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वायरल फीवर का कहर जारी, फिरोजाबाद में एक माह में 60 हजार लोग बुखार से पीड़ित

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Published : Oct 10, 2021, 9:50 AM IST

यूपी के फिरोजाबाद जिले में डेंगू महामारी का कहर थमने के दावों के बीच वायरल फीवर का कहर लगातार जारी है. वायरल फीवर से स्वास्थ्य विभाग के जो आंकड़े हैं वह भी काफी चौकाने वाले हैं. विभाग ने शासन को जो रिपोर्ट भेजी है, उसके मुताबिक सितंबर के महीने में करीब साठ हजार के आसपास मरीजों की तदायत रही है.

वायरल फीवर का कहर जारी
वायरल फीवर का कहर जारी

फिरोजाबाद: यूपी के फिरोजाबाद जिले में डेंगू महामारी का कहर थमने के दावों के बीच वायरल फीवर का कहर लगातार जारी है. वायरल फीवर से स्वास्थ्य विभाग के जो आंकड़े हैं वह भी काफी चौकाने वाले हैं. विभाग ने शासन को जो रिपोर्ट भेजी है, उसके मुताबिक सितंबर के महीने में करीब साठ हजार के आसपास मरीजों की तादात रही है. इस बार का जो आंकड़ा रहा है, वह कोविड की दूसरी लहर से भी कई गुना ज्यादा रहा है. जिले में अभी भी सभी अस्पताल फुल हैं और लोग इलाज के लिए झोलाछाप डॉक्टरों की शरण ले रहे हैं. पिछले दिनों वायरल हुए कई वीडियो से इस बात की पोल खुल रही हैं कि इस बार स्वास्थ्य विभाग की बदइंतजामी के कारण लोगों को अपनी जान तक गवांनी पड़ी है.


जिले में डेंगू महामारी और वायरल फीवर से अभी भी हाहाकार मचा हुआ है. 18 अगस्त से डेंगू और वायरल फीवर की शुरुआत हुई जो अभी तक जारी है. एक सरकारी आंकड़े के मुताबिक डेंगू से अब तक 63 लोगों की तो मौत हो चुकी है, जबकि कितने लोग बीमार रहे हैं इसका कोई आंकड़ा किसी के पास नहीं है. 63 मौतों का तो आंकड़ा सरकारी है.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. दिनेश कुमार प्रेमी

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. दिनेश कुमार प्रेमी ने बताया कि विभाग ने बुखार से पीड़ित मरीजों का जो सर्वे कराया था, उसके मुताबिक फिरोजाबाद के जिला अस्पताल, शिकोहाबाद के संयुक्त अस्पताल, पीएचसी, सीएचसी ग्रामीण और रूरल सभी मे मिलाकर कुल मरीजों की संख्या 59,327 सामने आयी है. जिसमें वायरल फीवर के साथ साथ डेंगू, मलेरिया और अन्य तरीके के बुखार भी शामिल हैं. यह आंकड़ा सितंबर महीने का है.

फिरोजाबाद में एक माह में 60 हजार लोग बुखार से पीड़ित

सीएमओ की मानें तो यह सभी मरीज स्वस्थ भी हैं, क्योंकि इन सभी को समय पर सही इलाज मिला. इन सभी ने सरकारी अस्पतालों में अपना इलाज कराया. इसके अलावा जिन लोगों की मौत हुई है, ऐसे लोगों को समय पर इलाज नहीं मिला और अगर उन्होंने इलाज कराया भी तो वह सरकारी अस्पतालों की बजाय झोलाछाप डॉक्टरों के पास चले गए. उन्होंने बताया कि बरसात के बाद हर साल वायरल फीवर का कहर देखने को मिलता है, लेकिन इस बार यह बरसात लेट हो रही है, इसलिए वायरल फीवर ज्यादा फैल रहा है. जिसकी रोकथाम के लिए हर संभव कदम उठाए जा रहे हैं.

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बता दें कि इस बार जो वायरल फीवर का कहर देखने को मिला है वह कोविड की दूसरी लहर से भी ज्यादा घातक है. दूसरी लहर में कोरोना से 4626 लोग संक्रमण के शिकार हुए थे जबकि वायरल फीवर से 59 हजार 327 लोग शिकार हुए हैं.

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