प्रतापगढ़. राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले के 45 ऐसे गांव जहां साल 2017 को मिलाकर पिछले पांच सालों में एक भी एफआईआर दर्ज नहीं हुई है. दूसरे गांवों के लिए उदाहरण बने इन गावों को राजस्थान पुलिस ने क्राइम फ्री गांवों की उपाधि दी है. जिले के इन 45 गांवों ने प्रदेशवासियों के लिए एक नजीर पेश की है. इन गांव में पिछले पांच सालों में (Pratapgarh Crime Free Villages) एक भी एफआईआर दर्ज नहीं हुई है. इन गावों में अपराध नहीं होने से प्रशासन भी खुश है.
एसपी डॉ. अमृता दुहन का कहना है कि जिले के अन्य गांव अगर इन गांवों से सबक लें तो प्रदेश अपराध की श्रेणी में ही नहीं आएगा. इन गांवों में अपराध नहीं होने की सबसे बड़ी वजह यह है कि यहां के ग्रामीण पुलिस से सहायता लेने की बजाए खुद ही समस्या सुलझा लेते हैं. इन 45 गांवों के सरपंच और वार्ड पांचों का कहना है कि (Pratapgarh Latest News) इन गांव में आपसी भाईचारे और सौहार्द के चलते इन गावों में कभी कोई विवाद होता ही नहीं है. फिर भी यदि विवाद की स्थिति बनती भी है तो वह मध्यस्थता करके इसे निपटा दिया जाता है. सरपंच और वार्ड पांचों की मानें तो गांव में सभी लोग उनकी बात नहीं टालते. वहज है कि वह गांव के लोगों का सम्मान करते हैं और गांववाले उनका सम्मान करते हैं.
ग्रामीणों ने भी बताया कि विवाद होने की स्थिति में लोग पुलिस के पास न जाकर आपस में ही पंचायत बिठाकर सुलझा लेते हैं. उन्होंने बताया कि गांव में कभी-कभी छोटे-मोटे विवाद ही होते हैं, बड़े विवाद कभी नहीं होते. इस गांव की आबादी करीब दो हजार के आसपास है, लेकिन यहां किसी भी प्रकार का कोई विवाद नहीं होता है. और ऐसे अपराध फ्री गांवों को सम्मानित करने वाला भी प्रतापगढ़ पहला जिला बन चुका है. एसपी डॉ. अमृता दुहन और कलेक्टर सौरभ स्वामी ने मंगलवार को एसपी ऑफिस के सभागार में अपराध मुक्त 45 गांव के सरपंच और पंच को सम्मानित किया.