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फतेहपुर: अब नहीं रहेगा किसी का खौफ, लड़कियां खुद करेंगी डिफेंस

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Published : Nov 29, 2019, 6:39 AM IST

यूपी के फतेहपुर के मुस्लिम इंटर कॉलेज में लड़कियों की आत्मरक्षा के लिए प्रशिक्षण चल रहा है. इस दौरान महिला ट्रेनर कॉलेज की छात्राओं को कराटे और अन्य तकनीक सिखा रही हैं.

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फतेहपुर की लड़कियां खुद करेंगी डिफेंस

फतेहपुर:जिले की लड़कियों को अब किसी का खौफ नहीं होगा. मुस्लिम इंटर कॉलेज में लड़कियों को कराटे का प्रशिक्षण दिया जा रहा है. साथ ही ट्रेनर आत्मरक्षा के और भी गुर सिखा रही हैं. वहीं छात्राओं को अपनी बात किस तरह से बिना डर के रखना है, इसके लिए उनके अंदर का डर निकालने के लिए तमाम प्रयास किए जा रहें हैं. कराटे के ट्रेनिंग के पश्चात छात्राओं के अंदर का झिझक निकालने के लिए अधिकांश बच्चों को सभा में बोलने का अवसर दिया गया. इस दौरान कई छात्राओं ने अपनी बातें बेहतरीन तरीके से रखीं. इसके लिए उन्हें उपहार भी दिया गया.

लड़कियों की आत्मरक्षा के लिए चल रहा प्रशिक्षण. चल रहा
कराटे की ट्रेनिंग में छात्राओं को सिखाया गया आत्मारक्षा का पाठप्रशिक्षक ने छात्राओं को प्रायोगिक तरीके से आत्मारक्षा के कई दांव बताए. उन्होंने बताया कि अगर कोई किसी छात्रा का हाथ पकड़ ले तो कलाई पकड़कर पीछे गिराना चाहिए. इसके साथ ही किक मारकर बचाव किया जा सकता है. इस तरह के कई दांव लड़कियों को बताए गए. वहीं बालिकाओं को अपने घर, स्कूल से लेकर समाज में किन-किन माध्यम से शारिरिक और मानसिक शोषण किया जाता है, इन बिंदुओं पर प्रकाश डाला गया.

ट्रेनर श्रेया यादव ने बताया कि लड़कियों को अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने के बारे में बताया गया. साथ ही लड़कियों को आत्मरक्षा के कई दांव भी सिखाए गए.

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Intro:फतेहपुर- जनपद के मुस्लिम इंटर कालेज में बालिकाओं के आत्मरक्षा तकनीक प्रशिक्षण चल रहा है। इसमें महिला ट्रेनर छात्राओं को कराटे एंव अन्य तकनीक सीखा रहीं हैं। वहीं छात्राओं को अपनी बात किस तरह से बगैर डर के रखना है इसके लिए उनके अंदर का डर निकालने के तमाम प्रयास किए जा रहें हैं।


Body:प्रशिक्षक छात्राओं को आत्मा रक्षा के कई दांव प्रायोगिक तरीके से बताए। उन्होंने अगर कोउ किसी छात्रा का हाथ पकड़ ले तो कलाई पकड़कर पीछे गिरना चाहिए। साथ ही किक मारकर बचाव किया जा सकता है जैसे कई तरिके को बताया। वहीं बालिकाओं को अपने घर स्कूल लेकर समाज में किन किन माध्यम से शारिरिक और मानसिक शोषण किया जाता है इन बिंदुओं पर प्रकाश डाला गया। साथ ही कैसे अपनी बातें रखनी है आपके साथ कोई हरकत आपके बगैर मर्जी के करे तो उसका विरोध करना चाहिए चाहे वह आपके रिश्तेदार ही क्यों न।

कराटे के ट्रेनिंग नके पश्चात छात्राओं के अंदर का झिझक निकालने के लिए अधिकांश बच्चों को सभा मे बोलने का अवसर दिया गया। इस दौरान कई छात्राओं ने अपनी बातें बेहतरीन तरीके से रखा। जिसके लिए उन्हें उपहार दिया गया।


Conclusion:ट्रेनर श्रेया यादव ने बताया कि इस ट्रेनिंग के माध्यम से बताया जा रहा है कि बालिकाओं के साथ बाहर किस तरीके से व्यवहार किया जाता है। उसका कैसे हमे विरोध करना है। वहीं घर समाज मे जिस तरह से हमे बन्धन में रखा जाता है उससे बाहर निकल कर हमें अपनी मंजिल स्वयं तय करनी है किसी के मनचाही तरीके से अलग।


बाईट छात्रा इसमिन
2 ट्रेनर श्रेया यादव

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