फिरोजाबादः आलू की खेती करने वाले किसानों के लिए आलू की अधिक पैदावार मुसीबत बन गई है. अत्यधिक पैदावार की वजह से किसान आलू को ओने-पौने दामों में बेचने के लिए मजबूर हो रहे हैं. वहीं, फिरोजाबाद में अधिकांश कोल्ड स्टोरेज प्री बुकिंग का हवाला देकर किसानों का आलू रखने से मना कर रहे हैं. इसके चलते किसानों के सामने खुले बाजार में आलू बेचने के अलावा और कोई चारा नहीं बचा है.
हालांकि, सरकार ने सरकारी स्तर पर खरीद का ऐलान किया है. लेकिन, अभी तक आलू क्रय केंद्र नहीं खुले हैं. वहीं, जिला प्रशासन ने इसके लिए एक ऐप विकसित किया है, जिसके जरिए यह पता पता लगाया जा सकता है कि किस कोल्ड स्टोरेज में भण्डार के लिए अभी कितनी क्षमता बची है. इस ऐप के जरिये प्री बुकिंग भी की जा सकती है. इसके अलावा सरकार ने आलू खरीदने के लिए जो दर घोषित की है. उससे किसान संतुष्ट नहीं है. किसानों का कहना है कि आलू की फसल में जो लागत लगती है, सरकारी रेट उस लागत को भी पूरा नहीं कर पा रही है.
गौरतलब है कि गेंहू उत्पादन के बाद फिरोजाबाद में सबसे ज्यादा आलू की पैदावार होती है. उद्यान विभाग में दर्ज आंकड़ों के मुताबिक लगभग 55 हजार हेक्टेयर में हर साल आलू की खेती होती है. यहां पहले आलू की खेती किसानों को अच्छा मुनाफा देती थी. इस बार किसानों के लिए आलू की खेती घाटे का सौदा बन गई है. किसानों की मानें, तो आलू की फसल में जो लागत लगी थी वह भी निकल पाना मुश्किल हो रहा है. इस बार 65 हजार हेक्टेयर में आलू की पैदावार की गई है.