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Rajasthan Assembly Election 2023 : हाड़ौती में 23 साल से भाजपा ही रही है सिरमौर, क्या कांग्रेस तोड़ पाएगी तिलिस्म, यहां समझिए साल 2000 के बाद का सियासी गणित

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Oct 10, 2023, 5:51 PM IST

राजस्थान में चुनाव की तारीख के ऐलान के बाद भाजपा ने प्रत्याशियों की पहली सूची जारी कर दी है. बात हाड़ौती की करें तो यहां साल 2000 के बाद हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ही बाजी मारती आई है और लगभग 13 फिसदी वोट बीजेपी को ज्यादा मिले हैं. जानिए क्या है सीटों और वोटों का गणित...

Rajasthan Assembly Election 2023
Rajasthan Assembly Election 2023

हाड़ौती में बाजी मारती आई है भाजपा

कोटा.विधानसभा चुनाव की रणभेरी बज चुकी है और आगामी 23 नवंबर को चुनाव की तिथि तय हो गई है. इस बीच भाजपा-कांग्रेस में प्रत्याशियों को लेकर माथा-पच्ची बरकरार है. भाजपा ने तो अपनी पहली सूची भी जारी कर दी है, जल्द ही अन्य प्रत्याशियों की सूची भी जारी होगी. इसके बाद वोटरों के मन को खंगालने के लिए कांग्रेस और भाजपा चुनावी मैदान में जाएंगी. हालांकि, हाड़ौती के इतिहास में साल 2000 के बाद हुए विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी का ही कब्जा रहा है. साल 2000 के बाद भारतीय जनता पार्टी को हाड़ौती में कांग्रेस से 13 फीसदी भी ज्यादा वोट मिले हैं.

साल 2003 में 87812 मत से रही भाजपा आगे :साल 2003 में हाड़ौती में 18 सीटें थीं और 87 प्रत्याशी मैदान में थे. इनमें भाजपा और कांग्रेस के 18 -18 प्रत्याशी थे. सीटों की संख्या में भी भाजपा ने भारी बाजी मारी थी. पार्टी की 12 सीटों पर जीत हुई थी. भाजपा प्रत्याशियों को 8,55,686 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी को 7,68,533 वोट मिले थे. इस तरह भाजपा प्रत्याशी 87153 ज्यादा वोट लेकर आए थे.

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केवल 2008 में कांग्रेस रही है आगे :साल 2000 के बाद हुए चार विधानसभा चुनाव में सिर्फ 2008 में कांग्रेस को भाजपा से ज्यादा वोट मिले थे. इस चुनाव में हाड़ौती की 17 सीटें थीं, जिन पर 152 प्रत्याशी मैदान में थे. इनमें भाजपा और कांग्रेस के 17-17 प्रत्याशी थे. सीटों की संख्या में भी कांग्रेस ने बाजी मारी थी और 10 सीटों पर जीत हुई थी. भाजपा प्रत्याशियों को 8,66,352 वोट, जबकि कांग्रेस प्रत्याशियों को 9,14,882 वोट मिले थे. इस तरह कांग्रेस प्रत्याशी 48530 ज्यादा वोट लेकर आए थे.

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2013 में भाजपा को 4.5 लाख ज्यादा वोट :2013 में राजस्थान में भाजपा को एक तिहाई बहुमत मिला था. हाड़ौती की 17 सीटों पर 150 प्रत्याशी मैदान में थे, जिनमें भाजपा और कांग्रेस के 17-17 प्रत्याशी थे. भाजपा ने 16 सीट जीतकर रिकॉर्ड बनाया था. इस बार भाजपा प्रत्याशियों को 13 लाख 67 हजार 590 वोट मिले थे, जबकि कांग्रेस प्रत्याशियों को 9,10,361 वोट ही मिले थे. इस तरह भारतीय जनता पार्टी को 4,57,229 ज्यादा वोट मिले थे. हालांकि, 2014 में कोटा दक्षिण सीट पर उपचुनाव हुआ था, जिसमें 7 प्रत्याशी मैदान में थे. कांग्रेस पार्टी से शिवकांत नन्दवाना और भाजपा से संदीप शर्मा थे. संदीप शर्मा को 84,233 वोट, जबकि 58,526 वोट शिवकांत नन्दवाना को मिले थे. इसमें भी भाजपा 25,697 मतों से आगे रही थी.

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सत्ता में आई कांग्रेस, 2018 में भी रही पीछे :2018 के चुनाव में कांग्रेस पार्टी सत्तासीन हुई थी, लेकिन हाड़ौती में उनके प्रत्याशियों को 9185 कम वोट मिले थे. इस दौरान भाजपा और कांग्रेस के 17-17 प्रत्याशी मैदान में थे, जबकि कुल 174 प्रत्याशी मैदान में उतरे थे. चुनाव परिणाम में भाजपा को 14 लाख 42 हजार 314 वोट मिले, जबकि कांग्रेस को 14 लाख 33 हजार 129 मत मिले थे. चुनाव में बीजेपी आगे रहते हुए 10 सीटों पर जीती थी, जबकि कांग्रेस 7 सीटों पर विजयी हुई थी.

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तिलिस्म को तोड़ना एक बड़ी चुनौती :कांग्रेस और बीजेपी के बीच हाड़ौती में टक्कर होती रही है, लेकिन भाजपा 5,30,744 वोटों से चार चुनाव में आगे रही है. कांग्रेस को 40,85,431 वोट मिले हैं, जबकि भारतीय जनता पार्टी को 46,16,175 मत मिले. साल 2000 के बाद भारतीय जनता पार्टी को हाड़ौती में कांग्रेस से 13 फीसदी भी ज्यादा वोट मिले हैं. ऐसे में कांग्रेस के सामने इस बार, इस तिलिस्म को तोड़ना एक बड़ी चुनौती है.

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