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Firozabad आलू की अधिक पैदावार बनी मुसीबत, सरकारी रेट से लागत निकलना भी हो रहा मुश्किल

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Published : Mar 16, 2023, 8:34 AM IST

आलू उत्पादन के लिए मशहूर फिरोजाबाद किसानों के लिए बड़ी समस्या खड़ी हो गई है. आलू की अधिक पैदावार के बाद कोल्ड स्टोरेज स्वामियों ने अपने पास आलू रखने से मना कर दिया है. इस बार किसानों ने 65 हजार हेक्टेयर में आलू की पैदावार की है, जो बीते साल से करीब 10 हजार हेक्टेयर अधिक है.

Potato farmers in Firozabad
Potato farmers in Firozabad

फिरोजाबादः आलू की खेती करने वाले किसानों के लिए आलू की अधिक पैदावार मुसीबत बन गई है. अत्यधिक पैदावार की वजह से किसान आलू को ओने-पौने दामों में बेचने के लिए मजबूर हो रहे हैं. वहीं, फिरोजाबाद में अधिकांश कोल्ड स्टोरेज प्री बुकिंग का हवाला देकर किसानों का आलू रखने से मना कर रहे हैं. इसके चलते किसानों के सामने खुले बाजार में आलू बेचने के अलावा और कोई चारा नहीं बचा है.

हालांकि, सरकार ने सरकारी स्तर पर खरीद का ऐलान किया है. लेकिन, अभी तक आलू क्रय केंद्र नहीं खुले हैं. वहीं, जिला प्रशासन ने इसके लिए एक ऐप विकसित किया है, जिसके जरिए यह पता पता लगाया जा सकता है कि किस कोल्ड स्टोरेज में भण्डार के लिए अभी कितनी क्षमता बची है. इस ऐप के जरिये प्री बुकिंग भी की जा सकती है. इसके अलावा सरकार ने आलू खरीदने के लिए जो दर घोषित की है. उससे किसान संतुष्ट नहीं है. किसानों का कहना है कि आलू की फसल में जो लागत लगती है, सरकारी रेट उस लागत को भी पूरा नहीं कर पा रही है.

गौरतलब है कि गेंहू उत्पादन के बाद फिरोजाबाद में सबसे ज्यादा आलू की पैदावार होती है. उद्यान विभाग में दर्ज आंकड़ों के मुताबिक लगभग 55 हजार हेक्टेयर में हर साल आलू की खेती होती है. यहां पहले आलू की खेती किसानों को अच्छा मुनाफा देती थी. इस बार किसानों के लिए आलू की खेती घाटे का सौदा बन गई है. किसानों की मानें, तो आलू की फसल में जो लागत लगी थी वह भी निकल पाना मुश्किल हो रहा है. इस बार 65 हजार हेक्टेयर में आलू की पैदावार की गई है.

उसायनी गांव के रहने वाले किसान अमरनाथ शर्मा बताते हैं कि सामान्य तौर पर एक कुंतल आलू पैदा करने में एक हजार रुपये की लागत लगती है. लेकिन, इस बार सरकार ने साढ़े छह सौ प्रति कुंतल ही रेट घोषित किया है. ये लागत से काफी कम है. उन्होंने कहा कि हर बार किसान आलू को कोल्ड स्टोरेज में रख देते थे. लेकिन, इस बार कोल्ड स्टोरेज स्वामी भी आलू रखने से मना कर रहे हैं. जबकि, अभी पूरी खुदाई भी नहीं हुई है. यहां अभी से आलू रखने की मारामारी मची हुई है. ऐसे में किसान महज 300 से 400 प्रति कुंतल के हिसाब से खुली मंडी में बेचने के लिए मजबूर हो रहा है.

जिलाधिकारी रवि रंजन ने कहा कि प्रशासन किसानों की समस्याओं को लेकर गंभीर है. इसी, को लेकर एक ऐप विकसित किया गया है. जो आलू उत्पादक किसानों की समस्याओं को हल करने में मददगार बनेगा.

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