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सिर्फ मुकदमों तक सिमटी जेल से मोबाइल पर बात करने की कार्रवाई

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Published : Mar 21, 2021, 10:44 PM IST

यूपी के देवरिया जिला कारागार में फोन मिलने के मामले में अभियुक्त की रिपोर्ट आईजी जेल को भेज दी गई है. इसके बावजूद अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुआ है. देवरिया जिला कारागार में फोन मिलने का यह पहला मामला नहीं है, इससे पहले भी फोन मिले हैं लेकिन मुकदमे ही दर्ज हुए कार्रवाई नहीं हुई.

जिला कारागार देवरिया
जिला कारागार देवरिया

देवरियाः जिला कारागार में मोबाइल का इस्तेमाल करने का मामला कोई नया नहीं है. आठ माह के अंदर यह तीसरी घटना है, जिसमें मुकदमा दर्ज कराया गया है लेकिन कार्रवाई किसी भी जिम्मेदारों पर आज तक नहीं हुई. महराजगंज के ठेकेदार को धमकी देने के मामले में जेलकर्मियों का नाम सामने आया है लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई और बचाव में रेल अफसर जुट गए हैं.

4G मोबाइल सेट हुआ था बरामद
कुशीनगर जिले के विशुनपुर थाना क्षेत्र के शाहपुर उचकी गांव का रहने वाला गोविंद उर्फ संदीप देवरिया जिला कारागार में बंद है. जेल से महराजगंज के ठेकेदार शिवभूषण उर्फ चचंल चौबे को फोन कर जमानत नहीं कराने पर अंजाम भुगतने की धमकी दी गई थी. जानकारी होने पर आईजी जेल आनन्द कुमार ने मामले की रिपोर्ट जेल अधिकारियों से तलब की थी. जेल अधीक्षक ने मामले में बंदी से पूछताछ की तो बंदी के पास 4G मोबाइल सेट बरामद हुआ. पूरी जांच के बाद जेल अधीक्षक ने आईजी जेल को अपनी रिपोर्ट भेज दी है.

बंदी का बयान चौंकाने वाला
रिपोर्ट में बंदी के बयान, बरामद मोबाइल के बारे में जानकारी, मोबाइल के मॉडल और कंपनी के नाम और कोतवाली में दर्ज मुकदमे का ब्योरा भी भेजा गया है. जेल अधीक्षक केपी त्रिपाठी ने बताया कि जांच में जो भी तथ्य मिले उन्हें उच्चाधिकारियों को भेज दिया गया है. आगे की कार्रवाई आईजी जेल अपने स्तर से करेंगे, इसमे मेरी कोई भूमिका नहीं है.

इस मामले में हुई कार्रवाई
आठ माह पूर्व अगस्त 2019 में वाराणसी जेल से आये बदमाश राजेश यादव ने भी जेल से फोन कर किसी को जान से मारने की धमकी दी थी. इस मामले में भी इसके बैरक से मोबाइल बरामद हुआ था. इस मामले में भी मुकदमा दर्ज हुआ था और बदमाश का गैर जनपद स्थानांतरण कर दिया गया था. सदर कोतवाली पुलिस ने राजेश यादव को एक दिन के लिए रिमांड पर भी लिया लेकिन कोई जानकारी नहीं मिली. इसके अलावा जेल में छापेमारी के दैरान एक बैरक में कैंची, चाकू और मादक पदार्थ मिला था. इस मामले में भी अज्ञात बदमाश पर जेल प्रशासन ने मुकदमा दर्ज कराया था. इसके अलावा बदमाश गोविंद का मामला भी सामने आया है. सबसे बड़ा सवाल है कि जेल में आपत्तिजनक सामान कैसे पहुंच रहा है. मुकदमा दर्ज होने के बाद भी लापरवाह जिम्मेदारों पर शिकंजा नहीं कस रहा है.

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