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रोजगार परक शिक्षा देने वाले शिक्षकों के रोजगार पर संकट, 6 महीने से वेतन नहीं और अब हटाने की तैयारी

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Published : Jul 9, 2023, 4:36 PM IST

प्रदेश के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में ठेके पर लगे व्यवसायिक शिक्षकों को अब संबंधित प्लेसमेंट एजेंसी बाहर का रास्ता दिखाने पर आमादा है. ऐसे में प्रदेश के करीब 3000 शिक्षकों ने राज्य सरकार से गुहार लगाते हुए शिक्षा विभाग में समायोजन की मांग उठाई है.

Vocational Education Teachers Protest in Jaipur
रोजगार परक शिक्षा देने वाले शिक्षकों के रोजगार पर संकट

किसने क्या कहा, सुनिए...

जयपुर.छात्रों को रोजगार परक शिक्षा देने वाले शिक्षकों के रोजगार पर अब संकट आन पड़ा है. ठेका प्रथा के तहत प्लेसमेंट एजेंसी के जरिए स्कूलों में व्यवसायिक शिक्षा दे रहे शिक्षकों को हटाया जा रहा है. जिसके विरोध में शिक्षकों ने राजस्थान शिक्षक संघ सियाराम के बैनर तले धरना दिया. इस दौरान संघ के प्रदेश अध्यक्ष शक्ति सिंह ने बताया कि राजस्थान के सभी व्यवसायिक शिक्षक ठेकेदारी प्रथा से पीड़ित हैं.

इन शिक्षकों को ठेकेदारी प्रथा से मुक्त करने को लेकर 6 महीने से मांग की जा रही है, लेकिन सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही. शिक्षकों का 6 से 12 महीने तक का वेतन भी बकाया चल रहा है. यही नहीं, अब तो इन व्यवसायिक शिक्षकों को हटाया जा था है. जिसका विरोध करते हैं राजस्थान के करीब 3000 शिक्षक आंदोलन की राह पर उतरे हैं. उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक इन शिक्षकों का समायोजन नहीं किया जाता और इन्हें बकाए वेतन का भुगतान नहीं किया जाता, तब तक शहीद स्मारक पर अनिश्चितकालीन धरना दिया जाएगा.

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वहीं, व्यवसायिक शिक्षक मनीषा सैनी ने बताया कि व्यवसायिक शिक्षकों में 50 फ़ीसदी महिला शिक्षिकाएं हैं. जिन्हें ना तो मेटरनिटी लीव मिलती है और यदि मेटरनिटी लीव लेते हैं तो उन्हें नौकरी से हाथ धोना पड़ता है. स्कूल में कहीं भी उनका नाम नहीं है. सिर्फ व्यवसायिक शिक्षक के रूप में उनकी पहचान है. स्कूल में भी जो शिक्षक को सम्मान मिलना चाहिए, वो अब तक प्राप्त नहीं हुआ है.

कभी 6 महीने तो कभी साल भर तक सैलरी नहीं आती. इस संबंध में विभागीय अधिकारियों से बात करते हैं तो कोई जवाब देने को तैयार नहीं होता. उन्होंने कहा कि उनकी शिक्षा के जरिए छात्रों ने रोजगार पाया है बारहवीं कक्षा के बाद रोजगार प्राप्त करने वाले छात्रों की एक लंबी फेहरिस्त है. उन्होंने सवाल उठाया कि जब उनकी शिक्षा से छात्र को रोजगार मिल रहा है, तो उनका रोजगार क्यों छीना जा रहा है.

आपको बता दें कि व्यवसायिक शिक्षा के तहत कक्षा 9 से 12वीं तक के छात्रों को आटोमोटिव, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड हार्डवेयर, टेलीकॉम, प्लंबर, टूरिज्म एंड हॉस्पिटैलिटी, प्राइवेट सिक्योरिटी, हेल्थ केयर, फूड प्रोसेसिंग, कंस्ट्रक्शन, ब्यूटी एंड वैलनेस, एग्रीकल्चर, बैंकिंग फाइनेंस सर्विसेज एंड इंश्योरेंस, होम फर्निशिंग जैसे रोजगार परक विषय पढ़ाए जाते हैं.

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