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गोरखपुर: बारिश-ओलावृष्टि से 76 हजार हेक्टेयर फसल बर्बाद, नुकसान की रिपोर्ट बनाने में जुटा प्रशासन

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Published : Mar 16, 2020, 9:22 AM IST

Updated : Mar 16, 2020, 11:43 AM IST

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में बारिश और ओलावृष्टि से किसानों की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है. सीएम योगी के निर्देश के बाद जिला प्रशासन किसानों को हुए नुकसान का आकलन कर रहा है. जिसके बाद सरकार की ओर से किसानों को मुआवजा दिया जाएगा.

बारिश से फसलोंं को हुआ भारी नुकसान
बारिश से फसलोंं को हुआ भारी नुकसान

गोरखपुर:मार्च के दूसरे सप्ताह में बे-मौसम हुई बारिश और ओलावृष्टि से गोरखपुर क्षेत्र में 76 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है. बे-मौसम बारिश से शहरी क्षेत्रों में जहां लोगों को जलजमाव की समस्या से दो-चार होना पड़ा वहीं. ओलावृष्टि के कारण किसानों पर भी आफत का पहाड़ टूट पड़ा. बारिश और ओलावृष्टि के कारण जिले में करीब 76 हजार हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई है. जिसमें करीब 40 फ़ीसदी फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है. राजस्व विभाग किसानों को हुए इस नुकसान का आकलन करने में जुटा हुआ है.

बारिश से फसलोंं को हुआ भारी नुकसान.

इन क्षेत्रों में फसलों को हुआ भारी नुकसान
गोरखपुर में बारिश और ओलावृष्टि से सबसे ज्यादा नुकसान बड़हलगंज, पिपरौली, सहजनवा, और गोला विकासखंड में हुआ. जिले में करीब 24 मिलीमीटर वर्षा रिकॉर्ड की गई है। इसी बारिश ने गेहूं और मटर के साथ अन्य दलहन और तिलहन की फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया. जिलाधिकारी के विजेंद्र पांडियन के मुताबिक, फसलों के वास्तविक नुकसान का आकलन करने के लिए उन्होंने अधिकारियों की बैठक की है और जिन किसानों का बीमा है उन्हें इसका लाभ मिलेगा. जबकि, जिन किसानों का बीमा नहीं है उनको हुए नकुसान के लिए राजस्व विभाग की टीमें गठित कर दी गई हैं और उन्हें भी नुकसान के अनुरूप मुआवजा उपलब्ध कराया जाएगा.

मार्च 2020 में बारिश-ओलावृष्टि से फसलों को हुए नुकसान का आंकड़ा
1. गेहूं की फसल का जिले में क्षेत्रफल 182740 हेक्टेयर है, जिसमें 73350 हेक्टेयर फसल प्रभावित हो गई है

2. चना की बुआई 185 हेक्टेयर में हुई थी, जिसमें 46 हेक्टेयर फसल प्रभावित हो गई है

3. मसूर की बुआई 1610 हेक्टेयर में होती है, जिसमें 403 हेक्टेयर फसल बर्बाद हो गई है

4. सरसों की 3370 हेक्टेयर फसल में से 1348 हेक्टेयर फसल बर्बाद हो गई.

5. अलसी जो मात्र 35 हेक्टेयर खेत में बोई गयी थी उसमें से 8 हेक्टेयर फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई.

विभागीय आंकड़ों के मुताबिक, साल 2015 में भी इसी तरह बेमौसम बारिश हुई थी. जिसके चलते जिले में करीब 80 हजार हेक्टेयर फसल प्रभावित हुई थी. जिसके बाद 302 गांव के 88 हजार 689 किसानों को राजस्व अनुदान दिया गया था.

Last Updated :Mar 16, 2020, 11:43 AM IST

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