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Aligarh hooch tragedy: जहरीली शराब से उजड़े परिवारों को कब मिलेगा मुआवजा ?

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Published : Jun 9, 2021, 9:24 PM IST

अलीगढ़ जहरीली शराब कांड (Aligarh hooch tragedy) ने कई परिवारों को तबाह कर दिया है. जहरीली शराब कांड के बाद अब तक पीड़ित परिवार का दर्द कम नहीं हुआ है. परिजन सरकार से मुआवजे की आस लगाए बैठे हैं. देखें ये रिपोर्ट-

aligarh hooch tragedy
जहरीली शराब कांड

अलीगढ़: जिले में जहरीली शराब (aligarh hooch tragedy) के सेवन से करीब 108 लोगों की मौत हो चुकी है. जिन परिवारों में मौत हुई, आज भी उनकी चौखट के बाहर दु:खद आवाजें सुनाई दे रही हैं. ग्रामीण क्षेत्र में सरकारी ठेके से जहरीली शराब बेची गई, तो शहर का इलाका भी इससे बच नहीं सका.

परिजनों पर टूटा मुसीबतों का पहाड़

क्वारसी इलाके के चंदनिया में एक ही दिन में 4 लोगों की मौत हो गई. चारों ने दुबे के पड़ाव सरकारी ठेके से देसी शराब खरीदकर पी थी. मृतक सभी अपने परिवार में अकेले कमाने वाले थे. कमाने वाले व्यक्ति की मौत के बाद अब परिवार बिखर गया है. इनके सहारे ही परिवार की रोजी-रोटी चल रही थी, लेकिन अब घर की हालत दयनीय हो गई है. सहानुभूति जताने के लिए नेताओं का आना जाना तो लगा है, लेकिन इनकी मुसीबतों का कोई समाधान नहीं हो पाया है. 10 दिन बीत जाने के बाद भी मृतकों के परिजनों को कोई मुआवजा नहीं मिला. जिले के सांसद सतीश गौतम और प्रभारी मंत्री सुरेश राणा के साथ ही जिला प्रशासन के किसी अधिकारी ने भी इनकी सुध नहीं ली है.

उजड़े परिवारों को कब मिलेगा मुआवजा


घर में रोटी की संकट

अलीगढ़ का जहरीली शराब कांड कई परिवारों की जिंदगी पी गया. सैकड़ों लोग इस जहरीली कांड में अपनी जान गवां बैठे. यह लोग काम धंधे कर अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहे थे. इनकी मौत से परिवार उजड़ गया. बच्चे अनाथ हो गए, मां और पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है. अब परिवार के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है. चंदनिया इलाके में एक ही दिन में चार लोगों की जहरीली शराब ने जान ले ली. अब इन परिवारों की जिंदगी में मुसीबतों का पड़ाड़ टूट पड़ा है. न तो इन्हें अब खाना अच्छा लग रहा है, न ही नींद आ रही है. घर का हाल भी बेहाल है. ये परिवार आसूओं में आगे की जिंदगी गुजर करने को मजबूर है.

मुआवजे की आस लगाये बैठे है परिवार

इतनी बड़ी घटना के बाद भी सरकार से जुड़ा कोई व्यक्ति दिलासा देने इन पीड़ितों के घर नहीं पहुंचा है. जिला प्रशासन ने इन परिवारों की कोई सुध नहीं ली. हर छोटे-बड़े कार्यक्रम में शामिल होने वाले प्रभारी मंत्री सुरेश राणा भी गायब है. अलीगढ़ सांसद सतीश गौतम को भी फुर्सत नहीं है कि इन परिवारों की पीड़ा को देखा जाए और उसका कोई समाधान किया जाए. पीड़ित परिवार सरकार से मुआवजे की आस लगाए बैठा है. विपक्ष भी पीड़ित परिवारों के लिए मुआवजे की मांग कर चुका है.

सरकार ने की थी 5 लाख देने की घोषणा

हालांकि मुख्यमंत्री की तरफ से कृषि बीमा योजना के तहत पीड़ित परिवार को 5 लाख रुपये देने की घोषणा की गई थी. शहर में जहरीली शराब से मरने वालों के परिवार के लिए समाज कल्याण विभाग से 30 हजार रुपये आर्थिक मदद देने के लिए कहां गया था, लेकिन अब तक इन परिवारों की आंखों में आंसू है और घर के मुखिया की मौत के बाद अब इन्हें अपने परिवार की चिंता सता रही है.

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