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Ashok Chandna Over Limitations: स्पीकर ने समझाया- आप हैं मंत्री फैसला लें, चांदना बोले- मेरे नहीं मुख्यमंत्री के हाथ में सब

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Published : Mar 16, 2023, 2:08 PM IST

Speaker Joshi Vs Minister Chandna, राजस्थान सरकार पर तोहमत है कि फैसले मंत्री नहीं मुख्यमंत्री लेते हैं. विपक्ष एक बार नहीं बल्कि कई बार मुद्दे को उठा चुका है. इसे मंत्रीगण नकारते भी आए हैं लेकिन आज जो सदन में हुआ उसने काफी हद तक स्थिति स्पष्ट कर दी.

Ashok Chandna Over Limitations
Ashok Chandna Over Limitations

जयपुर.राजस्थान विधानसभा में आज एक सवाल के जवाब में मंत्री अशोक चांदना अपनी बात रख रहे थे. लेकिन नियमों के पक्के स्पीकर को जवाब में कुछ कमी लगी तो उन्होंने टोका. जिस पर फिर उत्तर मिला और ये सिलसिला कुछ देर तक यूं ही चलता रहा. आखिर में सीपी जोशी ने संसदीय कार्यमंत्री से कहा कि इसे गंभीरता से लें आप.

खेल स्टेडियम की जमीन पर सवाल- विधायक साफिया जुबेर ने कहा कि उनके ब्लॉक मुख्यालय पर जमीन उपलब्ध नहीं है तो जिस पंचायत में जमीन उपलब्ध हो उस ब्लॉक में खेल स्टेडियम बना दिया जाए. इस पर मंत्री अशोक चांदना ने कहा कि मैं कोशिश करूंगा कि नियमों में शिथिलता दी जा सके.

...फिर चला सवाल जवाब का दौर- चांदना के जवाबपर स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि आप मैचिंग ग्रांट देते हैं, एमएलए 25 लाख अपने फंड से देते हैं. ऐसे में आप इस रिस्ट्रिक्शन को हटाए क्योंकि जनप्रतिनिधि ब्लॉक के लिए पैसा दे रहा है. इस पर फिर अशोक चांदना ने कहा कि विशेष परिस्थिति देखते हुए अगर ब्लॉक हेड क्वार्टर पर जमीन नहीं है और पंचायत में उपलब्ध है तो करवा देंगे. चांदना के जवाब एक बार फिर स्पीकर सीपी जोशी सन्तुष्ट नही हुए.

हुई नियमों और पाबंदियों की बात- जोशी ने आगे कहा कि विशेष परिस्थिति नहीं, बल्कि विभाग निर्णय ले. फैसला ले कि जिस ब्लॉक में ब्लॉक जनप्रतिनिधि 25 लाख दे रहा है वो स्टेडियम आप नहीं बना रहे हैं. आपको 25 लाख जब मिलते हैं वो आने के बाद ही मैचिंग ग्रांट देते हैं. अगर कोई जनप्रतिनिधि ब्लॉक में जगह नहीं है और वह अपने किसी अन्य ब्लॉक के लिए 25 लाख दे रहा है तो इसमें विशेष परिस्थिति क्या है? यह तो जनरल रिलैक्सेशन है जो आप दें. स्पीकर के कहने के बाद भी अशोक चांदना नहीं रूके. बोले इसमें रिलैक्सेशन के लिए मुख्यमंत्री निर्णय ले सकते हैं, यह बजट घोषणा के अधीन है.

जोशी बोले 'मंत्री आप'- मंत्री के इस जवाब के बाद स्पीकर सीपी जोशी फिर खड़े हुए. उन्होंने कहा कि विभाग का मंत्री होता है. मंत्री का काम है कि अगर वो संतुष्ट है तो ये काम मुख्यमंत्री से करवा कर लाएंगे. फिर अपने पद और सदन के नियमों का हवाला दिया. कहा- यह नहीं होता सदन में कि अगर आप इस बात से सहमत हैं तो आप कहें कि सदन में शिथिलता की जाएगी. जोशी के इतना कहने के बावजूद भी अशोक चांदना ने हां नहीं की और यह कह दिया कि इसमें शिथिलता देना मेरे हाथ में नहीं है, मैं इससे सहमत हूं.

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'सरकार का मतलब सरकार'- इस पर स्पीकर सीपी जोशी ने अशोक चांदना की जगह संसदीय कार्य मंत्री से कहा कि आप इसे गंभीरता से लें कि सरकार का मतलब सरकार होता है. सरकार की प्रक्रिया को संपादित करने का काम मंत्री का है. सदन की भावना मैं स्पीकर के तौर पर रख रहा हूं कि ब्लाक के माध्यम से जनप्रतिनिधि 25 लाख देता है तो आप मैचिंग ग्रांट देंगे. मंत्री हेमाराम ने भी आसींद हुरडा मैं रतिया हेली में टायरों को जलाकर क्रूड ऑयल बनाने की फैक्ट्री से पर्यावरण प्रदूषित होने की बात कही तो मंत्री ने इस मामले की जांच के आदेश दिए.

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