राजस्थान

rajasthan

खबर का असर: जैसलमेर में गौशालाओं के अनुदान में फर्जीवाड़े की जांच करने पहु्ंची पशुपालन विभाग की टीम

By

Published : Mar 31, 2021, 3:19 PM IST

जैसलमेर में गौशालाओं के अनुदान में फर्जीवाड़े की जांच करने पशुपालन विभाग की 5 सदस्य टीम जैसलमेर पहुंची. टीम की भनक लगते ही फर्जी गौशाला संचालकों में हड़कंप मच गया. ईटीवी भारत ने पिछले दिनों जैसलमेर में फर्जी गौशाला संचालकों के अनुदान प्राप्त करने के गौरख धंधे का भंडाफोड़ किया था.

gaushala grant scam, jaisalmer news
जैसलमेर में गौशालाओं के अनुदान में फर्जीवाड़े की जांच करने पहु्ंची पशुपालन विभाग की टीम

जैसलमेर. गौशालाओं के अनुदान में फर्जीवाड़े की जांच करने पशुपालन विभाग की 5 सदस्य टीम जैसलमेर पहुंची. टीम की भनक लगते ही गौशाला संचालकों में हड़कंप मच गया. ईटीवी भारत ने इस फर्जीवाड़े को उजागर किया था. जांच के लिए जयपुर व जोधपुर के अधिकारियों की 5 सदस्यीय टीम पशुपालन विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ. चक्रधारी गौतम के नेतृत्व में जैसलमेर पहुंची. टीम के आने की जानकारी मिलने के साथ ही फर्जी गौशाला संचालक भी हरकत में आ गए और टीम पर दबाव बनाने के प्रयास भी किये गए.

पढे़ं:जैसलमेर में गौशालाओं के फर्जीवाड़े पर बोले हरीश चौधरी, कहा- बिना गायों के अनुदान प्राप्त करना है सबसे बड़ा अपराध

जांच टीम ने मीडिया से भी दूरी बनाये रखी. टीम के जैसलमेर पहुंचने से पहले ही गौशाला संचालकों ने भी अपने प्रयास तेज कर दिए और इसके साथ ही गत भौतिक सत्यापन में जिन गौशालाओं में एक भी गौवंश नहीं पाया गया, वहाँ संचालकों ने मैनेज करते हुए जांच टीम के सामने गौवंश भी जुटा लिए. लेकिन पालतू गाय होने के कारण उन पर टैग नहीं लगा हुआ था. इसके साथ ही गायों के खाने के लिए ना तो गौशालाओं में चारा मिला और ना ही गायों का गोबर.

गौशालाओं के अनुदान में फर्जीवाड़ा

प्राप्त जानकारी के अनुसार गौशालाओं में फर्जीवाड़े के खुलासे के बाद संचालकों ने बासनपीर गांव के पास स्थानीय पशुपालन विभाग के कर्मचारियों के साथ मारपीट भी की थी. उस दौरान पशुपालन विभाग के कर्मचारी वहाँ से निकले और खुद को बचाया. पशुपालन विभाग के कर्मचारी इससे इतने डरे हुए हैं कि उन्होंने इस मामले की एफआईआर तक नहीं करवाई.

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार फर्जी गौशाला संचालकों द्वारा अब भी पशुपालन विभाग के अधिकारियों पर दबाव बनाया जा रहा है कि पिछले भौतिक सत्यापन को रद्द किया जाए और नया भौतिक सत्यापन किया जाए ताकि उन्हें अनुदान मिल सके. ऐसे में अब जब संयुक्त टीम की रिपोर्ट सामने आएगी तब ही साफ हो पाएगा कि टीम ने उसमें क्या लिखा है और गौशालाओं के इस फर्जीवाड़े के खेल पर क्या कार्रवाई होती है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details