उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

सुपर मून का लोगों ने किया दीदार, अगले साल जुलाई में फिर दिखेगा

By

Published : Jul 14, 2022, 10:05 AM IST

गोरखपुर में 13 जुलाई का दिन बहुत ही खास रहा. लोगों ने अपने घर की छतों से सुपर मून का दीदार किया. चंद्रमा 14 प्रतिशत बड़ा और 30 प्रतिशत तक ज्यादा चमकीला भी दिखाई दिया.

etv bharat
गोरखपुर में सुपर मून

गोरखपुरःजनपद में 13 जुलाई की मध्य रात्रि आसमान में सुपर मून का दीदार लोगों ने भी किया. यहां नक्षत्रशाला में लोगों ने सुपर मून देखा. कई लोग अपने घर के छतों से आसमान में चांद के इस अनोखे रूप को देखने में भी कामयाब हुए. खगोल प्रेमियों के लिए 13 जुलाई का दिन खास रहा, क्योंकि उन्हें बड़ा और ज्यादा चमकीला चांद दिखाई दिया. इस खगोलीय घटना को सुपर मून कहा जाता है.

वीर बहादुर सिंह नक्षत्र शाला गोरखपुर के खगोलविद् अमर पाल सिंह ने बताया कि (Gorakhpur Super Moon) इसे साधारण आंखों से भी देखा जा सकता है. खगोल विज्ञान में रुचि रखने वालों की विशेष जानकारी हेतु नक्षत्र शाला में विशिष्ट टेलीस्कोप्स के माध्यम से भी इस सुपर मून को रात में दिखाया गया. इस दौरान चंद्रमा अपनी कक्षा मे निकटतम बिंदु पर होता है. इसी कारण चंद्रमा और पृथ्वी की बीच की दूरी सबसे कम होती है. चंद्रमा 14 प्रतिशत बड़ा और 30 प्रतिशत तक ज्यादा चमकीला नजर आया. चंद्रमा का अपने इस निकटतम बिंदु पर आने को ही पेरीगी कहा जाता है. रात को यह 12 बजकर 7 मिनट पर अपने चरम सीमा पर दिखाई देने लगा था.

क्या होता है सुपर मूनःखगोलविद् ने बताया कि सुपर मून शब्द का प्रयोग सर्वप्रथम सन 1979 में रिचर्ड नौल्ले द्वारा किया गया था. सुपर मून के दौरान चंद्रमा सामान्य दिनों के मुकाबले बड़ा और ज्यादा चमकीला दिखाई देता है. ये पृथ्वी के चक्कर लगाने के दौरान अपने निकटतम बिंदु पर आने के कारण ऐसा होता है. चंद्रमा का इस दौरान पृथ्वी से चंद्रमा की दूरी 357,264 किलोमीटर होगी. जबकि सामान्य दिनों में यह दूरी 384,366 किलोमीटर रहती है. जबकि चंद्रमा का अपनी कक्षा में दूरस्त बिंदु पर होने के कारण पृथ्वी और चंद्रमा के बीच की दूरी 4,05,500 किलोमीटर होती है. इसे ही एपोजी कहा जाता है.
यह भी पढ़ें-संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के विदेशी छात्रों में कोरोना का डर, खाली पड़े इंटरनेशनल छात्रावास के कमरे
सुपर मून के अन्य नामः इस सुपर मून को अन्य नामों से भी जाना जाता है जैसे डियर मून, थंडर मून, हे मून, बर्ट मून, सेलमोन मून, रॉक्सवेरी मून, कैल्मिंग मून इत्यादि नामों से भी जाना जाता है. खगोलविद ने बताया कि एक साल में तीन या अधिकतम चार सुपर मून हो सकते हैं. अब ये सुपर मून 3 जुलाई सन 2023 में ही दिखाई देगा. इस प्रकार की सुपर मून की घटनाओं मे चंद्रमा का पृथ्वी के इतने नज़दीक आने के कारण पृथ्वी पर उच्च ज्वार भाटे की घटनाओं का होना संभव हो सकता है.

ऐसी ही जरूरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत ऐप

ABOUT THE AUTHOR

...view details