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बीमारू अस्पताल बना मरदह का स्वास्थ्य केंद्र, बिल्डिंग पर प्लास्टिक डालकर रहने को मजबूर स्वास्थ्यकर्मी

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Published : Oct 22, 2021, 12:00 PM IST

Updated : Oct 22, 2021, 12:47 PM IST

गाजीपुर में स्वास्थ्य अधिकारी और कर्मचारियों को सरकार की तरफ से दिए जाने वाले आवास की स्थिति खासा जर्जर है. कुछ ऐसा ही नजारा जिले के मरदह स्वास्थ्य केंद्र पर देखने को मिला. जहां पर चिकित्सा अधिकारी से लेकर स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात कर्मचारियों के आवास इस कदर जर्जर स्थिति में पहुंच चुके हैं कि इन लोगों को अब अपनी छतों पर प्लास्टिक डालकर पानी से बचने का जुगाड़ करना पड़ रहा है.

जर्जर सरकारी आवास.
जर्जर सरकारी आवास.

गाजीपुर:शासन के द्वारा आमजन को स्वास्थ्य सुविधा देना मौलिक अधिकारों में शामिल है, लेकिन स्वास्थ्य सुविधा देने वाले अधिकारी और कर्मचारी जिसे रहने के लिए सरकार के द्वारा आवास की सुविधा भी दी जाती है, लेकिन आज बहुत सारे आवास मौजूदा समय में जर्जर स्थिति में पहुंच चुके हैं और वह अपनी जान जोखिम में डालकर ड्यूटी करने को मजबूर हैं. कुछ ऐसा ही नजारा मरदह स्वास्थ्य केंद्र पर देखने को मिला. जहां पर चिकित्सा अधिकारी से लेकर स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात कर्मचारियों के आवास इस कदर जर्जर स्थिति में पहुंच चुके हैं कि इन लोगों को अब अपनी छतों पर प्लास्टिक डालकर पानी से बचने का जुगाड़ करना पड़ रहा है. बता दें, यह स्वास्थ्य केंद्र जहुराबाद के विधायक ओमप्रकाश राजभर के विधानसभा में आता है.

जनपद गाजीपुर का सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र मरदह है. जहां पर करीब आज से 40 साल पहले स्वास्थ्य केंद्र की जगह स्थापना की गई थी. तब यहां के अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए आवास बनाया गया था जो मौजूदा समय में काफी जर्जर स्थिति में पहुंच चुका है. हालात यह है कि इन भवनों के ऊपर लंबे-लंबे पौधे उग चुके हैं. दिवालें पानी की वजह से हरी हो चुकी हैं और सभी के छतों पर प्लास्टिक डाला हुआ दिखाई दे रहा है. जिससे कि वह मौजूदा में होने वाले बारिश से बचने की व्यवस्था की गई है.

जानकारी देते प्रभारी चिकित्सा अधिकारी और सीएमओ.

इन आवासों में रहने वाले कर्मचारियों का कहना है कि वह किसी तरह रात काटने को मजबूर हैं. कभी-कभी सोते समय छत के प्लास्टर और दीवालों के प्लास्टर गिर जाते हैं. इतना ही नहीं आंगन में भी पिछले कई माह से पानी लगा हुआ है. उसे निकालने की अब तक कोई भी व्यवस्था नहीं की गई है. यहां पर आने वाली आशा वर्कर जो डिलीवरी के लिए गर्भवती महिलाओं को लेकर आती हैं. उन्हें भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. उन लोगों ने बताया कि जब कभी रात में डिलीवरी के लिए महिला को लेकर आती हैं तो इन लोगों को अपने साथ पानी और मोमबत्ती साथ लेकर आना होता है. क्यों कि यहां पर अधिकतर लाइट नहीं होती है और पूरे अस्पताल परिसर में कहीं भी पानी की व्यवस्था नहीं है. इसके अलावा आवास में रहने वाले लोगों का शौचालय भी काफी जर्जर अवस्था में पहुंच चुका है फिर भी मजबूरी में वह इसका प्रयोग करते आ रहे हैं.

इस संबंध में स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ. सरफराज आलम से जब बात की गई उन्होंने बताया कि इस समस्या से सिर्फ कर्मचारी नहीं बल्कि वह खुद भी दो चार हैं. उन्होंने बताया कि सिर्फ आवास ही नहीं अगर दिन में 2 से 3 घंटे बारिश हो जाए तो जहां पर मरीजों को ओपीडी किया जाता है. वहां भी पानी भर जाता है और उसी पानी में मरीजों का इलाज करते हैं, लेकिन उन्होंने बताया कि शासन के द्वारा उनके स्वास्थ्य केंद्र पर नई बिल्डिंग बनाई जा रही है, लेकिन अभी तक हैंडोवर नहीं हुआ है यदि वह पूर्ण होकर हैंडओवर हो जाती है तो उन्हें इस समस्या से निजात मिल सकता है लेकिन यह समस्या से निजात कब मिलेगा उन्हें खुद भी नहीं पता.

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Last Updated :Oct 22, 2021, 12:47 PM IST

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