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आशा कार्यकर्ताओं ने सीएचसी अधीक्षक से कहा- आपसे कुर्सी नहीं संभलती तो इसे छोड़ दें

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Published : Dec 22, 2022, 10:38 PM IST

आगरा में गुरुवार को आशा कार्यकर्ताओं ने धरना दिया. आशा कार्यकत्रियों ने कहा कि कई महीनों से वेतन का भुगतान नहीं किया जा रहा है. इसके कारण वह धरना दे रही हैं.

आगरा आशा कार्यकत्रियों ने बताया
आगरा आशा कार्यकत्रियों ने बताया

आशा कार्यकर्ताओं ने दिया धरना

आगरा: ताजनगरी की सीएचसी खेरागढ़ (CHC Kheragarh) से जुड़ी आशा कार्यकर्ताओं का कई महीनों से वेतन न मिलने पर गुरुवार को गुस्सा फूट पड़ा. आशा कार्यकर्ताओं ने एकत्रित होकर नारेबाजी कर सीएचसी खेरागढ़ के गेट पर ताला लगाकर कागारौल मार्ग पर जाम लगा दिया. जाम लगाने की सूचना पर एसीपी खेरागढ़ महेश कुमार पहुंच गए. इस दौरान आशा कार्यकर्ताओं ने सीएचसी अधीक्षक को कहा कि आपसे कुर्सी नहीं संभलती तो इसे छोड़ दें.

गुरुवार को कई महीनों से वेतन नहीं मिलने पर खेरागढ़ की आआशा कार्यकर्ताओं का गुस्सा फूटकर रोड़ पर आ गया. आशा कार्यकर्ता एकत्रित होकर नारेबाजी करती हुईं सीएचसी खेरागढ़ पहुंचीं. जहां सीएचसी के गेट पर ताला जड़कर खेरागढ़ कागारौल मार्ग पर जाम लगा दिया. उन्होंने सीएचसी अधीक्षक पर आरोप लगाते हुए कहा कि कमीशनखोरी के खेल के चलते उनका वेतन नहीं बनाया जा रहा है, जिससे उनकी आजीविका चलाने पर संकट पैदा हो गया है. आशा कार्यकर्ताओं ने वेतन नहीं मिलने की गुहार और सीएचसी अधीक्षक खेरागढ़ की शिकायत कई बार अधिकारियों से की. लेकिन, उन्होंने भी इसे अनसुना कर दिया. हंगामा करने की सूचना पर एसीपी खेरागढ़ महेश कुमार मौके पर पहुंचे. लेकिन, आशा कार्यकर्ता सीएचसी अधीक्षक मुकेश चौधरी को हटवाने पर अड़ गईं. आशाओं ने सीएचसी अधीक्षक खेरागढ़ से कहा कि उनसे कुर्सी नहीं संभालती तो इसे छोड़ दें, जिससे कोई दूसरा अधिकारी आए. एसीपी खेरागढ़ महेश कुमार के काफी समझाने बुझाने और अपनी लिखित शिकायत देने पर कार्रवाई का भरोसा देने पर आशाओं ने जाम खोला. इस दौरान प्रदर्शन करने वाली आशा कार्यकर्ताओं में संगिनी कृष्णा, कमलेश, नीतू, राधा, बेबी, संजू, मंजू आदि रहीं.


आशा कार्यकर्ताओं ने बताया कि सीएचसी खेरागढ़ पर आयोजित हुए स्वास्थ्य मेले में अभी खेरागढ़ विधायक भगवान सिंह कुशवाह और सीडीओ आगरा के सामने भी अव्यवस्थाओं को लेकर अधीक्षक मुकेश चौधरी पर गंभीर आरोप लगाते हुए हंगामा किया था. लेकिन, हर बार उन्हें शांति का पाठ पढ़ाकर मामले को शांत करा दिया जाता है.


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