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आने वाले समय में भारत विश्व का मार्गदर्शन करेगा: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ

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Published : Sep 23, 2021, 5:19 AM IST

चिकित्सक और शिक्षकों की प्रबुद्ध संगोष्ठी का आयोजन
चिकित्सक और शिक्षकों की प्रबुद्ध संगोष्ठी का आयोजन ()

यूपी के आगरा में चिकित्सक और शिक्षकों की प्रबुद्ध संगोष्ठी का आयोजन किया गया.इस मौके पर मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख रामलाल ने कहा कि आज समाज को जातियों में बांटने का कार्य होता है. विशेषतः हिन्दू समाज को हमें इससे सावधान रहने की आवश्यकता है.देश की सामाजिक, धार्मिक, आध्यात्मिक तीनों शक्तियों को मिलाकर आने वाले समय में भारत विश्व का मार्गदर्शन करेगा.

आगरा: जिले के खंदारी स्थित जेपी सभागार में बुधवार शाम राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ (आरएसएस) की चिकित्सक और शिक्षकों की प्रबुद्ध संगोष्ठी हुई.​ जिसमें मुख्य वक्ता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख रामलाल रहे. उन्होंने कहा कि, दुनिया में भारत को कमजोर करने वाली ताकते एक जुट हो रही हैं. इनके प्रति हमें जागरुक होने की जरूरत है. जागरुकता और सतर्कता के दम पर आगे आने वाले समय में भारत विश्व का मार्गदर्शन करेगा. क्योंकि, दुनिया में कोई ऐसा देश नहीं है जो अपने नाम में माता शब्द का प्रयोग करता हो, वो एकमेव भारत देश ही है.

रामलाल ने चिकित्सक व शिक्षकों की प्रबुद्ध संगोष्ठी में कहा कि आज समाज को जातियों में बांटने का कार्य होता है. विशेषतः हिन्दू समाज को हमें इससे सावधान रहने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि 1 घंटे एक जगह शाखा में एकत्रित होकर भारतीय संस्कृति के प्रतीक भगवा ध्वज के समक्ष अपना शारीरिक, मानसिक,चारित्रिक विकास करना ही संघ का कार्य है. 90 के दशक में एक क्विज प्रतियोगिता में कहा था कि दुनिया का सबसे बड़ा स्वयंसेवी संगठन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ है. संघ ही एक ऐसा संगठन है, जिसमें शिशु से प्रौढ़ सभी आते हैं. संघ सर्वस्पर्शी और सर्वसमावेशी है. संघ झुग्गी-झोपड़ी से लेकर पॉश कॉलोनी तक में चलता है.

चिकित्सक और शिक्षकों की प्रबुद्ध संगोष्ठी का आयोजन
रामलाल ने स्वामी विवेकानंद और भारत के पूर्व राष्ट्रपति-एपीजे अब्दुल कलाम के विचारों को भी मंच से साझा किया. उन्होंने कहा कि यदि देश के सभी लोगों को नेशनलाइज कर दिया जाए तो सारी समस्याएं खत्म हो जाएगी. रामलाल ने कहा, एक व्यक्तिगत चरित्र, दूसरा राष्ट्रीय चरित्र दोनों चरित्र परस्पर पूरक हैं. डॉ हेडगेवार ने कहा था, 'मैं कोई अलग कार्य नहीं कर रहा. हमारी भारतीय संस्कृति की जो समृद्ध परंपरा है, वो आज के लोग भूलते जा रहे है,मैं बस उसी को हिन्दू समाज को स्मरण करने का कार्य कर रहा हूं.'
चिकित्सक और शिक्षकों की प्रबुद्ध संगोष्ठी का आयोजन
इस मौके पर रामलाल ने कहा, कोरोना काल में भारत ने कोरोना की दवा को विदेशों में भेजकर वसुधैव कुटुम्बकम का संदेश दिया. देश में एक राष्ट्रीयता का उदय हुआ है. नेटवर्किंग और इको सिस्टम की वजह से विकृत मानसिकता का समूह भारत को तोड़ने का प्रयास करता रहता है. ऐसे लोग यहि कोई पत्रकार भी राष्ट्रीयता की बात करे तो उस पर भी हमलावर रहते हैं. वर्तमान समय में एक जागरूक समाज की आवश्यकता है, हम जहां भी हो वहां जागरूक नागरिक होने का परिचय दें. देश की सामाजिक, धार्मिक, आध्यात्मिक तीनों शक्तियों को मिलाकर आने वाले समय में भारत विश्व का मार्गदर्शन करेगा.
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ न्यूरोसर्जन डाॅ. आरसी मिश्रा ने की और इसकी मुख्य अतिथि केंद्रिय हिंदी संस्थान की निदेशिका डाॅ. वीना शर्मा रहीं. संचालन विभाग संपर्क प्रमुख सीए संजीव माहेश्वरी ने किया. कार्यक्रम में ब्रज संवाद मासिक पत्रिका के नवीन अंक का भी विमोचन किया गया. जिसमे प्रांत प्रचारक डाॅ. हरीश, सह प्रांत प्रचारक धर्मेद्र , प्रांत कार्यवाह प्रमोद शर्मा, प्रांत प्रचार प्रमुख केशवदेव शर्मा, सह प्रचार प्रमुख कीर्तिकुमार, प्रांत कार्यकारिणी सदस्य अशोक कुलश्रेष्ठ, हरीशंकर शर्मा, एसएन मेडीकल काॅलेज के प्राचार्य डाॅ. प्रशांत गुप्ता, डीईआई के निदेशक पीके कालरा, मनमोहन निरंकारी, डाॅ. प्रशांत लवानियां आदि उपस्थित रहे.

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