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Baghpat News : छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़, 111 नॉर्मल परीक्षार्थियों को बना दिया गया हैंडीकैप

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Published : Jan 18, 2023, 9:43 AM IST

बागपत जिले में एक इंटर कॉलेज की लापरवाही सामने आई है. यहां लापरवाही के चलते 111 नॉर्मल बोर्ड परीक्षार्थियों को हैंडीकैप (मूक बधिर) दर्शा दिया गया. अब इस गलती को सुधारने के लिए प्रबंधतंत्र शिक्षा विभाग के चक्कर काट रहे हैं

etv bharat
डीएवी इंटर कॉलेज

बागपतः जिले के किशनपुर बराल गांव के एक इंटर कॉलेज में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां पर कॉलेज की लापरवाही के चलते 111 नॉर्मल बोर्ड परीक्षार्थियों को हैंडीकैप (मूक बधिर) दर्शा दिया गया. जब इस गलती के विषय में कॉलेज प्रबंधतंत्र और अभिभावकों को जानकारी हुई है, तो हड़कंप मच गया. अब इस गलती को सुधारने के लिए प्रबंधतंत्र शिक्षा विभाग के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन अभी तक समस्या का स्थायी समाधान नहीं हो पाया है.

किशनपुर बराल के डीएवी इंटर कॉलेज में बोर्ड के कुल 376 परीक्षार्थी पंजिकृत हैं. इनमें हाईस्कूल के 140 व इंटरमीडिएट के 236 परीक्षार्थी शामिल हैं. अगले माह 16 फरवरी से बोर्ड के एग्जाम भी शुरू होने जा रहे हैं, लेकिन परीक्षा शुरू होने से पहले कॉलेज में हड़कंप मचा हुआ है. कारण है, बोर्ड में शामिल होने वाले 100 से अधिक छात्र-छात्राओं को मूक बधिर बना डाला है. इस बड़ी खामी को दूर करने के लिए कॉलेज प्रबंधतंत्र शिक्षा विभाग के अधिकारियों के चक्कर काट रहा है.

दरअसल, शैक्षिक सत्र 2021-22 में इन सभी 376 छात्र-छात्राओं का पंजीकरण उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की आधिकारिक वेबसाइट upmsp.edu.in पर किये गए थे. इसके लिए कॉलेज के पूर्व प्रधानाचार्य डॉ. देवी प्रसाद गुप्ता ने कॉलेज के एक शिक्षक, एक लिपिक व एक चपरासी की ड्यूटी लगाई थी. इनके द्वारा इन छात्रों के किए गए पंजीकरण में से 111 छात्र-छात्राओं को जानबूझकर या भूलवश मूक बधिर, दृष्टिहीन दर्ज करा दिया.

इस मामले की जानकारी 11 दिसंबर 2022 को उस समय लगी, जब परिषद की ओर से इन सभी परीक्षार्थियों की सूची कॉलेज पहुंची. सूची में हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के इन 111 छात्र-छात्राओं की जानकारी में हैंडीकैप (मूक बधिर) और दृष्टिहीन दर्शाया हुआ था. इनमें हाईस्कूल के 106 छात्रों को मूक बधिर और इंटरमीडिएट के 5 छात्र-छात्राओं को दृष्टिहीन दर्शाया गया है. जब इन परीक्षार्थियों और इनके अभिभावकों को इस प्रकरण की जानकारी हुई तो वे परेशान हो गए.

छात्र और उनके अभिभावक कॉलेज के चक्कर काट रहे हैं. समस्या का समाधान न होने से अभिभावकों में रोष व्याप्त है. वहीं, कॉलेज प्रबंधन भी जिविनि से लेकर क्षेत्रीय कार्यालय के चक्कर काट रहा है, लेकिन अभी तक समस्या का समाधान नहीं हो पाया है.

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