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करने जा रहे हैं फास्टैग रिचार्ज तो हो जाएं सावधान, कहीं खाते से गायब ना हो जाए पैसे

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Published : Sep 2, 2021, 7:54 PM IST

गूगल सर्च इंजन के माध्यम से बैंक लेनदेन या फिर किसी प्रकार की रिचार्ज हेल्पलाइन नंबर जानने की कोशिश कर रहे हैं तो सावधान रहें. बिना पूरी जांच पड़ताल के किसी भी प्रकार के बैंक लेनदेन करना आपको भारी पड़ सकता है. अयोध्या में बिना पड़ताल के ऐसे नंबर से फास्टैग रिचार्ज करना एक युवती को भारी पड़ गया. रिचार्ज हुआ नहीं, उल्टे खाते से ₹103000 निकल गए.

रिचार्ज करते समय रहे सावधान
रिचार्ज करते समय रहे सावधान

अयोध्याः डिजिटल होती दुनिया में आलम यह है कि हम अपनी परेशानियों को भी गूगल से शेयर करने में हिचकीचाते नहीं है. चाहे किसी बीमारी की दवा पूछनी हो किसी तकनीकी समस्या का हल. गूगल सर्च इंजन में सब कुछ हम ढूंढ रहे हैं. लेकिन ऐसा करना कितना खतरनाक हो सकता है इसकी जीता जागता उदाहरण सामने आया है अयोध्या में. यहां एक युवती को गूगल से मिले फास्टैग रिचार्ज नंबर के जरिए अपना फास्टैग रिचार्ज कराना महंगा पड़ गया और जालसाज ने उसके खाते से ₹100000 से अधिक की रकम गायब कर दी. हालांकि जब युवती ने जब इस मामले की लिखित शिकायत साइबर क्राइम सेल में दी तो युवती के पैसे वापस तो मिल गए लेकिन कुछ पैसों का पता नहीं चल पाया.

शिकायतकर्ता जूही वर्मा ने शिकायत दर्ज कराई थी कि 30 अप्रैल को उसने अपना फास्टैग रिचार्ज करने के संबंध में गूगल पर मदद के लिए नंबर सर्च किया. गूगल से मिले नंबर के जरिए उसने अपना फास्टैग रिचार्ज करने की कोशिश की, लेकिन फास्टैग रिचार्ज तो नहीं हुआ बल्कि उसके खाते से ₹103000 निकाल लिए गए. परेशान युवती ने इस मामले की शिकायत परिक्षेत्रीय साइबर क्राइम थाना अयोध्या परिक्षेत्र में की. धोखाधड़ी की गंभीरता को देखते हुए अपर पुलिस महानिदेशक साइबर क्राइम राम कुमार व पुलिस महानिरीक्षक अयोध्या परिक्षेत्र संजीव गुप्ता ने इस पर त्वरित कार्रवाई की.

साइबर सेल की मदद से युवती के खाते में वापस पहुंचे ₹100000

मामले में पुलिस की कार्रवाई के बाद साइबर ठगी की धनराशि में से 100000 रुपये शिकायतकर्ता के सोर्स बैंक खाते में वापस करवाई गयी. साइबर ठगों द्वारा उठाए गए पैसे वापस ना मिल पाने को लेकर चिंतित युवती के पिता के खाते में जब पैसे वापस हुए तब जाकर उन्हें संतोष मिला. भविष्य में कभी भी गूगल से नंबर लेकर इस तरह की मदद ना लेने की कसम खाकर पिता और पुत्री थाने से रवाना हो गए.

पैसे वापस होने पर थाने पहुंचा पीड़ित परिवार
हमारी आप से अपील है कि कभी भी आर्थिक लेनदेन के लिए गूगल सर्च इंजन से लिए गए नंबरों पर विश्वास करें. अपने बैंक खाते की डिटेल किसी से साझा ना करें. किसी भी व्यक्ति को ओटीपी ना बताए. किसी बार कोड को स्कैन ना करें. ऐसा करना आपके लिए खतरनाक हो सकता है. आमतौर पर गूगल से मदद लेने की लोगों में दिलचस्पी देखते हुए जालसाज किस्म के लोगों ने गूगल सर्च इंजन पर प्रतिष्ठित कंपनियों के हेल्पलाइन और टेली केयर नंबर के नाम पर ऐसे नंबर डाल रखे हैं जो इन 4 जालसाजों के हैं. शुरुआती बातचीत में यह किसी को भी भरोसे में ले लेते हैं और उसके बाद आसानी से उनके खाते से पैसे निकाल लेते हैं.

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