालों में भी इसकी उपलब्धता नहीं है. यहीं नहीं सरकारी अस्पतालों में डॉक्टर और स्टाफ नर्स की तैनाती भी नहीं हो पाई है. तैयारी के नाम पर सिर्फ कोरम पूरा किया जा रहा है.

जिले में 57 कोविड अस्पताल चिन्हित हैं. 57 ही जांच केंद्र भी हैं, लेकिन तैयारी अधूरी है. कोरोना को देखते हुए जिले में जो व्यवस्था बनाई गई है उसके तहत 2900 बेड हैं, जिसमें 1500 बेड सरकारी अस्पतालों में है. 1400 बेड निजी अस्पतालों में हैं तो 1063 बेड वयस्कों के लिए आईसीयू में निर्धारित हैं. कोविड-19 के57 जांच केंद्र हैं. 88 बेड बच्चों के लिए पीआईसीयू में निर्धारित है तो 342 वेंटीलेटर, 262 हाई फ्लो नेजल कैनुला, 457 बाई पैप, 42 रैपिड रिस्पांस टीम और 1464 निगरानी समितियां हैं. आंकड़ों में यह सारी व्यवस्थाएं दर्शाई गई हैं.

वर्तमान में गोरखपुर में कोरोना के करीब 50 मरीज हैं सभी होम आइसोलेशन में है लेकिन जांच के बाद सुरक्षा का जो सबसे बड़ा उपाय है वैक्सीनेशन उसका ही अभाव है. वैक्सीन अभी कब तक उपलब्ध होगी कुछ नहीं कहा जा सकता. इसकी वजह से कुछ लोग ऐसे हैं जो विदेश की यात्रा पर जाना चाहते हैं और वैक्सीनेशन का उनके पास सर्टिफिकेट नहीं है, तो वह हवाई यात्रा से वंचित हो रहे हैं.

जिले में कोविड-19 के नोडल अधिकारी डॉ. एके चौधरी कहते हैं कि कोविड-19 अस्पतालों में पूर्वाभ्यास के लिए शासन से जो निर्देश आया था उसका पालन किया गया है. ऐसे अस्पतालों पर डॉक्टर की तैनाती भी की गई है. यह अलग बात है कि वह बराबर वहां नहीं मौजूद हैं लेकिन वह अपनी मूल तैनाती पर सेवा दे रहे हैं. जब अस्पताल में मरीज कोविड-19 के आएंगे तो वार्ड में डॉक्टर और स्टाफ नर्स की तैनाती कर दी जाएगी.

उन्होंने कहा कि वैक्सीन की डिमांड भेज दी गई है. उम्मीद है कि जल्द जिले को प्राप्त हो जाएगी. इस बीच जहां भी ऑक्सीजन प्लांट स्थापित है उसकी कमियों को दूर कराकर सही किया जा रहा है. अभी तक रेलवे स्टेशन और बस स्टेशन पर जांच बूथ नहीं बनाए जाने के सवाल पर डॉ चौधरी ने कहा कि लोगों में जागरूकता और बचाव के लिए संदेश प्रसारित किया जा रहा है. बहुत जल्द रेलवे और बस स्टेशन पर जांच केंद्रों को स्थापित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि जिन्हें भी सांस फूलने से लेकर सर्दी जुखाम की समस्या दिखाई दे रही हो वह, डॉक्टर से संपर्क स्थापित कर खुद को आइसोलेट कर लें जिससे खुद भी स्वस्थ हो और कोई संक्रमित ना हो.

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