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RPSC सदस्य बाबूलाल कटारा ने 60 लाख रुपये में शेर सिंह से किया लाखों अभ्यर्थियों के भविष्य का 'सौदा'

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Published : Apr 19, 2023, 3:18 PM IST

राजस्थान लोकसेवा आयोग की वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा पेपर आउट मामले में RPSC सदस्य बाबूलाल कटारा की भूमिका को लेकर एसओजी के एडीजी अशोक राठौड़ ने बुधवार प्रेस कॉन्फ्रेंस की. अब तक की जांच में कई अहम जानकारियां एसओजी के हाथ लगी हैं.

ADG of Rajasthan SOG
एसओजी एडीजी अशोक राठौड़

एसओजी एडीजी अशोक राठौड़

जयपुर. वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा पेपर आउट मामले में एसओजी ने RPSC सदस्य बाबूलाल कटारा को गिरफ्तार कर बुधवार को उदयपुर में कोर्ट में पेश किया है. बाबूलाल कटारा, उसके चालक गोपाल सिंह और भांजे विजय से प्रारंभिक पूछताछ में कई अहम जानकारियां एसओजी के हाथ लगी हैं. अब इन्हें 29 अप्रैल तक रिमांड पर लेकर गहनता से पूछताछ की जाएगी. जबकि पहले गिरफ्तार शेर सिंह मीणा को न्यायिक अभिरक्षा में भेजा गया है.

इस मामले को लेकर आज बुधवार को एसओजी के एडीजी अशोक राठौड़ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि RPSC सदस्य बाबूलाल कटारा ने ही शेर सिंह को वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा का सामान्य ज्ञान का पेपर दिया था. उसने शेर सिंह से 60 लाख रुपये में पेपर का सौदा किया और शेर सिंह उर्फ अनिल मीणा ने दो बार में उसे यह राशि दी थी. शेर सिंह ने बाबूलाल कटारा से घनिष्ठता बढ़ाने के लिए उसके चालक गोपाल का इस्तेमाल किया और कई बार मेल मुलाकात के बाद उनकी पक्की दोस्ती हो गई थी. इसके बाद दोनों के बीच पेपर की डील फाइनल हुई.

पढ़ें :RPSC Paper Leak Case : SOG ने आरपीएससी सदस्य बाबूलाल कटारा समेत भांजे व ड्राइवर को भी पकड़ा

बाबूलाल कटारा के भांजे विजय की भी इस पूरे मामले में अहम भूमिका रही है. इसके इसके बदले शेर सिंह ने उसे सोने का कड़ा दिलवाया था. बता दें कि एसओजी ने मंगलवार सुबह अजमेर के सिविल लाइन्स स्थित आवास से बाबूलाल कटारा और अजमेर से ही उसके चालक गोपाल सिंह को पकड़ा था. जबकि बाबूलाल के भांजे विजय डामोर को डूंगरपुर जिले के वागदरी वागदरी गांव से पकड़ा था. इन तीनों को लंबी पूछताछ के बाद देर रात गिरफ्तार किया गया. एसओजी के एडीजी अशोक राठौड़ ने कहा कि इस मामले में फरार सुरेश ढाका को भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा.

अकेले बाबूलाल को पेपर सेट करने का जिम्मा, इसी का फायदा उठाया : राजस्थान लोकसेवा आयोग द्वारा आयोजित की गई वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा के पेपर सेट करने का जिम्मा बाबूलाल कटारा के पास ही था. छह अलग-अलग विशेषज्ञों ने जो प्रश्न दिए. वे प्रश्न उसने पेपर आउट मामले के आरोपी शेर सिंह उर्फ अनिल मीणा को बता दिए और बदले में 60 लाख रुपये लिए. शेर सिंह ने यह पेपर भूपेंद्र सारण को दिया. जिसने सुरेश ढाका तक पेपर पहुंचाया. सुरेश ढाका ने ही यह पेपर सुरेश विश्नोई को दिया, जो अभ्यर्थियों से 5-8 लाख रुपये लेकर चलती बस में पर्चा हल करवा रहा था. यह बड़ा सवाल है कि इतनी बड़ी परीक्षा के पेपर सेट करने की जिम्मेदारी अकेले बाबूलाल कटारा को कैसे दे दी गई.

शेर सिंह ने जयपुर के शास्त्री नगर में दुबारा टाइप करवाए प्रश्न : एसओजी की जांच में खुलासा हुआ है कि शेर सिंह ने बाबूलाल कटारा के अजमेर स्थित घर जाकर उससे प्रश्न लिए, जो हाथ से लिखे हुए थे. इसके बाद जयपुर आया और शास्त्री नगर में एक जगह पर सारे प्रश्नों को कंप्यूटर से टाइप करवाया. इसके बाद उसका प्रिंट निकलवाकर आगे भेजा. टाइप करने वाले व्यक्ति से पूछताछ कर वह कंप्यूटर और अन्य उपकरण फोरेंसिक जांच के लिए भेजे गए हैं. इससे पहले विशेषज्ञों ने जो प्रश्न दिए थे, उन सबको एक जगह बाबूलाल कटारा के भांजे विजय ने लिखे थे. इसके बदले उसे सोने का कड़ा दिया गया.

पहले दिन से शक था कि पेपर RPSC से ही आउट हुआ : एसओजी के एडीजी अशोक राठौड़ ने बताया कि पिछले कुछ समय से राजस्थान में पेपर आउट माफिया काम कर रहे हैं. रीट का पेपर संग्रहण केंद्र से बाहर आने और कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का पेपर परीक्षा केंद्र से आउट होने के बाद परीक्षा केंद्र और संग्रहण केंद्र पर पेपर की सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे. इसके बावजूद वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा का पेपर आउट हो गया. ऐसे में पहले दिन से ही शक था कि कहीं न कहीं RPSC से ही पेपर आउट हुआ है. लगातार तफ्तीश और गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में यह बात पुख्ता हो गई कि RPSC सदस्य बाबूलाल कटारा ने पेपर आउट किया है.

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