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फ्री ट्रैड जोन में आगरा का व्यापार बिना सीमा शुल्क के साथ होगा, 2 लाख रुपये में खोलें सैफ जोन में कार्यालय

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Published : Jul 5, 2022, 4:38 PM IST

नेशनल चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स के संयुक्त अरब अमीरात के साथ हाल ही में हस्ताक्षर हुए हैं. समझौता सीईपीए से देश में अधिकांश भारतीय निर्यात पर आयात शुल्क कम हो जाएगा. समझौता रत्न और आभूषण, कपड़ा, चमड़ा, जूते, खेल के सामान, इंजीनियरिंग सामान और फार्मास्यूटिकल्स सहित कई क्षेत्रों में देश के निर्यात व्यापार को बढ़ावा देगा.

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फ्री ट्रैड जोन में आगरा का व्यापार

आगरा: एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम), शीर्ष शारजाह एयरपोर्ट इंटरनेशनल फ्री (सैफ) जोन और यूएई सरकार का सम्मेलन हुआ. इसमें व्यापार पर विस्तार से चर्चा हुई. शारजाह सरकार(यूएई) ने भारतीय उद्यमों के लिए यूएई में व्यापार के अवसरों और सैफ जोन में व्यवसाय स्थापित करने के लाभों पर जानकारी दी. इस सम्मलेन का सोमवार देर रात शुभारम्भ सैफ जोन शारजाह के सेल्स प्रबंधक अली अल मुतावा, एमएसएमई मंत्रालय के सहायक निदेशक डॉ. मुकेश शर्मा, नेशनल चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स के अध्यक्ष शलभ शर्मा, आगरा फुटवियर मैन्युफैक्चरर्स एंड एक्सपोर्ट्स चैंबर के अध्यक्ष पूरन डावर, एक्सपोर्ट प्रमोशन कौंसिल ऑफ़ हेंडीक्राफ्ट समिति के सदस्य रजत अस्थाना, सैफ जोन के अनूप वारियर, राजेश सहगल और लघु उद्योग भर्ती के प्रदेश सचिव मनीष अग्रवाल ने किया.

सम्मेलन में सैफ जोन शारजाह के सेल्स प्रबंधक अली अल मुतावा ने बताया कि, वर्तमान में शारजाह उभरता हुआ व्यापारिक केंद्र है. जो सैफ जोन में एक व्यावसायिक इकाई स्थापित करके भारतीय कंपनियों के लिए बेहद आकर्षक हो सकता है. आगरा के व्यापारियों को भूमि, समुद्र और हवाई लाभ के साथ ही आगरा के उद्योग को अफ्रीका और यूरोप के लिए पुन: निर्यात आधार के रूप में यूएई में शारजाह सैफ जोन का लाभ उठा सकते हैं. व्यापारियों को मुक्त व्यापार के क्षेत्र में बिना किसी सीमा शुल्क के 100% स्वामित्व के साथ फ्री ट्रैड जोन में व्यापार करने का अवसर मिल रहा है.

सैफ जोन से जुड़े अनूप वारियर ने बताया कि, हमारे करीब 60 फीसदी निवेशक भारत से हैं. हम महिला उद्यमियों के लिए विशेष प्रोत्साहन पैकेज दे रहे हैं. कोई भी कंपनी सिर्फ 2 लाख रुपये सालाना देकर सैफ जोन में अपना ऑफिस खोल सकती है. इसमें एक साल का किराया, बिजली, पानी, सभी अनुमतियां और तीन लोगों का वीजा शामिल है.

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एमएसएमई मंत्रालय के सहायक निदेशक डॉ. मुकेश शर्मा ने बताया कि, संयुक्त अरब अमीरात के साथ भारत का द्विपक्षीय व्यापार चालू वित्त वर्ष में 60 बिलियन डॉलर से अधिक होने की उम्मीद है. भारत गैर-तेल निर्यात के लिए संयुक्त अरब अमीरात का नंबर एक व्यापारिक भागीदार है. जो, अमीरात के गैर-तेल निर्यात का लगभग 14 प्रतिशत हिस्सा है. उत्तर प्रदेश में 9 मिलियन लघु उद्योग में और कुल एमएसएमई संख्या 63.3 मिलियन में लगभग 14% योगदान देता है. एमएसएमई उद्योग रोजगार सृजन के मामले में और निर्यात के माध्यम से विदेशी मुद्रा आय के स्रोत के रूप में उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था का एक अनिवार्य खंड है. उत्तर प्रदेश के कुल औद्योगिक उत्पादन में एमएसएमई की हिस्सेदारी लगभग 60% है.

नेशनल चैंबर ऑफ इंडस्ट्रीज एंड कॉमर्स के अध्यक्ष शलभ शर्मा ने बताया कि, संयुक्त अरब अमीरात के साथ हाल ही में हस्ताक्षर हुए समझौता सीईपीए से देश में अधिकांश भारतीय निर्यात पर आयात शुल्क कम हो जाएगा. समझौता रत्न और आभूषण, कपड़ा, चमड़ा, जूते, खेल के सामान, इंजीनियरिंग सामान और फार्मास्यूटिकल्स सहित कई क्षेत्रों में देश के निर्यात व्यापार को बढ़ावा देगा. भारत से लगभग 26 बिलियन डॉलर का वार्षिक निर्यात है. जो, वर्तमान में संयुक्त अरब अमीरात में 5% आयात शुल्क को आकर्षित करता है.

आगरा फुटवियर मैन्युफैक्चरर्स एंड एक्सपोर्ट्स चैंबर के अध्यक्ष पूरन डावर ने बताया कि, यूएई के बाजार में चमड़े के जूते की अच्छी मांग है. भारत-यूएई सीईपीए के माध्यम से भारतीय चमड़ा उद्योग को लाभ होने जा रहा है. क्योंकि, अब भारत को चमड़े के उत्पादों पर 5 प्रतिशत शुल्क का सामना नहीं करना पड़ेगा.

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