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मुख्य चिकित्सा अधिकारी के पैरों में गिर कर बच्चों की जिंदगी की भीख मांग रहे ग्रामीण

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Published : Sep 4, 2021, 8:54 PM IST

उत्तर प्रदेश में वायरल बुखार का कहर इस कदर जारी है कि आम आदमी के सब्र का बांध टूट गया है. शनिवार को मथुरा से एक ऐसी ही तस्वीर सामने आई, जहां एक बुजुर्ग पिता स्थानीय मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) के पैरों में गिरकर अपने बच्चे को बचाने की गुहार करता नजर आया.

villager touches feet of mathura cmo for help over viral fever menace
villager touches feet of mathura cmo for help over viral fever menace

मथुरा: उत्तर प्रदेश में वायरल बुखार का कहर इस कदर खौफनाक बन गया है कि आम आदमी की हिम्मत जवाब दे रही है. कोरोना के खौफ से अभी लोग निकले भी नहीं हैं कि रहस्यमयी बुखार ने तड़पाना शुरु कर दिया. हालात ये हो गए हैं कि आम लोग, सरकारी अधिकारियों के पैरों में गिरकर अपनों को बचाने की गुहार लगा रहे हैं.

सीएमओ डॉ. रचना गुप्ता के पैरों में गिरकर मदद की गुहार लगाता ग्रामीण

जिले कई गांव इन दिनों रहस्यमई बुखार की चपेट में हैं. बुखार के कारण अब तक जनपद के लगभग 14 बच्चों की जान जा चुकी है, तो वहीं 100 से अधिक लोग बुखार की चपेट में हैं. स्वास्थ्य विभाग के अनुसार अधिकतर बच्चों की मौत डेंगू, वायरल फीवर, चिकनगुनिया आदि के कारण हुई है. ग्रामीण स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं. ग्रामीण बच्चों की मौत की वजह से खौफजदा हैं. मथुरा में ग्रामीण मुख्य चिकित्सा अधिकारी के पैरों में गिर कर अपने बच्चों की जान की भीख मांगते हुए नजर आए. ग्रामीणों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग अगर समय रहते ध्यान देता तो शायद अब तक इतने बच्चों की मौत नहीं होती और अब भी स्वास्थ्य विभाग लापरवाही बरत रहा है.

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रचना गुप्ता से बात करता ग्रामीण
नोडल अधिकारी डॉ. भूदेव सिंह ने बताया कि कोह गांव में अब तक 11 लोगों की मौत हो चुकी है. इनमें से अगर दो मौतें हटाई जाएंगी तो 9 लोगों की मौत मानी जाएगी. गांव के मरीज अलग-अलग जगहों पर भर्ती हैं. कुछ निजी अस्पतालों में है, कुछ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र फरह में, कुछ जिला अस्पताल में, तो कुछ संयुक्त चिकित्सालय वृंदावन में भर्ती हैं. डॉ. भूदेव सिंह ने कहा कि अभी तक डेंगू से कितने लोगों की मौत हुई है, यह कह पाना संभव नहीं है. क्योंकि पहले जिन लोगों की मौत हुई थी, उनकी जांच नहीं हो पाई थी. अब जो मौत हो रही हैं, उनका डेटा हमारे पास है. उनका आंकड़ा हम बता सकते हैं. ज्यादातर मौतें निजी अस्पतालों में हो रही हैं.

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उन्होंने कहा कि हो सकता है कि शुरू में हमारे प्रति लोगों में नाराजगी हो. उन्हें लगा हो कि दवाइयां एक ही तरह ही मिलती हैं. लेकिन धीरे-धीरे हम लोगों से बातचीत कर रहे हैं और उनकी जो शंका है, उसको दूर कर रहे हैं. मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रचना गुप्ता फरह क्षेत्र के गांव कोह मैं मरीजों का हालचाल जानने के लिए पहुंची तो इस दौरान ग्रामीण मुख्य चिकित्सा अधिकारी के पैरों में गिर कर अपने बच्चों की जान की गुहार लगाते नजर आए.

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