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रामलाल शर्मा का गहलोत पर हमला, कहा- झूठी घोषणाओं पर वाहवाही लूटने की कोशिश कर रही सरकार

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Published : Oct 31, 2022, 1:11 PM IST

संविदा कर्मचारियों को नियमितीकरण और OPS को लेकर एक बार फिर बीजेपी ने गहलोत सरकार (Ramlal Sharma target cm Gehlot) को निशाने पर लिया है. बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता रामलाल शर्मा का आरोप है कि सरकार झूठी घोषणाओं पर वाहवाही लूटने की कोशिश कर रही है, जबकि इनका लाभ कर्मचारियों को मिलने वाला नहीं है.

रामलाल शर्मा का गहलोत पर हमला
रामलाल शर्मा का गहलोत पर हमला

जयपुरप्रदेश की गहलोत सरकार ने ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) और संविदा कर्मचारियों का मानदेय फिक्स करने जैसी घोषणाएं कर आमजन का समर्थन जुटाने का प्रयास कर रही है. ऐसे में विपक्ष में बैठी बीजेपी ने इसे लेकर गहलोत सरकार पर हमला बोलना शुरू कर दिया है. यही वजह है कि बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता रामलाल शर्मा ने गहलोत सरकार पर सीधा हमला (Ramlal Sharma target cm Gehlot) बोलते हुए कहा कि जो घोषणाएं 2032-33 के बाद पूरी होगी. उन घोषणाओं की वाहवाही लूटने की कोशिश गहलोत सरकार कर रही है ,जबकि यह भी पता नहीं है कि उस समय सरकार कांग्रेस की रहेगी या नहीं. ऐसे में सरकार झूठी घोषणाएं कर वाहवाही लूटने का प्रय़ास कर रही है.

झूठी घोषणा पर वाहवाही
प्रवक्ता रामलाल शर्मा ने कहा कि कांग्रेस की सरकार ऐसी घोषणाओं को पूरा करने का दावा कर रही है (Bjp on ops and Contract Employees regularization) जो 2032-33 के बाद शुरू होने वाली है. OPS को लागू करने की (Ramlal Sharma called Gehlot announcements false) झूठी घोषणा कर वाहवाही लूटने की कोशिश कर रहे हैं जैसे कोई बहुत बड़ा काम सरकार ने कर दिया हो. शर्मा ने कहा कि इसकी क्या गारंटी है कि 2032-33 में कांग्रेस की सरकार राजस्थान में होगी. इसी तरह से संविदा कर्मचारियों को नियमित करने की घोषणा कर सरकार ने उन्हें गुमराह करने की कोशिश की है. इस झूठी घोषणा को कांग्रेस के नेता राहुल गांधी से भी ट्वीट करवा दिया, जबकि सरकार की इस घोषणा से संविदा कर्मचारी नाराज हैं और सड़कों पर उतरने की तैयारी में हैं.

पढ़ें.गहलोत सरकार के इस नियम पर भड़के संविदा कर्मचारी, प्रदेशभर में किया प्रदर्शन

गुजरात की धरती पर गहलोत का झूठ
रामलाल शर्मा ने कहा कि गुजरात की धरती पर जाकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कहते हैं कि संविदा कर्मचारी को नियमित करने का काम किया है. यह झूठा दावा है. कांग्रेस के हाथ में जो कुछ है यदि उतनी ही मदद कर दें तो उसमें ही बेरोजगारों को काफी राहत मिलेगी. जिस तरह के नियम संविदा कर्मचारियों को लेकर बनाए हैं उसे बेरोजगार मानने को तैयार नहीं हैं. दोहरे मापदंड के आधार पर गहलोत सरकार काम कर रही है. जो संविदा कर्मचारियों का नियम है उनमें कहीं पर भी नियमित करने का प्रावधान नहीं है. बस सिर्फ मानदेय को फिक्स कर दिया गया है कि 7 साल पर इतना और 18 साल पर इतना मानदेय मिलेगा और इस फैसले से संविदा कर्मचारी खुश नहीं है.

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