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बलरामपुर: विकास कार्य न होने से इस गांव के लोगों ने किया मतदान का बहिष्कार

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Published : May 13, 2019, 7:49 AM IST

एक तरफ रविवार को प्रदेश में 18 सीटों पर लोकसभा चुनाव के छठे चरण का मतदान हो रहा था तो वहीं, जिले के फतेहनगर गांव के लोगों ने वोट नहीं डाला. ग्रामीणों ने प्रशासन पर गांव में विकास कार्य न कराने का आरोप लगाया.

ग्रामीणों ने मतदान का किया बहिष्कार.

बलरामपुर: सात चरणों में चलने वाले लोकसभा चुनावों के लिए रविवार को छठे चरण के अंतर्गत वोटिंग हुई. लोग अपने घरों से बाहर निकल कर लोकतंत्र के इस महापर्व में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया, लेकिन जिले से तकरीबन 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित तुलसीपुर ब्लॉक में कुछ दूर आगे फतेहनगर गांव के लोगों ने इस बार मतदान नहीं किया. उन्होंने पूरी तरह से चुनाव का बहिष्कार किया है.

ग्रामीणों ने मतदान का किया बहिष्कार.

क्या है पूरा मामला

  • प्राथमिक विद्यालय फतेहनगर शिक्षा क्षेत्र तुलसीपुर पर स्थित बूथ संख्या 254, 255 पर सुबह से सन्नाटा पसरा था. यहां पर एक भी वोट नहीं डाला जा सका.
  • ग्रामवासियों का आरोप है कि गांव में अगर लाइट नहीं तो फिर किसी को कोई वोट नहीं.
  • इसके साथ ही ग्रामवासी कुछ अन्य समस्याओं को लेकर भी प्रशासन से नाराज दिखाई देते हैं.
  • ग्रामीणों का आरोप है कि सरकार और प्रशासन सालों से हमारे साथ भद्दा मजाक करता रहा है. पूरे जिले में सौभाग्य और दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना लागू की गई, लेकिन हमारे यहां एक बल्ब भी जिला प्रशासन नहीं जला सका.

हमारे यहां ना तो सड़क है, ना तो बिजली है, ना तो पानी है, ना किसी तरह की सिंचाई की व्यवस्था है,. हमने अपनी समस्याओं को स्थानीय विधायक कैलाश नाथ शुक्ल, सांसद दद्दन मिश्रा, यहां तक कि योगी और मोदी सरकार से भी गुहार लगाई है. लेकिन किसी ने हमारी समस्याओं को सुनने का काम नहीं किया. आजादी के 70 साल बीत चुके हैं, लेकिन हम आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. हमारे पास सुविधाओं की नितांत कमी है, लेकिन कोई नेता या कोई राजनीतिक दल हमारी सुध लेने वाला नहीं है. इसलिए हम बिना किसी दबाव के चुनाव का बहिष्कार कर रहे हैं.

-दयाशंकर त्रिपाठी, आक्रोशित मतदाता

जिन्हें हम नेता बनाकर यहां से भेज देते हैं, वह लोग हमारी समस्याओं को न तो किसी पटल पर उठाते हैं और न ही उनको हल करवा पाते हैं.

-इकबाल अहमद, आक्रोशित मतदाता

इस ग्राम सभा के लोग सुबह से वोटिंग करने नहीं पहुंचे . इस बात की जानकारी हमने अपने उच्चाधिकारियों को दे रखी है. सेक्टर मजिस्ट्रेट से लेकर जिला निर्वाचन अधिकारी तक को हमने बता दिया है. प्रशासनिक लोग यहां तक आए भी थे, लेकिन गांव वाले किसी की बात सुनने को तैयार नहीं है.
-पीठासीन अधिकारी राकेश कुमार द्विवेदी

वहीं, अपर जिला निर्वाचन अधिकारी अरुण कुमार शुक्ल ने कहा कि हमने वहां जाकर ग्रामीणों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन ग्रामीण सुनने को तैयार नहीं है, ऐसे में हम कुछ नहीं कर सकते.

