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फतेहपुरः जिला अस्पताल के बाहर प्रसूता की हुई डिलेवरी, नवजात की मौत

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Published : Jan 11, 2020, 5:43 PM IST

फतेहपुर जिला अस्पताल की बड़ी लापरवाही सामने आई है. जिला अस्पताल में प्रसूता को डॉक्टरों ने एडमिट ही नहीं किया. प्रसूता ने अस्पताल के बाहर ही बच्चे को जन्म दे दिया. नवजात की मौत हो गई. अस्पताल प्रशासन अब मामले को दबाने में जुटा है.

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कपड़े से पर्दा लगाकर प्रसव.

फतेहपुरः थरियांव थाना क्षेत्र के गांव मगरापुर निवासी राकेश की पत्नी बिजमा देवी गर्भवती थी. शुक्रवार को बिजमा देवी की प्रसव पीड़ा पर परिजन महिला जिला अस्पताल लेकर पहुंचे. यहां उसको भर्ती नहीं किया गया. महिला ने अस्पताल के बाहर ही बच्चे को जन्म दिया. चिकित्सा के अभाव में नवजात की मौत हो गई.

प्रसूता ने अस्पताल के बाहर दिया बच्चे को जन्म.

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नहीं मिला आशा बहुओं का लाभ
एक गरीब परिवार सरकारी अस्पताल में इस लिए आता हैं कि उसको सरकारी सुविधाओं का लाभ मिलेगा, लेकिन ऐसा होता दिखाई नहीं दे रहा है. सरकार की तरफ से गर्भवती महिलाओं की होने वाली समस्याओं को ध्यान में रखते हुए गांव-गांव में आशा बहुएं नियुक्त की गई हैं, लेकिन अफसोस यह है कि इसका लाभ गर्भवती महिलाओं को नहीं मिल रहा है.

पर्दा लगाकर कराया गया प्रसव
बिजमा देवी प्रसव पीड़ा से तीन घंटे तक महिला जिला अस्पताल में तड़पती रही. मगर किसी ने उसकी सुध नहीं ली. उससे यह कहा गया कि तुम्हारे प्रसव का समय नहीं है. अभी तुम जाओ जब समय हो तब आना. परिजन प्रसूता को लेकर महिला जिला अस्पताल के गेट के बाहर निकले ही थे. उसी समय प्रसूता को प्रसव होने लगा. अस्पताल के बाहर मौके पर मौजूद महिलाओं ने कपड़े से पर्दा कर प्रसूता का प्रसव कराया. बिजमा के पति ने कहा कि महिला जिला अस्पताल की गैर जिम्मेदाराना हरकत की वजह से जच्चा तो ठीक रहा मगर बच्चे को नहीं बचाया जा सका.

वह एडमिट ही नहीं हुई थी. मैंने सारे रजिस्टर देख लिए हैं. बच्चा जो पैदा हुआ है. वह जन्म से पहले ही मर चुका था. उसकी चमड़ी सिकुड़ी हुई थी. उसके परिजन भी यहां हैं. उसको अस्पताल से भगाया नहीं गया था.
-डॉ. रेखा रानी, सीएमएस

Intro:फतेहपुर- सरकार जहां एक ओर प्रसूता को घर से लाने और घर तक पहुचाने से लेकर मुफ्त इलाज तथा मुफ्त जांचों की सुविधाये सरकारी अस्पताल में मुहैय्या होने का दावा कर रही हैं। तो वही दूसरी तरफ ज़िम्मेदार सरकार के ही नुमाइंदे सरकार के मंसूबो पर पानी फेरते नज़र आ रहे हैं। एक गरीब परिवार सरकारी अस्पताल में इस लिए आता हैं की उसको सरकारी सुविधाओं का लाभ मिलेगा मगर ऐसा होता दिखाई नही दे रहा है।सरकार की तरफ से गर्भवती महिलाओं की होने वाली समस्याओं को ध्यान में रखते हुए गाँव देहात में आशा बहुएं नियुक्त की गई हैं। मगर अफशोस इसका कोई भी लाभ गर्भवती महिलाओं को मिलता नज़र नही आ रहा।
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के थरियांव थाना क्षेत्र के मगरापुर गाँव निवासी राकेश की पत्नी बिजमा देवी गर्भवती थी। शुक्रवार को प्रसव का समय पूरा होने पर बिजमा को प्रसव पीड़ा हुई तो परिजन बिजमा देवी को महिला जिला अस्पताल लेकर पहुचे। जहाँ उसको भर्ती नही किया गया बिजमा देवी प्रसव पीड़ा से तीन घंटे महिला जिला अस्पताल में तड़पती रही मगर किसी ने उसकी सुध नही ली, और उससे यह कहा गया की तुम्हारे प्रसव का समय नही है अभी तुम जाओ जब समय हो तब आना। परिजन जब प्रसूता को लेकर महिला जिला अस्पताल के गेट के बाहर निकले ही थे, तो उसी समय प्रसूता को प्रसव होने लगा। अस्पताल के बाहर मौके पर मौजूद महिलाओ ने कपड़े से पर्दा कर प्रसूता का प्रसव कराया। बिजमा के पति ने कहा कि महिला जिला अस्पताल की गैर जिम्मेदाराना हरकत की वजह से जच्चा तो ठीक रहा मगर बच्चे को नही बचाया जा सका। Body:बाईट प्रसूता का पति राकेश
2 डॉ रेखा रानी सीएमएसConclusion:अभिषेक सिंह फतेहपुर 7860904510

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