उपेन यादव ने किया विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान जयपुर.राजस्थान में युवा बेरोजगारों की आवाज बुलंद कर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष उपेन यादव ने अब सियासत की राह पर आगे बढ़ने का ऐलान किया है. गुरुवार को उन्होंने एक प्रेस कांफ्रेंस करते हुए विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया. साथ ही उन्होंने प्रदेश के युवा बेरोजगारों से भी आह्वान किया है कि प्रदेश की 200 सीटों पर बड़ी वैकेंसी है. सबको भाग्य आजमाना चाहिए.
विधानसभा चुनाव लड़ने की रणनीति के सवाल पर उपेन यादव ने कहा कि लगातार युवा बेरोजगारों से संवाद कार्यक्रम जारी था. इस दौरान उन्होंने उनका दर्द और पीड़ा देखी. लगातार 11 साल 8 महीने तक दोनों पार्टियों (भाजपा और कांग्रेस) की सरकारों के सामने बेरोजगारों ने संघर्ष किया है. इस संघर्ष के बाद निष्कर्ष यह निकला है कि कभी उत्तर प्रदेश तो कभी गुजरात तक जाना पड़ा. कभी अनशन तो कभी धरना-प्रदर्शन और कभी बड़ी रैलियां तक करनी पड़ी. उनका कहना है कि प्रदेश में 40-50 लाख शिक्षित बेरोजगार हैं. हर एक युवा शिक्षित बेरोजगार से चार-पांच लोग जुड़े होते हैं. इस लिहाज से देखें तो दो से ढाई करोड़ मतदाता होते हैं. ऐसे में इस बार भी विधानसभा चुनाव में युवाओं की बड़ी भूमिका होगी. जब राजनीतिक पार्टियों को सत्ता में लाने का काम युवा करते हैं तो इनकी आवाज बुलंद करने के लिए हमारा कोई न कोई प्रतिनिधि होना चाहिए.
राजनीतिक पार्टियों को दी नसीहत : उन्होंने राजनीतिक पार्टियों को नसीहत देते हुए कहा पार्टियां युवाओं को ज्यादा से ज्यादा प्रतिनिधित्व दें, क्योंकि बेरोजगारी, पेपर लीक और नौकरियां बड़ा मुद्दा है. उन्होंने कहा युवा संवाद से उनको लगा कि युवाओं की आवाज को विधानसभा में जाकर बुलंद करनी चाहिए. 11 साल 8 महीने सड़कों पर आवाज बुलंद करने के बाद वो अब विधानसभा में भी युवाओं की आवाज बुलंद करने के लिए तैयार हैं. युवा संवाद कार्यक्रम के तहत विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं से भी मुलाकात जारी है. इसके बाद ही अंतिम निर्णय किया जाएगा.
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उन्होंने आगे कहा कि वित्तीय स्वीकृति जारी हो चुकी प्रक्रियाधीन भर्तियों की विज्ञप्ति जारी करने, जिन भर्तियों का एग्जाम कैलेंडर जारी हो चुका उनके एग्जाम की संभावना आदि कई मुद्दे हैं, जिनपर चर्चा करते हुए ही निर्णय लिया जाएगा कि किस पार्टी की ओर रुख करना है.
युवाओं ने जिसका समर्थन किया उसी की सरकार बनी : उपेन यादव ने कहा है कि 2013 में युवाओं ने भारतीय जनता पार्टी को समर्थन दिया था तो भाजपा ही सत्ता में आई. इसके बाद 2018 में जब युवाओं ने कांग्रेस को समर्थन दिया तो कांग्रेस भी सत्ता में आई. इससे साफ है कि चुनाव में किसकी सरकार बनेगी, इसमें युवाओं की बड़ी भागीदारी होती है. जीत की चाबी युवाओं के पास ही रहती है. इसलिए हमने आर-पार की लड़ाई का ऐलान किया है. इस बार जो भी युवाओं की अनदेखी करेगा. उसे बड़ा नुकसान होगा.
सीट को लेकर युवा ही लेंगे फैसला : प्रदेश की कौनसी सीट से उपेन यादव चुनाव लड़ेंगे और कौनसी पार्टी से टिकट की मांग करेंगे, इस सवाल पर उन्होंने कहा कि कौनसी पार्टी किस फार्मूले पर टिकट दे रही है, इस पर वो ध्यान नहीं देते. उन्होंने 2.50 लाख से ज्यादा युवा बेरोजगारों को सरकारी जॉब दिलाने का काम किया है. इसके लिए 300 से ज्यादा आंदोलन व 12 अनशन किए हैं. दर्जनों बार जेल भी जाना पड़ा है. उनके एक ट्वीट पर कई युवा बेरोजगार उनके साथ खड़े हो जाते है. ऐसे में चुनाव लड़ने के लिए जो योग्यताएं उनके पास हैं, वो शायद ही किसी ओर के पास होंगी. युवा ही तय करेंगे कि उनको चुनाव लड़ना चाहिए या नहीं. सीट और पार्टी को लेकर भी युवा बेरोजगार ही फैसला लेंगे.
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रोजगार पर वोट देगा युवा : उपेन यादव ने कहा कि करीब-करीब पिछले कई महीनों में युवाओं की मांगों को लेकर आंदोलन किए गए हैं. बेरोजगारी पूरे देश में बड़ी समस्या है. बेरोजगार जाति और धर्म से हटकर सोचता है. उन्होंने कहा कि बेरोजगारों की भावनाओं को समझा है. कहीं न कहीं इस बार युवा रोजगार और पेपर लीक जैसे मुद्दों को लेकर वोट देगा. जिन नेताओं को यह पता नहीं कि कौनसा सेक्रेटरी कहां बैठता है तो वे क्या युवा बेरोजगारों का भला कर पाएंगे. ऐसे में युवाओं को आगे आना चाहिए, जो युवाओं की आवाज को बेहतर तरीके से बुलंद कर सके. उन्होंने कहा कि 200 सीटों पर एक बड़ी वैकेंसी है. सभी युवा नेताओं को भाग्य आजमाना चाहिए. युवाओं की आवाज बुलंद होनी चाहिए. कोई भी आए. स्वागत है. पूरा सहयोग करने के लिए तैयार हूं.