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मायावती बोलीं, दलित, अल्पसंख्यक व अन्य पिछड़ा वर्ग विरोधी है भाजपा...

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Published : Feb 6, 2022, 5:15 PM IST

Updated : Feb 6, 2022, 8:14 PM IST

अलीगढ़ में बसपा सुप्रीमो मायावती ने जनसभा को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि भाजपा सरकार दलित, अल्पसंख्यक व अन्य पिछड़ा वर्ग विरोधी है.

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मायावती बोलीं, दलित, अल्पसंख्यक व अन्य पिछड़ा वर्ग विरोधी है भाजपा...

अलीगढ़ : अलीगढ़ में बसपा सुप्रीमो मायावती ने रविवार को नुमाइश मैदान पर जनसभा को संबोधित किया. वह बोलीं कि बसपा अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ रही है. बसपा ने सभी जातियों के लोगों को टिकट दिया है. साथ ही उन्होंने कहा कि भाजपा जातिवादी पार्टी होने के कारण दलित, अल्पसंख्यक व अन्य पिछड़ा वर्ग विरोधी पार्टी बन गई है. इस वजह से ही भाजपा ने भारतीय संविधान निर्माता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर को भारत रत्न की उपाधि से सम्मानित नहीं किया.

पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि दलितों, आदिवासियों व अन्य पिछड़े वर्गो को लेकर भाजपा किस्म- किस्म के नाटक करती है. उन्होंने यह भी कहा कि जब कांग्रेस सत्ता में रहती है तब दलितों के विकास का ध्यान नहीं रखती. भाजपा की सरकार से भी जनता दुखी है. सपा की सरकार में ज्यादातर गुंडों, बदमाशों, माफियाओं, अराजक तत्वों पर लूटखसोट और दंगा फसाद कराने का आरोप रहा है. इस वजह से यूपी में तनाव बना रहता है. सपा सरकार में ज्यादातर कार्य एक विशेष क्षेत्र और एक समुदाय के लोगों तक सीमित रहा है. दलितों, अति पिछड़ों पर सौतेला रवैया सपा सरकार में रहा है.

अलीगढ़ में बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने रैली को संबोधित किया.

अखिलेश यादव का नाम लेते हुए मायावती ने कहा कि सपा सरकार में सरकारी नौकरियों में एसटी-एससी का आरक्षण खत्म कर दिया गया था. पंचशील नगर का नाम बदलकर हापुड़, संत रविदास नगर का नाम बदलकर भदोही और भीम नगर का नाम बदलकर संभल कर दिया. मायावती ने कहा कि सपा का रवैया ऐसा है कि क्या इन्हें दलित प्रेमी कहेंगे. सपा अवसरवादी हैं. उन्होंने जनता से अपील की कि सपा को सरकार में नहीं आने देना है. भाजपा की सरकार में भी दलितों और अति पिछड़े वर्गों के महापुरुषों के प्रति जातिवादी मानसिकता झलकती है.

मायावती ने कहा कि भाजपा सरकार जातिवादी, पूंजीवादी और आरएसएस के संकीर्ण एजेंडे को लागू करती है. धर्म के नाम पर नफरत का माहौल बनाते हैं. प्रदेश में अपराध भी बढ़े है. मायावती ने कहा कि भाजपा सरकार में सरकारी योजनाओं का लाभ दलितों को नहीं मिला है. भाजपा सरकार में बड़े-बड़े कार्य प्राइवेट सेक्टर के जरिए ही करवाए जा रहे हैं. मायावती ने कहा कि भाजपा की सरकार में अपर कास्ट और प्रबुद्ध वर्ग भी खुद को उपेक्षित महसूस करता रहा है. इनकी गलत आर्थिक नीतियों के कारण गरीबी, बेरोजगारी महंगाई काफी बढ़ गई है. डीजल, पेट्रोल, रसोई गैस की आए दिन बढ़ी कीमतों ने जनता की मुश्किलें बढ़ाई है. उन्होंने कहा कि चुनाव के बाद फिर से कीमतें बढ़ेंगी. किसान भी केंद्र सरकार की गलत नीतियों के कारण काफी ज्यादा दुखी और परेशान है. बेरोजगार लोगों को रोजगार नहीं मिलने के कारण युवाओं को पलायन करना पड़ रहा है.


उन्होंने कहा कि प्रदेश में गरीबी बेरोजगारी दूर करने के लिए बीएसपी जरूरी कदम उठाएगी. उन्होंने कहा कि सपा सरकार हो या बीजेपी सरकार, युवाओं को रोजी-रोटी के साधन नहीं मिले हैं. बीएसपी सत्ता में आती है. तो युवाओं को रोटी- रोजगार से जोड़ेंगे. उन्होंने कहा किसानों को भी निराश नहीं होने दिया जाएगा. खासकर गन्ना किसानों को भुगतान किया जाएगा. किसान को खेती करने के सस्ते साधन उपलब्ध कराए जाएंगे.

मायावती ने कहा कि केंद्र के विवादित नियमों और कानूनों को लागू नहीं होने दिया जाएगा. इसके साथ ही बसपा की सरकार बनने पर कानून व्यवस्था से खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा. हर स्तर पर कानून का राज कायम किया जाएगा. जातिगत आधार पर यहां किसी का भी शोषण और उत्पीड़न नहीं होने दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय को लेकर काम किया जाएगा.

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मायावती ने कहा के इस चुनाव में भी पहले की तरह ओपिनियन पोल और सर्वे को गलत साबित करना है. उन्होंने कहा कि विरोधी पार्टियों ने अपने लोक-लुभावन घोषणा पत्र जारी किए हैं. सरकार में आने के बाद यह अमल में नहीं लाती है. ऐसी पार्टियों के झांसे में नहीं आना है. उन्होंने कहा कि बहुजन समाज पार्टी अपना कोई भी चुनावी घोषणा पत्र जारी नहीं करती है. क्योंकि बीएसपी कहने में कम जबकि कार्य करने में ज्यादा विश्वास रखती है.
मायावती ने कहा इस चुनाव में अपने हित और कल्याण के लिए फिर से यूपी में बीएसपी की सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय की नीतियों पर आधारित सरकार बनाना जरूरी है. उन्होंने सभी से वोट डालने की अपील की.

मायावती को देने के लिए समर्थक लाए 40 किलो की गणेश प्रतिमा
जनसभा में मायावती को भेंट देने के लिए समर्थक 40 किलो की गणेश प्रतिमा लाए थे. हालांकि प्रतिमा को मंच तक नहीं ले जाने दिया गया. जनसभा खत्म होने के बाद समर्थकों को गणेशजी की प्रतिमा वापस ले जानी पड़ी. इससे उनके चेहरों पर मायूसी नजर आए.

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Last Updated :Feb 6, 2022, 8:14 PM IST

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