बाराबंकी: केंद्र और प्रदेश सरकार से नाराज ईंट-भट्ठा मालिकान ने बड़ा फैसला लेकर हड़कंप मचा दिया है. सरकार पर उद्योग विरोधी नीतियों का आरोप लगाते हुए पूरे प्रदेश के ईंट-भट्ठा संचालकों ने हड़ताल करने का फैसला किया है. ईंट-भट्ठा संचालक आने वाले सीजन में भट्ठे का संचालन पूरी तरह ठप्प रखेंगे. ये फैसला रविवार को बाराबंकी में हुई एक बैठक में आम राय से लिया गया. हस्ताक्षर के जरिए जिले के साथ-साथ आसपास के जिलों से आए भट्ठा संचालकों की हड़ताल को लेकर आम राय ली गई.
ईंट-भट्ठों पर जीएसटी दर में वृद्धि, कोयले के दर में बेतहाशा वृद्धि और सरकारी कामों में लाल ईंटों की खरीद के बजाय फ्लाई ऐश ईंटों की खरीद को शासन द्वारा बढ़ावा दिए जाने से ईंट-भट्ठा संचालक नाराज हैं. पिछले दो वर्ष से ये लोग लगातार आंदोलन कर रहे हैं. इनका आरोप है कि सरकार की गलत नीतियों से इस उद्योग को भारी नुकसान हुआ है. जिले और प्रदेश से लगाकर इन्होंने ऑल इंडिया स्तर तक अपना आंदोलन किया. लेकिन, सरकार ने कोई ध्यान नहीं दिया. मांगों को लेकर इन लोगों ने दिल्ली में जंतर-मंतर पर धरना-प्रदर्शन भी किया. फिर भी सरकार के कानों पर जूं तक नहीं रेंगी. मजबूरन उन्हें हड़ताल का फैसला करना पड़ा.
जिला पंचायत सभागार में रविवार को जुटे ईंट-भट्ठा संचालकों ने रणनीति तैयार की. उन्होंने एक-एक भट्ठा संचालक से हड़ताल के पक्ष में राय जानी और उनसे हस्ताक्षर भी कराए. सभी ने एक राय होकर ये फैसला लिया कि वे आगामी सीजन में भट्ठा नहीं चलाएंगे. बैठक में ईंट निर्माताओं ने अपनी पीड़ा बयान करते हुए कहा कि पहले ही लाल ईंटों को प्रतिबंधित कर फ्लाई ऐश ईंटों को बढ़ावा देने से ईंट-भट्ठा उद्योग बंदी के कगार पर चल रहा है. वहीं, अब रही-सही कसर जीएसटी काउंसिल ने ईंटों पर जीएसटी के स्लैब में बदलाव करके पूरी कर दी है. उन्होंने कहा कि इस कुटीर उद्योग को समाप्त करने की साजिश की जा रही है.