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मेवाड़ पर मंथन ! प्रदेश बीजेपी का आज उदयपुर संभाग पर मंथन, राजसमन्द डीसी का महाघेराव

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Published : Apr 10, 2023, 8:31 AM IST

राजस्थान भाजप मेवाड़ को लेकर काफी सीरियस है. कहते हैं जिसने मेवाड़ जीता उसी को सत्ता मिलती है. केद्रीय नेतृत्व ने भी मेवाड़ के नेता को असम का राज्यपाल बनाकर मेवाड़ वासियों को खुश किया है.

प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी
प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी

जयपुर. विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बीजेपी पूरी तरीके से सक्रिय हो गई है. यही वजह है कि एक बार फिर बीजेपी जनाक्रोश घेराव के साथ संभागीय बैठक में जुट गई है. इसी कड़ी में सोमवार को प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी और संगठन महामंत्री चंद्रशेखर उदयपुर संभाग के सियासी समीकरणों पर अहम बैठक लेंगे. वहीं बैठक से पहले राजसमंद जिला कलेक्ट्रेट का घेराव किया जाएगा. साथ ही जिला कलेक्टर को ज्ञापन देंगे. 6 जिलों के उदयपुर संभाग में 28 विधानसभा सीटें है, जिनमें से बीजेपी 15 के पास है. आगामी चुनाव में ये आंकड़ा किस तरह से बढ़ाया जाए इसको लेकर रायसुमारी होगी.

संभागीय बैठक
बता दें बीजेपी के नये प्रदेश अध्यक्ष बने सीपी जोशी इन दिनों संभागवार संगठनात्मक मीटिंग ले रहे हैं. इन मीटिंगों में संभाग की सियासी स्थिति और संगठन की कार्ययोजना पर अहम चर्चा हो रही है. जयपुर के बाद अध्यक्ष जोशी उदयपुर संभाग की बैठक लेने जा रहे हैं. बैठक में सीपी जोशी के साथ प्रदेश संगठन महामंत्री चन्द्रशेखर के अलावा उदयपुर संभाग के प्रदेश पदाधिकारी, ज़िला अध्यक्ष और प्रभारी, सांसद, विधायकों नके साथ मोर्चा के अध्यक्ष, प्रकोष्ठ और विभाग के संयोजक - सह-संयोजक बैठक में मौजूद रहेंगे. भाजपा ज़िला कार्यालय राजसमन्द में होने वाली उदयपुर संभाग की बैठक संगठनात्मक और आगामी कार्ययोजना को लेकर रणनीति बनेगी.

राजसमंद जिला कलेक्ट्रेट का घेराव
संभागीय बैठक से पहले प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी के नेतृत्व में पेपर लीक, कानून व्यवस्था, रोजगार और महिला सुरक्षा जैसे मुद्दों के साथ जयपुर बम ब्लास्ट मामले में सरकार की कोर्ट में कमजोर पैरवी मामले को लेकर राजसमन्द में ज़िला कलेक्ट्रेट का जनआक्रोश महाघेराव किया जाएगा. इसके साथ ज़िला कलेक्टर को ज्ञापन देंगे. बीजेपी इन जनआक्रोश महाघेराव के जरिये प्रदेश की गहलोत सरकार की नाकामियों को भी आमजन तक पहुंचाने का काम कर रही है. इस विरोध प्रदर्शन के जरिये बीजेपी कन्हैया लाल हत्या के मामले पर सरकार को निशाने पर लेगी. अध्यक्ष पद संभालने के बाद जोशी कमोबेश अपने हर भाषण या बयान में कन्हैया लाल के बहाने गहलोत सरकार पर तुष्टीकरण की राजनीति का आरोप लगाते रहे हैं.

मेवाड़ के सियासी मिज़ाज
दरअसल कहा जाता है कि राजस्थानी की राजनीति किसी भी पार्टी को सत्ता तक पहुंचना है तो उसके लिए पहले मेवाड़ को जीतना ही होता है, हालांकि 2018 में चुनाव में ये मिथक टूट गया है. बीजेपी के पास मेवाड़ में ज्यादा सीटें होने के बाद भी सत्ता पर काबिज नही हो पाए थे, लेकिन फिर भी बीजेपी की कोशिश है कि उदयपुर संभाग पर प्राथमिकता में रखा जाए. इसकी एक वजह यह भी है कि मेवाड़ के कद्दावर और बड़े जनाधार के नेता माने जाने वाले गुलाबचंद कटारिया को केन्द्रीय नेतृत्व ने असम का राज्यपाल बना दिया है, हालांकि मेवाड़ की इस कमी को पूरा करने और क्षेत्रीय संतुलन बनाते हुए सांसद सीपी जोशी को प्रदेश अध्यक्ष बना दिया था.

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इनको मिली मेवाड़ में जीत
मेवाड़ के आंकड़े बताते हैं कि 2008 में परिसीमन के बाद उदयपुर संभाग की विधानसभा सीटें 30 से घटकर 28 रह गईं. परिसीमन से पहले 1998 में कुल सीटें 30 थीं, तब कांग्रेस को 23, भाजपा को 4 और अन्य के खाते में 3 गईं. तब कांग्रेस की सरकार बनी और अशोक गहलोत पहली बार मुख्यमंत्री बने. इसके बाद 2003 में 30 विधानसभा सीटों में कांग्रेस को 7, भाजपा को 21 और अन्य को दो मिलीं. तब प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनी और वसुंधरा राजे पहली बार मुख्यमंत्री बनी. फिर 2008 हुए परिसीमन में इन सीटों की संख्या 30 से घट कर 28 पर आ गईं.

इस दौरान हुए चुनाव में इनमें कांग्रेस को 20, भाजपा को 6 और अन्य को 2 सीटें हासिल हुईं और प्रदेश में एक बार फिर अशोक गहलोत के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनी. साल 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में फिर सियासी बाजी बदली और कांग्रेस को 2, भाजपा को 25 और अन्य के खाते में 1 गई. जब वसुंधरा राजे के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार बनी . पिछले विधानसभा यानी 2018 में हुए चुनाव में थोड़ा समीकरण बदला इस बार सीटें तो बीजेपी के खाते में ज्यादा आई लेकिन सरकार कांग्रेस की बनी. 2018 के विधानसभा चुनाव परिणाम में कांग्रेस को 10, बीजेपी को 15 और 3 अन्य के खाते में गई .

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