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इंसाफ की लड़ाई लाई रंग, बीमा कम्पनी को देना होगा किसान बीमा योजना का 5 लाख रुपये

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Published : Jul 31, 2021, 1:57 AM IST

बाराबंकी जिले में एक महिला को किसान एवं सर्वहित बीमा योजना का लाभ पाने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा. इसके बाद उसे इंसाफ मिला. अदालत ने उसे दो माह में पांच लाख रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया है.

बाराबंकी कोर्ट.
बाराबंकी कोर्ट.

बाराबंकी:जिलेमें एक महिला को किसान एवं सर्वहित बीमा योजना का लाभ पाने के लिए नाकों चने चबाने पड़े. हर जगह से निराश हुई महिला ने आखिरकार अदालत का दरवाजा खटखटाया, जहां से उसे इंसाफ मिला. शुक्रवार को सिविल कोर्ट की स्थायी लोक अदालत अधिकरण ने बीमा कम्पनी को योजना का पांच लाख रुपये का भुगतान पीड़ित महिला को दो माह में किए जाने का आदेश दिया है. यही नहीं समय के अंदर भुगतान न करने पर बीमा कम्पनी द्वारा पीड़िता को दावा दायर करने की तिथि से 6 प्रतिशत ब्याज का भुगतान करना होगा.

हैदरगढ़ तहसील के ब्लॉक त्रिवेदीगंज के ग्राम दहिला निवासिनी संगीता ने स्थायी लोक अदालत अधिकरण में परिवाद दाखिल किया था कि ग्राम दहिला में उसके नाम कृषि योग्य जमीन है. उसका पति अरुण कुमार काश्तकारी करके अपने परिवार का भरण-पोषण करता था. उसकी दो पुत्री और एक पुत्र है. 25 नवम्बर 2018 को उसके पति अरुण कुमार मोटरसाइकिल से घर आ रहे थे. रास्ते में अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी. देर रात तक जब उसके पति घर नहीं लौटे तो उनकी खोजबीन शुरू की गई. दूसरे दिन सुबह अरुण कुमार नाले में घायल अवस्था में मिले. अरुण की यह हालत देख संगीता मूर्छित हो गई. गांव वाले दोनों पति-पत्नी को भिलवल स्थित नव ज्योति हॉस्पिटल ले गए, जहां डॉक्टरों ने अरुण कुमार को मृत घोषित कर दिया. संगीता को गांव वालों ने अस्पताल में भर्ती करा दिया. पुलिस को पूरे मामले की सूचना दी गई, लेकिन पुलिस ने कोई कार्यवाही नहीं की.

अदालत के आदेश पर दर्ज हुई एफआईआर

ग्राम प्रधान और गांव वालों ने अरुण कुमार का अंतिम संस्कार कर दिया. संगीता की जब हालत सुधरी तो उसने पुलिस अधीक्षक को पूरे मामले से अवगत कराया. इसके बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई. मजबूरन उसने अदालत का दरवाजा खटखटाया. न्यायालय के आदेश पर 9 फरवरी 2019 को उसकी प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज हुई.

कम्पनी ने किसान बीमा योजना का लाभ देने से इनकार कर दिया

इस रिपोर्ट के आधार पर संगीता ने मुख्यमंत्री किसान एवं सर्वहित बीमा योजना का लाभ पाने के लिए पांच लाख रुपये का दावा न्यू इंडिया इन्श्योरेंस कम्पनी लिमिटेड शाखा बाराबंकी में किया. बीमा कम्पनी ने उसका दावा निरस्त कर दिया. मजबूरन संगीता ने स्थायी लोक अदालत में परिवाद दाखिल किया.

पति के नाम नहीं थी जमीन

बीमा कम्पनी ने अरुण कुमार की विलंब से प्रथम सूचना रिपोर्ट लिखाने, पोस्टमार्टम न होने, अरुण कुमार के नाम कोई जमीन न होने के कारण बताते हुए पीड़िता संगीता को मुख्यमंत्री किसान एवं सर्वहित बीमा योजना का लाभ दिए जाने से इनकार करते हुए दावा निरस्त कर दिया.

पीड़िता ने प्रस्तुत किए कागजात

याची संगीता के अधिवक्ता ने तहसीलदार हैदरगढ़ द्वारा निर्गत आय प्रमाणपत्र 36 हजार रुपये वार्षिक, न्यायालय के आदेश पर दर्ज प्रथम सूचना रिपोर्ट और पंचायतनामा दाखिल किया. यही नहीं अपने समर्थन में उच्च न्यायालय की विधि व्यवस्था भी दाखिल की. यह भी कहा कि अरुण कुमार मुख्यमंत्री किसान एवं सर्वहित योजना के अंतर्गत लाभ पाने की सभी शर्तें पूरी करता है.

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स्थायी लोक अदालत ने सुनाया फैसला

स्थायी लोक अदालत के अध्यक्ष धर्मराज मिश्र, जज सदस्य दिनेश पाण्डेय, सदस्या डॉ. रश्मि रस्तोगी ने एक मत से पीड़िता और बीमा कम्पनी को सुनने के बाद संगीता को दो माह में पांच लाख रुपये का भुगतान करने का आदेश दिया है. यही नहीं समय के अंदर भुगतान न करने पर बीमा कम्पनी द्वारा पीड़िता को दावा प्रस्तुत करने की तिथि से 6 प्रतिशत ब्याज का भुगतान करना होगा.

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