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बसपा सुप्रीमो ने उठाया बड़ा कदम, तीन बड़े नेता पार्टी से हुए बाहर

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Published : Apr 10, 2021, 7:48 PM IST

बसपा सुप्रीमो मायावती के आदेश पर पार्टी के तीन बड़े नेताओं को पार्टी से बाहर कर दिया गया. आरोप है कि यह लोग पंचायत चुनाव में पार्टी के अधिकृत उम्मीदवारों के खिलाफ अपने चहेतों को मैदान में उतार दिए.

बसपा सुप्रीमो मायावती
बसपा सुप्रीमो मायावती

फतेहपुरः पार्टी के अधिकृत उम्मीदवारों के खिलाफ अपने चहेतों को चुनाव मैदान में उतारने पर जिले में बहुजन समाज पार्टी ने अपने तीन नेताओं को पार्टी से बाहर कर दिया. बसपा से निकाले गए लोगों में पार्टी से चार बार विधायक और पूर्व मंत्री रहे अयोध्या प्रसाद पाल, पूर्व विधायक आदित्य पांडे और जहानाबाद नगर पंचायत के पूर्व चेयरमैन अनवारुल हक शामिल हैं.

बसपा जिलाध्यक्ष ने जारी किया पत्र
बसपा ने जिला पंचायत सदस्य के लिए कई सीटों पर पार्टी के अधिकृत उम्मीदवारों की घोषणा की है. पार्टी की तरफ से यह निर्देश जारी किया गया था कि दल के सभी नेताओं को पार्टी के अधिकृत उम्मीदवारों का समर्थन करना है. इसके बावजूद पूर्व मंत्री अयोध्या प्रसाद पाल अपने बेटे अजय पाल को जिला पंचायत की जमरावा सीट से चुनाव लड़वाया रहे हैं, जबकि जिले की जहानाबाद सीट से पूर्व विधायक रह चुके आदित्य पांडेय अकबरपुर नसीर सीट से अपने चहेते को चुनाव लड़वा रहे हैं. यही हाल जहानाबाद नगर पंचायत के चेयरमैन रह चुके अनवारुल हक का भी है. आरोप है कि अनवारुल हक पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार के खिलाफ कार्य कर रहे हैं, जिसके बाद इन तीनों नेताओं को पार्टी से बाहर कर दिया गया.

पार्टी द्वार जारी प्रेस विज्ञप्ति.

'वसूली का विरोध करने पर पार्टी से निकाला गया'
इस मामले में पूंछे जाने पर पूर्वमंत्री और बसपा नेता रहे अयोध्या प्रसाद पाल ने बताया कि पार्टी के कोआर्डिनेटर अशोक गौतम ने टिकट देने के नाम पर जमकर वसूली की है. इस बारे में 'बहन जी' को भी अंधेरे में रखा है, जिसका विरोध करने पर उनके खिलाफ षडयंत्र करके उन्हें पार्टी से बाहर निकलवाया गया है. उन्होंने ने बताया कि 'बहन जी' हमेशा उनकी नेता रही हैं और वह हमेशा उनकी नेता रहेंगी.

पार्टी पर पड़ सकता है असर
वहीं पूर्व विधायक आदित्य पांडेय ने बताया कि जिलाध्यक्ष सीताराम पासवान द्वारा जिलापंचायत सदस्य टिकट देने के नाम पर जमकर वसूली की जा रही है, जिसके विरोध में उन्होंने ने पहले ही बसपा से इस्तीफा दे दिया था. पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में इन नेताओं को बसपा से बाहर भले ही कर दिया गया हो लेकिन चुनाव के ठीक पहले इन्हें पार्टी से बाहर निकाले जाने का असर बसपा के चुनावी गणित पर पड़ना तय माना जा रहा है.

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