आगरा: पुलिस ने साइबर क्रिमिनल के गिरोह का पर्दाफाॅश करके सरगना सहित चार शातिर को फरीदाबाद से गिरफ्तार किया है. गिरोह एनसीआर में बैठकर ठगी का बड़ा गिरोह संचालित करके आगरा के लोगों को ठगी का शिकार बना रहा था. साइबर गिरोह ने अलग अलग बैंकों से ग्राहकों के क्रेडिट कार्ड का डाटा प्राप्त करके एक करोड रुपए की ठगी की है. साइबर क्रिमिनल ने एक फर्जी ई काॅमर्स की कंपनी बनाई थी, जिससे लोगों के पास फोन करके जाल में फंसाकर उनसे ओटीपी पूछकर ठगी का शिकार बनाते थे. साइबर क्रिमिनल से छह हजार ग्राहकों का डाटा, 6.59 लाख रुपए, लग्जरी गाड़ियों समेत अन्य सामान बरामद हुआ है.
एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि, एसबीआइ कार्डस एंड पेमेंट लिमिटेड के अधिकारियों ने पिछले दिनों एडीजी एसटीएफ से शिकायत की थी. इसमें एक मामला खेरागढ़ क्षेत्र में क्रेडिट कार्ड धारक से ठगी का दर्ज हुआ था, जिसमे खेरागढ़ थाना पुलिस और एसटीएफ नोएडा यूनिट ने मामले की जांच की. एसटीएफ ने साइबर क्राइम गैंग के ऑपरेट होने की जगह सूर्य नगर (फरीदाबाद) मिली. इस पर एसटीएफ और खेरागढ़ पुलिस के साथ सूर्य नगर में दबिश दी.
सरगना सहित चार गिरफ्तार
एसएसपी बबलू कुमार ने बताया कि, पुलिस और एसटीएफ की छापेमारी में फरीदाबाद से साइबर क्रिमिनल गिरोह का सरगना सौरभ भारद्वाज समेत चार ठग गिरफ्तार किए हैं. गिरफ्तार सरगना सौरभ भारद्वाज मूल निवासी भागलपुर (बिहार) है. जो फिलहाल फरीदाबाद में रह रहा था. उसके साथियों के नाम आस मोहम्मद उर्फ आशु, लखन गुप्ता उर्फ गोलू,शिवम गुप्ता निवासी संगम विहार (नई दिल्ली) हैं. चारों से एक लैपटाॅप, 14 मोबाइल, दो कार और अन्य दस्तावेज मिले हैं.
यूं मिला फर्जी फर्म बनाने का आइडिया
पुलिस की पूछताछ में आस मोहम्मद उर्फ आशु ने खुलासा किया है कि, वर्ष 2012 में दिल्ली में एक सैलून में करता था. इसके बाद ओखला दिल्ली में एक काल सेंटर में काम किया. वहां पर सौरभ भारद्वाज और मोनिका भारद्वाज भी काम करते थे. वहां पर अजीत पाल से उसने सौरभ के साथ विभिन्न बैंकों के क्रेडिट कार्ड धारकों का डाटा लिया. यहां से दोनों ने फर्जी फर्म बनाकर लोगों को काॅल करके ठगी का काम सीखा. वर्ष 2017 से आस और सौरभ भारद्वाज ने ई कामर्स की मर्चेंडाइज साइट बनाकर प्रताप एंटरप्राइजेज नाम से एक कंपनी बनाई.
35 रुपए में खरीदते एक व्यक्ति का डाटा