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Rajasthan Politics : सीएम के सर्वे पर एक्सपर्ट की राय, वरिष्ठ पत्रकार ओम सैनी बोले- राजस्थान में सोशल इंजीनियरिंग हो सकती है कारगर

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Published : Apr 22, 2023, 6:59 AM IST

Updated : Apr 22, 2023, 7:18 AM IST

राजस्थान की सत्ता पर वापसी के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एड़ी चोटी का जोर लगा रहे हैं. सरकारी योजनाओं और सकीम्स के जरिए क्या सीएम वोटर्स का भरोसा वापस जीत पाएंगे, जानते हैं वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक ओम सैनी (Om Saini view on Rajasthan Politics) से...

Om Saini view on Rajasthan Politics
राजस्थान की राजनीति पर ओम सैनी की राय

सीएम के सर्वे पर एक्सपर्ट की राय

जयपुर.हाल ही में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सरकार रिपीट करने के दावे को लेकर एक सर्वे की बात कही थी. विधायकों के साथ वार्ता में भी बार-बार इस सर्वे का जिक्र किया गया. ऐसे में ईटीवी भारत ने वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक ओम सैनी से बात कर समझने की कोशिश की कि आज के हालात के बीच क्या सर्वे में सरकार वापसी की तस्वीर नजर आती है? क्या सरकारी योजनाओं के दम पर अशोक गहलोत राजस्थान में सत्ता परिवर्तन की परंपरा को बदलने में कामयाब हो सकते हैं? क्या अशोक गहलोत के नेतृत्व पर वोटर्स भरोसा करेंगे?

सरकार की योजनाएं हैं बड़ी कारगर :राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बार-बार महंगाई राहत कैंप के जरिए चुनावी साल में जनता के बीच जाने की बात कर रहे हैं. वे मुफ्त बिजली, 25 लाख के स्वास्थ्य बीमा, 500 रुपये में सिलेंडर के अलावा अन्य कई योजनाएं लाने की बात कर चुके हैं. 24 तारीख से शुरू होने वाले इस मिशन में अशोक गहलोत को उम्मीद है कि सत्ता की वापसी की चाबी जनता उन्हें सौंप देगी. ओम सैनी के मुताबिक इन जन कल्याणकारी योजनाओं के जरिए अशोक गहलोत जनता से सीधा कनेक्ट करके अपनी बात रख सकेंगे.

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ओम सैनी ने बताया कि 1998 से 2003 और 2008 से 2013 के कार्यकाल में अशोक गहलोत ने स्कीम्स और फ्लैगशिप योजनाओं के जरिए जनता के बीच चुनावी संग्राम में उतरने का फैसला किया था, लेकिन राजस्थान की आवाम ने विपक्ष में बैठी भाजपा की बात को महत्व दिया. जनता ने कांग्रेस को एक बार 156 से आधी सीटों पर ला दिया था. जबकि दूसरी बार सत्ता से बेदखल होने के साथ ही पार्टी शर्मनाक स्थिति में पहुंच गई थी. ऐसे में महंगाई राहत कैंप के फार्मूले में कई सवाल भी खड़े होते हैं.

वरिष्ठ पत्रकार ओम सैनी ये बोले...

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राजस्थान में सोशल इंजीनियरिंग ही कारगर :राजनीतिक विश्लेषक ओम सैनी के मुताबिक महंगाई के मुद्दे पर केंद्र में मोदी सरकार काबिज हो गई, लेकिन राज्य में उसी तर्ज पर जनता का भरोसा जीतना थोड़ा मुश्किल है. उन्होंने कहा कि अशोक गहलोत ही नहीं बल्कि वसुंधरा राजे भी सरकार रिपीट करने में कामयाब नहीं रही थीं. हालांकि ओम सैनी ने इस बात पर जोर दिया कि फीडबैक सिस्टम के साथ-साथ अशोक गहलोत का कोरोना प्रबंधन भी अगर जनता गौर करें तो उन्हें वापसी के लिए मंजूरी मिल सकती है.

कांग्रेस और भाजपा के बीच अंदरूनी स्थिरता को लेकर भी नतीजों के बीच ओम सैनी ने सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि भाजपा में आने वाले चेहरे पर भी चुनावी नतीजों में काफी कुछ निर्भर होगा. उन्होंने प्रत्यक्ष रूप से मोदी बनाम अशोक गहलोत के मुकाबले की बात को सिरे से खारिज किया. सैनी ने साफ तौर पर कहा कि राजस्थान के सामाजिक समीकरण ही चुनावी नतीजों को तय करने वाले होते हैं. उन्होंने प्रमुख जातियों का जिक्र करते हुए जाट, राजपूत, गुर्जर, मीणा और एससी वोट बैंक की बात कही. ओम सैनी के मुताबिक इन जातियों के साथ के बिना किसी भी पार्टी का सत्ता पर काबिज होना मुमकिन नहीं है. प्रदेश में सामाजिक संतुलन को सैनी अधिक महत्व देते हैं.

Last Updated :Apr 22, 2023, 7:18 AM IST

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