फिरोजाबाद :साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में अभी बेशक लगभग सात महीने का समय हो लेकिन जिले में चुनावी सरगर्मियां तेज हो गईं हैं. सपा नेता और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव के ट्वीट से सपाइयों में जोश भर गया है. साल 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी के वरिष्ठ नेता रामगोपाल यादव के बेटे सपा प्रत्याशी अक्षय यादव की हार का कारण बनने वाले शिवपाल सिंह यादव ने ट्वीट कर ऐलान कर दिया है कि इस बार वह अक्षय यादव की जीत का निमित्त (कारण) बनेंगे. 20 अगस्त को पार्टी के लोक जागरण अभियान में खुद शिवपाल यादव, अक्षय यादव को फिरोजाबाद लोकसभा सीट से प्रत्याशी बनाने का प्रस्ताव भी पेश कर चुके हैं.
30 हजार वोटों से हारे थे अक्षय यादव :फिरोजाबाद लोकसभा सीट अभी भारतीय जनता पार्टी के कब्जे में है. फिलहाल यहां के सांसद चंद्रसेन जादौन हैं. जिन्होंने ने सैफई परिवार के धुरंधर नेता शिवपाल सिंह यादव और अक्षय यादव को हराकर चुनाव जीता था. चंद्रसेन जादौन ने लगभग 30 हजार वोटों से अक्षय यादव को हराया था. हालांकि साल 2019 में समीकरण अलग थे. शिवपाल यादव अपनी पार्टी प्रसपा से चुनाव लड़े थे. शिवपाल यादव खुद तो चुनाव जीत नहीं सके लेकिन पार्टी के परंपरागत वोट बैंक में सेंधमारी की वजह से वह अक्षय यादव की हार का कारण जरूर बन गए थे. वैसे साल 2014 में अक्षय यादव इस सीट से सांसद रह भी चुके हैं. साल 2009 में खुद अखिलेश यादव ने भी इस सीट से चुनाव जीता था लेकिन उप चुनाव में कांग्रेस नेता राजबब्बर ने अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को हराकर चुनाव जीत लिया था.
टोटल 16 लाख हैं वोटर :राजनीतिक समीकरणों की बात करें तो यह सीट समाजवादी के ही प्रभाव वाली रही है. वैसे तो यहां सभी जातियों का अपना वर्चस्व है लेकिन टोटल वोटरों की संख्या लगभग 16 लाख है. इनमें यादव वोटरों की संख्या तीन लाख से अधिक है. लगभग इतनी ही तादाद में यहां मुस्लिम वोटर भी हैं. फिरोजाबाद जिले में कुल पांच विधानसभा क्षेत्र हैं. इनमें साल 2022 में तीन पर सपा जीती थी और दो पर भारतीय जनता पार्टी ने जीत दर्ज की थी. साल 2024 के लिए इस लोकसभा सीट के लिए भाजपा और सपा दोनों में ही घमासान होना तय है. बीजेपी भी किसी मजबूत प्रत्याशी की तलाश में है. वहीं सपा ने लगभग साफ कर दिया है कि प्रोफेसर रामगोपाल यादव के पुत्र अक्षय यादव ही इस बार उसके प्रत्याशी होंगे.