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आजमगढ़: खंडहर में तब्दील हुआ 45 लाख की लागत से बना पार्क

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Published : Nov 6, 2019, 8:33 PM IST

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ में मॅाडल रेलवे स्टेशन पर बना पार्क अधिकारियों की उदासीनता के चलते खंडहर में तब्दील हो चुका है. इस पार्क को बनाने में 45 लाख रुपये खर्च किए गए थे.

45 लाख की लागत से बना था पार्क.

आजमगढ़: जनपद के मॉडल रेलवे स्टेशन पर बने पार्क ने एक साल के अंदर ही अपना अस्तित्व खो दिया है. पार्क के निर्माण में कुल 45 लाख का खर्च दिखाया गया था, जबकि यहां सिर्फ दो झूले लगवाए गए हैं. यही नहीं पार्क में न तो एक पौधा बचा है और न ही गेट. वहीं जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते दिखे.

जानकारी देते स्टेशन सलाहकार समिति के सदस्य.
45 लाख हुए पार्क पर खर्च
आदर्श रेलवे स्टेशन पर करीब 11 महीने पहले 45 लाख रुपये की लागत से एक पार्क बनवाया गया था. 9 फरवरी 2019 को पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक राजीव अग्रवाल ने पौधारोपण कर पार्क का उद्घाटन किया था. पार्क में दो झूले और एक रैप बनवाया गया था. इसके साथ हरियाली को बढ़ावा देने के लिए 2 दर्जन से अधिक पौधे भी लगाए गए थे.


अधिकारियों की उदासीनता के चलते पार्क का मुख्य गेट टूटकर कर गिर चुका है. यहां लगे झूले भी टूट चुके हैं. पार्क में बच्चों का खेलना तो दूर यहां कोई आना पसंद नहीं करता है. इस पार्क में एक भी पौधा नहीं है. यहां बैठने के लिए लगाई गई बेंच सड़ गई है. टूटे हुए झूलों का सामान भी गायब है. अधिकारी हैं कि पूरी तरह से मौन साधे हुए हैं.

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पार्क जिस हालात में बना था, उसके पूरे निर्माण की लागत 15 लाख ही होना चाहिए थी, लेकिन पार्क को 45 लाख से बनवाया गया. इसमें अधिकारी और ठेकेदारों की मिलीभगत से एक बड़ा भ्रष्टाचार किया गया है और अधिकारियों की लापरवाही से ही पार्क बदहाल हुआ है.
-एस.के सत्येन, स्टेशन सलाहकार समिति के सदस्य

Intro:एंकर- आजमगढ़ मॉडल रेलवे स्टेशन पर बने पार्क ने एक साल के अंदर ही अपना अस्तित्व खो दिया है। पार्क के निर्माण में कुल 45 लाख का खर्च दिखाया गया जबकि यहां सिर्फ दो झूले लगवाए गए यही नहीं पार्क में ना तो एक पौधा बचा है और ना ही गेट। वही जिम्मेदार अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ते दिखे।


Body:वीवो1- आदर्श रेलवे स्टेशन पर करीब 11 महीने पहले 45 लाख रुपए की लागत से एक छोटा सा पार्क बनवाया गया था। 9 फरवरी 2019 को पूर्वोत्तर रेलवे के महाप्रबंधक राजीव अग्रवाल ने पौधारोपण कर पार्क का उद्घाटन किया था पार्क में दो झूले और एक रैप बनवाया गया था साथ हरियाली को बढ़ावा देने के लिए 2 दर्जन से अधिक पौधे भी लगाए गए थे।

अधिकारियों की उदासीनता के चलते पार्क का मुख्य गेट टूटकर कर गिर चुका है यहां लगे झूले भी टूट चुके हैं पार्क में बच्चों का खेलना तो दूर यहां कोई आना पसंद नहीं करता। इस पार्क में एक भी पौधा नहीं है यहां बैठने के लिए लगाई गई बेंच सड़ गई है टूटे हुए झूलों का सामान भी गायब है अधिकारी हैं कि पूरी तरह से मौन साधे हुए हैं।

वीवो2- वही पूरे मामले पर स्टेशन सलाहकार समिति के सदस्य एसके सत्येन का कहना है कि पार्क जिस हालात में बना था उसकी पूरी निर्माण मूल्य 15 लाख ही होनी चाहिए थी। लेकिन पार्क को 45 लाख से बनवाया गया इसमें अधिकारी और ठेकेदारों में मिलिभगत से एक बड़ा भ्रटाचार किया गया है। और अधिकारियों की लापरवाही से ही पार्क बदहाल हुआ है।


Conclusion:वही जब इस पूरे मामले में कार्य निरीक्षक से बात करने का प्रयास किया गया तो उनका कहना था कि पार्क क्यो बदहाल है यह उद्घाटन करने वाले महाप्रबंधक जाने । जबकि स्टेशन अधीक्षक ने कहा कि उनका काम तो ट्रेनों का संचालन करना है उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है।

प्रत्युष सिंह
7571094826

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