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बालिका गृह कांड की जांच करने पहुंची CBI, कर्मचारियों से पूछताछ

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Published : Jan 17, 2021, 10:37 PM IST

देवरिया में संचालिका गिरजा त्रिपाठी समेत दर्जनों लोगों से रविवार को सीबीआई की टीम ने सिंचाई विभाग के डाक बंगले में पूछताछ की. इस दौरान सभी के बयान दर्ज किए गये.

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बालिका गृहकांड में दोबारा पूछताछ

देवरियाः जिले में 5 अगस्त 2018 में हुए बालिका गृहकांड की मुख्य आरोपी और संचालिका गिरजा त्रिपाठी समेत दर्जनों लोगों से रविवार को सीबीआई की टीम ने सिंचाई विभाग के डाक बंगले में पूछताछ की. इस दौरान सभी के बयान दर्ज किए गये. इसके साथ ही बालिका गृह से जुड़े सभी कर्मचारिचयों को तीन दिन के अंदर
उपस्थित होने का निर्देश दिया है. यह भी कयास लगाया जा रहा है कि सीबीआई इस मामले से जुड़े और भी लोगो का बयान दर्ज कर सकती है.

क्या था पूरा मामला
सदर कोतवाली क्षेत्र के स्टेशन रोड स्थित बालिका गृह में 5 अगस्त 2018 को छापेमारी कर 23 संवासिनियों को बरामद किया गया था. इसकी जांच एसआईटी ने शुरू किया था. बाद में इसकी जांच सीबीआई को सौंप दी गई थी. सीबीआई ने 2019 से इसकी जांच शुरू की. जिसमें सीबीआई की दो सदस्यीय टीम शुक्रवार के दिन देवरिया पहुंची और शहर के सिंचाई विभाग के डाक बंगले में रुक कर जांच कर रही है. टीम ने बालिका गृह कांड की संचालिका गिरिजा त्रिपाठी समेत बालिका गृहकांड से जुड़े हुए लगभग अभी तक दर्जनों लोगों से पूछताछ कर चुकी है.

करीब 6 घंटे चली पूछताछ
सीबीआई टीम ने गिरिजा त्रिपाठी से बालिका गृह कांड के बारे में लगभग 6 घंटे पूछताछ की. इसके बाद टीम ने बालिका गृह कांड में गिरजा त्रिपाठी और उनके कर्मचारियों की भूमिका के बारे में जानकारी ली. सीबीआई की टीम ने सभी के बयान दर्ज करते हुए सभी को तीन दिन के अंदर उपस्थित होने का निर्देश दिया है.

जबरन संस्था को चला रही थी संचालिका
देवरिया सदर कोतवाली के स्टेशन रोड स्थित मां विन्ध्वासिनी बाल गृह बालिका, जिसमें अनियमितता को लेकर सरकार सीबीआई जांच करा रही थी. जिसको लेकर इसमें सरकार से पैसा भी आना बंद हो गया था. लेकिन दबंग किस्म की संस्था की संचालिका जबरन हाईकोर्ट का धौंस दिखाकर इस संस्था को चला रही थी.

करोड़ों की बनाई थी संपत्ति
संस्था संचालिका गिरजा त्रिपाठी की शादी एक साधारण परिवार नूनखार के मोहन त्रिपाठी से हुई थी. स्थानीय लोगो का कहना था कि साल 2002 में गिरजा भटनी बाजार के कस्बे में एक रूम लेकर सिलाई करती थी और उसी से उसका जीविका चलता था. लेकिन कुछ महीने बीतते ही उसने एक सिलाई सेन्टर खोल स्थानीय महिलाओं को भी प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया. इसी दरमियान उसने साल 2002 में ही एक एनजीओ का रजिस्ट्रेशन कराया. जिसका नाम मां विन्ध्वासिनी महिला प्रशिक्षण एवं समाजिक सेवा संस्थान के नाम शुरू किया. उसमें जनपद के लगभग सभी क्षेत्रों में जाकर महिलाओं को अपने संस्थान में जोड़ना शुरू करा दिया. उसके बाद इस एनजीओ के माध्यम जनपद में बृद्धाश्रम और बाल संरक्षण शुरू कर दिया. जिसमे सरकार की तरफ से पैसा भी मिलने लगा. आप को जान कर हैरानी होगी की एक एनजीओ संस्थान चलाने वाली संचालिका कुछ ही सालों में करोड़ों की संपत्ति बना ली. स्थानीय लोग बताते हैं मां विंध्यवसिनी सेवा संस्थान की संचालिका गिरजा त्रिपाठी ने रजला गांव सहित शहर के तमाम जगहों पर करोड़ों की जमीन खरीद रखी है.

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