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बाबा रामदेव की टिप्पणी पर डॉक्टरों ने जताया विरोध, काली पट्टी बांधकर किया काम

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Published : Jun 1, 2021, 7:13 PM IST

करौली में मंगलवार को एलोपैथी एवं डॉक्टरों की कार्यप्रणाली को लेकर कथित टिप्पणी करने वाले योग गुरु स्वामी रामदेव के खिलाफ जिला अस्पताल के चिकित्सकों ने काली पट्टी बांधकर विरोध जताया. हालांकि इस दौरान अस्पताल में ओपीडी और मरीजों से संबंधित सभी व्यवस्था सुचारु रुप से चालू रही.

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डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधकर जताया विरोध

करौली. जिले में मंगलवार को एलोपैथी एवं डॉक्टरों की कार्यप्रणाली को लेकर कथित टिप्पणी करने वाले योग गुरु स्वामी रामदेव के खिलाफ जिला अस्पताल के चिकित्सकों ने काली पट्टी बांधकर विरोध जताया. हालांकि इस दौरान अस्पताल में ओपीडी और मरीजों से संबंधित सभी व्यवस्था सुचारु रुप से चालू रही.

चिकित्सकों का कहना है कि योग गुरु बाबा रामदेव के बयानों से एलोपैथ और डिग्रीधारी चिकित्सकों की भावनाओं पर कुठाराघात हुआ है. देशभर के चिकित्सक अपनी जान जोखिम में डालकर कोरोना संक्रमण के बीच भी मरीजों का इलाज कर रहे हैं. इसके बाद भी रामदेव एलोपैथी एवं चिकित्सकों के कार्य को लेकर अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं. इससे देशभर के चिकित्सकों में नाराजगी है. चिकित्सकों ने जिला अस्पताल में सुबह से ही काली पट्टी बांधकर कार्य किया और योग गुरु रामदेव की टिप्पणी पर विरोध जताया.

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चिकित्सकों ने बताया कि इस संकट की घड़ी में देश के कोरोना वॉरियर्स के अपमान के खिलाफ यह एक सांकेतिक विरोध था. इस दौरान अस्पताल में ओपीडी और मरीजों से संबंधित सभी व्यवस्थाएं सुचारु रुप से चालू रहीं. इस अवसर पर डॉ. आरएल कोली, डॉ. प्रेमराज मीना, डॉक्टर शिशुपाल मीना, डॉक्टर जीएन अग्रवाल, डॉ. लखन लाल मीणा, डॉ. महेंद्र मीणा सहित आदि मौजूद रहे.

कर्मवीर लेखराज मरीजों की कर रहे मदद

कोरोना काल में अपनी जान की परवाह किए बिना राजस्थान के करौली जिले के उपखंड सपोटरा की ग्राम पंचायत इनायती के गांव भूत्यापुरा निवासी लेखराज मीणा पुत्र मौसरिया लाल मीणा दिल्ली सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग में बतौर सीनियर पब्लिक हेल्थ ऑफिसर के पद पर कार्यरत हैं. वर्तमान में मुख्य जिला चिकित्सा अधिकारी कार्यालय (पश्चिमी जिला) के अधीन टीकाकरण सेंटरों के नोडल इंचार्ज के रूप में कार्य कर रहे हैं. वह अस्पताल में भर्ती सैकड़ों कोरोना मरीजों को स्वास्थ्य निदेशालय दिल्ली सरकार के दवा भंडार से कोरोना के इलाज में काम में आने वाले इंजेक्शन रेमडिसिविर उपलब्ध करा चुके हैं.

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कई मोहल्ला क्लिनिक्स भी हैं जहां दवाओं एवं अन्य जरुरी उपकरणों की उपलब्धता भी वे सुनिश्चित करवा रहे हैं. कई बार देर रात को भी फोन कॉल आने पर भी उन्हें घर से निकलना पड़ता है. इस वजह से वह पिछले तीन महीनों से अपने गांव भी नहीं जा पा रहे हैं. मीणा कहते हैं कि कोरोना वायरस की चेन तोड़ने के लिए जरुरी है कि सभी देशवासी अभी कुछ दिन और अपने घरों में ही सुरक्षित रहकर सरकार एवं स्वास्थ्य विभाग के दिशा-निर्देशों का पालन करें ताकि हम सब मिलकर इस कोरोना महामारी से जंग जीत सकें.

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