वाराणसी: भाद्रपद शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को परिवर्तिनी एकादशी का व्रत रखा जाता है. इस साल परिवर्तिनी एकादशी मंगलवार (6 सिंतबर) यानी आज मनाई जा रही है. शास्त्रों के अनुसार कहा जाता है कि आषाढ़ माह से शुरू हुआ चातुर्मास के दौरान पाताल लोक में क्षीर निंद्रा में वास कर रहे भगवान विष्णु इस दिन करवट बदलते हैं, इसलिए इसका नाम परिवर्तिनी एकादशी है. इसके अलावा इस दिन को जलझूलनी एकादशी, पद्मा एकादशी के नाम से भी जानते हैं. आज के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने के साथ-साथ व्रत रखने से हर तरह के दुख-दर्द, रोग, दोष से छुटकारा मिलता है.
पूजा का मूहूर्तःज्योतिषाचार्य पंडित प्रसाद दीक्षित बताते है कि एकादशी तिथि का प्रारंभ 6 सितंबर 2022 मंगलवार प्रातः 5 बजकर 54 मिनट से 7 सितंबर 2022 बुधवार प्रातः 3 बजकर 4 मिनट तक रहेगा. परिवर्तिनी एकादशी व्रत पारण 8 सितंबर गुरुवार प्रातः 6 बजकर 2 मिनट से 8 बजकर 33 मिनट तक होगा.
ऐसे करे पूजाःपरिवर्तिनी एकादशी के दिन प्रातः स्नान करने के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें और भगवान वामन (भगवान विष्णु के अवतार) की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित करें. इसके बाद भगवान वामन की प्रतिमा के सामने बैठकर व्रत का संकल्प लें और विधि-विधान से पूजा करें. सबसे पहले भगवान वामन को पंचामृत से स्नान कराएं. फिर वामन देव को पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य आदि अर्पित करें. इसके बाद विष्णु सहस्त्रनाम का जाप करें और भगवान वामन की कथा सुनें. साथ ही द्वादशी के दिन ब्राह्मणों को भोजन कराकर और दान देकर आशीर्वाद प्राप्त करें.