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पुजारी हत्याकांड: मृतक बाबू पुजारी के शव का 48 घंटे बाद हुआ अंतिम संस्कार

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Published : Oct 10, 2020, 7:16 PM IST

Updated : Oct 10, 2020, 8:48 PM IST

करौली में दबंगों ने 7 अक्टूबर को पेट्रोल छिड़ककर एक पुजारी की हत्या कर दी थी. इस हत्याकांड में शव को लेकर मची सियासत के बाद आखिर 48 घंटे बाद पुजारी का अंतिम संस्कार हुआ.

funeral of the dead body of priest,  Rajasthan priest burnt alive
तक बाबू पुजारी के शव का 48 घंटे बाद हुआ अंतिम संस्कार

करौली.जिले के सपोटरा की ग्राम पंचायत बुकना में दबंगों द्वारा पेट्रोल छिड़ककर राधा गोपाल मंदिर के पुजारी बाबू वैष्णव को जला दिया गया था. पुजारी की उपचार के दौरान मौत हो गई. इसके बाद पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने के लिए राज्यसभा सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा और गुस्साए ग्रामीणों ने धरना दे दिया.

तक बाबू पुजारी के शव का 48 घंटे बाद हुआ अंतिम संस्कार

इस बवाल के बाद जिला प्रशासन की ओर से की गई समझौता वार्ता के बाद धरना समाप्त हो गया और मृतक बाबू पुजारी के शव का 48 घंटे बाद अंतिम संस्कार किया गया. मृतक बाबू पुजारी का हिंदू रीति रिवाज के अनुसार अंतिम संस्कार हुआ. इस दौरान पुलिस प्रशासन के उच्च अधिकारी सहित पुलिस जाप्ता मौजूद रहा. अंतिम संस्कार में ग्रामीण उमड़ पड़े.

पढ़ें-पुजारी हत्याकांडः पीड़ित परिवार का धरना खत्म, 10 लाख रुपए की आर्थिक मदद और एक सदस्य को मिलेगी नौकरी

बता दें कि बुकना गांव में पिछले 2 दिनों से चूल्हे नहीं जले थे और गांव में शोक की लहर छाई हुई थी. राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा सहित भाजपा मुख्यालय से गठित किए गए जांच दल के धरना स्थल पर पहुंचने और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की मांग पर अड़ जाने के कारण प्रशासन को आखिर पीड़ित परिवार की मांग माननी पड़ी. वहीं, ईटीवी भारत की टीम ने जब पीड़ित परिवार के परिजनों से बात की तो उन्होंने कहा कि ग्रामीणों ने जो न्याय किया है हम उस फैसले से संतुष्ट हैं.

इन मांगों पर बनी सहमतिः

  • पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता
  • संविदा पर पीड़ित परिवार को नौकरी
  • थानाधिकारी और पटवारी को हटाने की मांग
  • एक पक्का मकान

यह है पूरा मामला...

करौली जिले के सपोटरा के बुकना गांव में स्थित राधा गोपाल मंदिर है, इसी मंदिर में पुजारी बाबूलाल वैष्णव पूजा-पाठ किया करते थे. जिस जमीन पर मंदिर बना हुआ था उसी के एक हिस्से में पुजारी घर बनवाना चाहते थे. इसी दिशा में वे जमीन समतल करवा रहे थे और जल्द ही मकान का काम शुरू करने वाले थे. ये बात गांव के कुछ दबंगों चुभ गई. कुछ दिन पूर्व 20-25 लोग पुजारी को धमकाने आए थे और उन्हें धमकी दी थी कि अगर मकान बनवाया तो अच्छा नहीं होगा.

इसके बाद पुजारी बाबूलाल वैष्णव इस मामले को पंचायत में ले गए. पंचायत ने पुजारी के पक्ष में फैसला सुनाते हुए दबंगों को पाबंद किया कि वे पुजारी को परेशान ना करें. पंचायत में हुई फजीहत के बाद दबंगों ने पुजारी से बदला लेने का मन बना लिया. इसके बाद 7 अक्टूबर को दबंगों ने पुजारी पर पेट्रोल छिड़ककर उन्हें जिंदा जला दिया.

Last Updated : Oct 10, 2020, 8:48 PM IST

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