Intro:note :- UP_BLP_YOGENDRA TRIPATHI_12 MAY 2019_FATEHNAGRAA ME CHUNAAV BAHISHKAAR_VIDEO के नाम से फीड एफटीपी के माध्यम से प्रेषित है। डेस्क के सहयोगी कृपया संज्ञान लें।)


सात चरणों में चलने वाले लोकसभा चुनावों के लिए आज छठ में चरण के अंतर्गत वोटिंग की जा रही है। लोग अपने घरों से बाहर निकल रहे हैं और लोकतंत्र के इस महोत्सव को मनाने के लिए बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। लेकिन बलरामपुर जिले से तकरीबन 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित तुलसीपुर ब्लाक में कुछ दूर आगे ग्राम सभा फतेहनगरा स्थित है। फतेहनगरा के लोग मूल सुविधाओं से सालों से वंचित रह गए हैं, इसलिए उन लोगों ने तय किया है कि वह इस बार चुनावों की इस महोत्सव में भाग नहीं लेंगे। उन्होंने पूरी तरह से चुनाव का बहिष्कार किया है।


Body:प्राथमिक विद्यालय फतेहनगर शिक्षा क्षेत्र तुलसीपुर पर स्थित बूथ संख्या 254, 255 पर सुबह से सन्नाटा पसरा हुआ है। यहां पर एक भी वोट अभी तक नहीं डाला जा सका है। ग्रामवासियों का आरोप है कि गांव में अगर लाइट नहीं तो फिर किसी को कोई वोट नहीं। इसके साथ ही ग्रामवासी कुछ अन्य समस्याओं को लेकर भी प्रशासन से नाराज दिखाई देते हैं। ग्रामवासी आरोप लगाते हैं कि सरकार और प्रशासन सालों से हमारे साथ भद्दा मजाक करता रहा है। पूरे जिले में सौभाग्य और दीनदयाल ग्राम ज्योति योजना लागू की गई लेकिन हमारे यहां एक बल्ब भी जिला प्रशासन नहीं जला सका।
ग्रामवासी कहते हैं कि हमारे यहां ना तो सड़क है, ना तो बिजली है, ना तो पानी है, ना किसी तरह की सिंचाई की व्यवस्था है। हमने अपनी समस्याओं को स्थानीय विधायक कैलाश नाथ शुक्ल, सांसद दद्दन मिश्रा, यहां तक कि योगी और मोदी सरकार से भी गुहार लगाई है। लेकिन किसी ने हमारी समस्याओं को सुनने का काम नहीं किया। आजादी के 70 साल बीत चुके हैं। लेकिन हम आज भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं हमारे पास सुविधाओं की नितांत कमी है। लेकिन कोई नेता या कोई राजनीतिक दल हमारी सुध लेने वाला नहीं है। इसलिए हम बिना किसी दबाव के चुनाव बहिष्कार कर रहे हैं।
ग्रामवासी, नेताओं पर आरोप लगाते हुए कहते हैं कि जिन्हें हम नेता बनाकर यहां से भेज देते हैं। वह लोग केवल अपना उल्लू सीधा करने का काम करते हैं। वह लोग हमारे समस्याओं को ना तो किसी पटल पर उठाते हैं और ना ही उनको हल करवा पाते हैं।
वही, जब हमने पोलिंग बूथ पर मौजूद पीठासीन अधिकारी से बात की तो उन्होंने बताया कि इस ग्राम सभा के लोग सुबह से वोटिंग करने नहीं पहुंचे हैं। इस बात की जानकारी हमने अपने उच्चाधिकारियों को दे रखी है। सेक्टर मजिस्ट्रेट से लेकर जिला निर्वाचन अधिकारी तक को हमने बता दिया है। प्रशासनिक लोग यहां तक आए भी थे, लेकिन गांव वाले किसी की बात सुनने को तैयार नहीं है।


Conclusion:जब हमने इस बारे में अपन जिला निर्वाचन अधिकारी अरुण कुमार शुक्ल से बात की तो उन्होंने कहा कि हमने वहां जाकर ग्रामीणों को समझाने का काम किया है। लेकिन ग्रामीण सुनने को तैयार नहीं है ऐसे में हम कुछ नहीं कर सकते। इस तरह से अपर जिला निर्वाचन अधिकारी ने अपनी जिम्मेदारियों से भागने जैसा बयान दिया है।
हम आपको बताते चलें कि फतेहनगरा ही इकलौता ग्राम सभा नहीं है, जहां पर मतदान बहिष्कार किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त तुलसीपुर ब्लॉक के गनवरिया ग्राम सभा में भी लोगों ने चुनाव का बहिष्कार किया था। इसके बाद ही प्रशासन जागा था और वहां के लोगों की समस्याओं को निपटाने का काम किया गया था।

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