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Kota Advocates boycott work : वकीलों ने न्यायिक अधिकारी को दी कुर्सी से उठाकर बाहर फेंकने की चेतावनी

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Published : Nov 22, 2022, 5:32 PM IST

Kota Advocates boycott work

कोटा में वकीलों ने न्यायिक अधिकारी को कोटा से हटाने की मांग करते हुए मंगलवार को कार्य बहिष्कार (Kota Advocates boycott work) कर रैली निकाली. सैकड़ों की संख्या में एकत्रित हुए वकीलों ने एमएसीटी न्यायालय के बाहर जमकर नारेबाजी की. साथ ही न्यायिक अधिकारी को कुर्सी से उठाकर बाहर फेंकने और कोर्ट में ताला लगाने की चेतावनी दी.

कोटा.शहर में वकीलों ने न्यायिक अधिकारी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इस संबंध में मंगलवार को कार्य बहिष्कार करते हुए वकीलों ने रैली (Kota Advocates boycott work) निकाली. इसमें बड़ी संख्या में वकील शामिल हुए और सभी वकीलों ने एकजुटता दिखाते हुए न्यायाधीश को कोटा से हटाने की मांग की है. साथ ही उन्होंने चेतावनी दी कि अगर न्यायिक अधिकारी ने अपना रवैया ठीक नहीं किया, तो उन्हें चैंबर में नहीं बैठने दिया जाएगा.

मामले के अनुसार मोटर दुर्घटना दावा प्राधिकरण क्रम संख्या एक व दो के न्यायिक अधिकारी पर वकीलों ने आरोप लगाया (Kota Advocates Demanding removal of judge) है कि वह एडवोकेट्स के साथ दुर्व्यवहार करते हैं. इस मामले में सभी वकीलों ने बार एसोसिएशन के निर्देश पर मंगलवार को कार्य बहिष्कार की घोषणा की थी. सैकड़ों की संख्या में वकील एकत्रित हुए और रैली निकालते हुए अध्यक्ष प्रमोद शर्मा और महासचिव गोपाल चौबे के नेतृत्व में एमएसीटी न्यायालय क्रम संख्या एक व दो के बाहर पहुंचे. यहां पर बड़ी संख्या में पहुंचे वकीलों ने जमकर नारेबाजी की. साथ ही अपना आक्रोश भी जताया है.

वकीलों ने न्यायिक अधिकारी को कोटा से हटाने की मांग की

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वरिष्ठ वकीलों का कहना है कि न्यायाधीश की कार्यप्रणाली और व्यवहार से सभी लोग खफा हैं. इसी दौरान आयोजित की गई रैली में बार एसोसिएशन के पूर्व उपाध्यक्ष अतिश सक्सेना ने चेतावनी भी न्यायाधीश को दे दी कि अगर उनका रवैया ठीक नहीं रहा, तो उन्हें चैंबर में नहीं बैठने दिया जाएगा. राजस्थान की सबसे ज्यादा शक्तिशाली बार कोटा की है. ऐसे में न्यायाधीश को कुर्सी से उठाकर बाहर फेंक दिया जाएगा. अगर इस अधिकारी से पीछा वकीलों का नहीं छुड़ाया गया है, या उन्हें यहां से नहीं हटाया गया है तब वे उनके चैंबर में भी ताला लगा देंगे. बार एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रमोद शर्मा का कहना है कि अगर पीठासीन अधिकारी का स्थानांतरण एक-दो दिन में नहीं होता है, तो आगे बड़ा आंदोलन किया जाएगा.

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