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AMU में पढ़ चुके भाई-बहन के धर्मांतरण के तार उमर गौतम से तो नहीं जुड़े ?

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Published : Jun 25, 2021, 6:12 PM IST

अलीगढ़ में भाई-बहन के धर्मांतरण के तार उमर गौतम से जुड़े होने की संभावना जताई जा रही है. भाजपा के पार्षद पुष्पेंद्र सिंह जौदान ने ऐसे तथ्य उजागर किए हैं और जांच करने की मांग की है.

पार्षद पुष्पेन्द्र सिंह जादौन.
पार्षद पुष्पेन्द्र सिंह जादौन.

अलीगढ़: जिले में भी धर्मांतरण के तार उमर गौतम से जुड़े होने की खबरें समाने आ रही हैं. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले भाई और बहन का धर्म परिवर्तन कहीं उमर गौतम के संगठन द्वारा तो नहीं किया गया? इस तथ्य को भाजपा के पार्षद पुष्पेंद्र सिंह जौदान ने उजागर किया है. उमर गौतम अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए 2013 में आ चुका है और इससे जुड़ा वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है. इसकी जांच की जा रही है. पार्षद पुष्पेन्द्र जिस परिवार के धर्मांतरण की बातें बता रहे हैं, वह फैजाबाद से आकर अलीगढ़ बसा था. पिता लोकमान्य तिवारी की मृत्यु के बाद गैर समुदाय के लोगों ने आर्थिक मदद की थी. परिवार में संगीत का शौक रखने वाले युवक को संगीत सीखने के लिए विदेश भी भेजा गया. जबकि परिवार की आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि वह विदेश जा पाएं.

परेशानी में समाज के लोग नहीं किये मदद
भाजपा पार्षद पुष्पेंद्र सिंह जादौन धर्म परिवर्तन करने वाले परिवार के संपर्क में है. पुष्पेंद्र ने बताया कि धर्म परिवर्तन करने के बाद मां माधवी से बात हुई. उनका कहना है कि वह अपने बच्चों की खुशी में ही खुश है. उन्होंने कहा कि धर्म से कोई मतलब नहीं हैं. बच्चे हंसी खुशी रह रहे हैं और सेवा कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मोहल्ले और समाज से कोई मतलब नहीं है. माधवी ने बताया कि जब परेशानी में थे तो समाज का कोई व्यक्ति मदद के लिए नहीं आया था. हालांकि पार्षद पुष्पेंद्र सिंह जादौन इस मामले में साक्ष्य संकलित कर रहे हैं कि उमर गौतम से जुड़ा संगठन कहीं इसके पीछे तो नहीं है. इस बारे में शासन- शासन से भी पार्षद पुष्पेंद्र सिंह जादौन जांच की मांग कर रहे हैं.

पॉश इलाके में खरीदा मकान

पार्षद पुष्पेन्द्र सिंह जादौन.
पार्षद पुष्पेंद्र सिंह जादौन ने बताया कि 2016 में पिता लोकमान्य तिवारी की दुर्घटना में मृत्यु के बाद परिवार मिस गिल कंपाउंड में किराए पर रहता था और बच्चे एएमयू में पढ़ रहे थे. जब तक पिता जिंदा थे तब तक गैर समुदाय के लोगों का आना-जाना नहीं था. लेकिन पिता की मौत के बाद गैर समुदाय के लोगों का आना-जाना होने लगा. मां माधवी ने बताया है कि दामाद शहनवाज अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से पीएचडी कर रहा है. हालांकि एएमयू में पढ़ते समय ही बच्चों की दोस्ती हुई थी. पिता लोकमान्य की मौत के बाद इस परिवार ने अचानक नैयर अपार्टमेंट में फ्लैट खरीद लिया. सवाल यह है कि आखिर किसकी मदद से फ्लैट खरीदा गया. बेटी सृष्टि भी धर्म परिवर्तन कर नाम जैनब रख ली है. गैर समुदाय के युवक से शादी कर ली. वहीं, भाई प्रतीक का धर्म परिवर्तन के बाद जकिया नाम की युवती से शादी हुई है.
भाई-बहनों का किया गया धर्म परिवर्तन
लोकमान्य तिवारी के प्राइवेट नौकरी करते समय हालात अच्छे नहीं थे. ऐसे में बेटे प्रतीक उर्फ फैजुल रहमान का पासपोर्ट बन गया और 3-4 विदेश यात्राएं भी कर ली. आखिर यह सब किस की मदद से हुआ और बड़ी बात की पिछले पांच साल में दोनों बच्चों की मुस्लिम समाज में शादी कर दी और धर्म भी बदल लिया. पार्षद पुष्पेंद्र सिंह जादौन मां माधवी को समझाने का प्रयास करते हैं. लेकिन मां कहती हैं कि अब जैसे भी है, ठीक है. मां माधुरी बच्चों के साथ ही रहना चाहती है. वहीं, नैयर अपार्टमेंट में लिया गया फ्लैट पार्षद से बिकवाने के लिए कहा है. माधवी ने बताया कि बच्चों ने अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन किया है और वह बच्चों के फैसले के साथ हैं. हालांकि उन्होंने पुष्पेंद्र को बताया कि वह बेटा, बेटी और बहू, दामाद के साथ अलीगढ़ में ही रह रही है, लेकिन पता नहीं बताया.

उमर गौतम एएमयू के कैनडी हाल में दिया था भाषण
एएमयू के कैनेडी हाल में उमर गौतम के एक कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर अब सुरक्षा एजेंसी भी जांच में जुट गई है. कार्यक्रम में शामिल लोगों का ब्यौरा जुटाया जा रहा है. उमर गौतम के लिए कार्यक्रम आयोजित करने वाले लोगों की जानकारी जुटाई जा रही है. किसके सहयोग से उमर एएमयू पहुंचा. कमजोर और निर्मल वर्ग के लोगों के बीच इनकी पैठ कैसे बनाई और इन्हीं गतिविधियों को तलाशा जा रहा है.

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प्रलोभन और आर्थिक मदद की आड़ में किया गया धर्म परिवर्तन
भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिला प्रवक्ता निशित शर्मा ने बताया कि 2013 में एएमयू के कैनेडी ऑडिटोरियम में उमर गौतम ने संबोधन किया था. कार्यक्रम इस्लामिक स्टडीज पर आधारित था. निशित भी एएमयू के पूर्व छात्र रहे हैं. उन्होंने मांग की है कि उमर गौतम के लिए कार्यक्रम आयोजित करने वालों की भी जांच होनी चाहिए. ताकि धर्मांतरण से जुड़े अन्य गतिविधियों का पर्दाफाश हो. वहीं, पार्षद पुष्पेन्द्र ने भी जिला प्रशासन से मांग की है कि धर्मांतरण कानून के तहत प्रकरण की जांच होनी चाहिए. प्रलोभन और आर्थिक मदद की आड़ में धर्मांतरण कराया गया है तो इसकी जांच होनी चाहिए.

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