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Jodhpur Cylinder Blast: मदद करने वालों के परिजनों को मिलेगा 10-10 लाख का मुआवजा

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Published : Oct 19, 2022, 9:54 AM IST

जोधपुर गैस सिलेंडर विस्फोट मामले में आग से बचाने आए मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा. मंगलवार देर रात इसकी घोषणा हुई, जिसके बाद दो दिनों से चल रहा गतिरोध समाप्त हुआ.

Jodhpur Cylinder Blast
10-10 लाख का मुआवजा

जोधपुर.शहर केकीर्ति नगर में 8 अक्टूबर को अवैध रूप से रिफिलिंग करते हुए एलपीजी गैस सिलेंडर में विस्फोट हो गया था. हादसे के दौरान लोगों को बचाते हुए झुलसने से मौत का शिकार हुए लोगों को 10-10 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा. इसके साथ ही बचाने आए लोगों को अधिक मुआवजा दिया जाए, इस मांग के साथ एमजीएच में दो दिन से मोर्चरी पर चल रहा धरना समाप्त हो गया है.

इसके साथ ही मृतक अशोक जोशी के शव का देर रात पोस्टमार्टम शुरू हुआ, जिसकी दो दिन से परिजनो ने पोस्टमार्टम की अनुमति नहीं दी थी. इस वार्ता के दौरान राज्य पशुधन विकास बोर्ड के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह सोलंकी, भोपालगढ़ विधायक पुखराज गर्ग, भाजपा के नेता पूर्व महापौर घनश्याम ओझा और जगतनारायण जोशी, कांग्रेस नेता हनुमान सिंह खांगटा सहित कई लोग शामिल हुए. 10-10 लाख रुपए का मुआवजा तीन परिवारों को मिलेगा. सरकार की ओर से चिरंजीवी योजना से 5-5 लाख रुपए सभी मृतकों को मिलेंगे. जबकि तीन परिवारों को गैस एजेंसी संगठन की ओर से अतिरिक्त 5-5 लाख रुपए दिए जाएंगे. जबकि मांग 25 -25 लाख रुपए की थी. अशोक जोशी, अन्नराज जोशी और निरमा के परिजन धरने पर बैठे थे.

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अब सिर्फ दो घायल भर्ती- 8 अक्टूबर को हुए इस हादसे में 16 लोग घायल हुए थे. जिनमें से 6 की उपचार के दौरान मौत हो गई. इसके अलावा 8 को छुट्टी दे दी गई. अभी अस्पताल में कंचन पत्नी रामनिवास लोहार और उसके ननद सूरज ही भर्ती हैं. हादसे में कुल दस लोगों की मौत हुई.

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क्या है पूरा मामला- बता दें, शहर के माता का थान क्षेत्र में मंगरा पूंजला इलाके के एक रहवासी कॉलोनी में 8 अक्टूबर को (Jodhpur Cylinder Blast) गैस के तीन-चार सिलेंडर फटने से आग लग गई. हादसे में अब तक 6 लोगों की मौत हो चुकी है. मंगरा पूजला क्षेत्र के कीर्ति नगर निवासी भोमाराम जो कि एक गैस एजेंसी के सिलेंडर परिवहन का काम करता है. हादसे के दिन उसके घर पर बड़ी संख्या में गैस सिलेंडर मौजूद थे. उस समय एक गाड़ी भी घर के बाहर खड़ी थी. घर पर गैस का अवैध काम होता है. गोदाम जैसे हालत थे. हादसे के वक्त भोमाराम घर के अंदर नहीं था. एक सिलेंडर लीक होने का अहसास होने पर उसके साले सुरेश ने तीली जलाकर जांच करनी चाही, जिसके चलते सिलेंडर ने आग पकड़ ली और एक के बाद एक अन्य सिलेंडरों में आग लगती गई.

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