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Shri Krishna Janmashtami 2021: अयोध्या में भी भव्य रूप से मनाई जाएगी जन्माष्टमी, चढ़ेगा सवा कुंतल पंजीरी का प्रसाद

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Published : Aug 30, 2021, 9:02 PM IST

श्रीराम की नगरी अयोध्या में भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव का उल्लास छाने लगा है. हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी अयोध्या के सभी मंदिरों में रात्रि 12:00 बजे देवकीनंदन कृष्ण जन्म लेंगे. रामलला के मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के द्वारा विशेष तैयारियां की गई हैं. कृष्ण जन्मोत्सव के मौके पर सवा कुंतल पंजीरी का भोग लगाया जाएगा.

अयोध्या में भी भव्य रूप से मनाई जाएगी जन्माष्टमी
अयोध्या में भी भव्य रूप से मनाई जाएगी जन्माष्टमी

अयोध्या: भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव का उल्लास कान्हा नगरी मथुरा और वृंदावन में बिखरा हुआ है, लेकिन भगवान राम की नगरी अयोध्या में भी कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जा रहा है. हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी अयोध्या के सभी मंदिरों में रात्रि 12:00 बजे देवकीनंदन कृष्ण जन्म लेंगे. लेकिन सभी मंदिरों में मनाए जाने वाले उत्सव से कहीं ज्यादा उल्लास भगवान श्री राम की पावन जन्मस्थली राम जन्मभूमि परिसर में होगी. जहां पर इस बार विशेष रूप से कृष्ण जन्मोत्सव का पर्व मनाया जा रहा है.

कृष्ण जन्मोत्सव के मौके पर सवा कुंतल पंजीरी का भोग लगाया जाएगा और 25 किलो पंचामृत के साथ फलों और विशेष व्यंजनों का भोग लगाया जाएगा. जिसके बाद मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्र दास विशेष रुप से आरती उतारेंगे. कृष्ण जन्मोत्सव का प्रसाद ड्यूटी पर तैनात सुरक्षाकर्मियों में और ट्रस्ट के सदस्यों में वितरित किया जाएगा.

अयोध्या में भी भव्य रूप से मनाई जाएगी जन्माष्टमी

भगवान राम लला की तरह ही भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव जाएगा मनाया
रामलला के मुख्य अर्चक आचार्य सत्येंद्र दास ने बताया कि राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के द्वारा विशेष तैयारियां की गई हैं. भगवान राम लला का जन्म 12:00 बजे दोपहर में हुआ था तो भगवान कृष्ण का जन्म रात्रि 12:00 बजे हुआ था. 12 बजे रात्रि में भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाएगा. राम जन्मभूमि में जिस तरह से भगवान श्रीराम का जन्म उत्सव मनाया जाता है. उसी तरह से राम जन्मभूमि परिसर अस्थाई मंदिर में भगवान कृष्ण का भी जन्म उत्सव मनाया जाएगा. भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के लिए सवा कुंतल पंजीरी बनी है, जिसमें सिंघाड़े के आटे की पंजीरी है. रामदाना की पंजीरी है और धनिया की पंजीरी है. भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के भोग के लिए 11 किलो पेड़ा और 25 किलो पंचामृत का भी प्रयोग किया जाएगा.

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